दतिया/शिवपुरी (Agency-PTI के साथ ब्यूरो इनपुट)। उमेश पाल मर्डर के मुख्य आरोपी गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद आज सुबह एमपी होते हुए प्रयागराज निकले. इस दौरान एमपी में दो जगहों पर उनका छोटा सा ठहराव हुआ. डॉन अतीक अहमद यूपी पुलिस के साथ मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के सुरवाया पुलिस स्टेशन पर जब रुके तो अपनी जान बचाने के लिए मीडिया के लोगों को धन्यवाद किया. पुलिस स्टेशन परिसर में बुधवार को करीब 20 मिनट तक रहे. मीडियाकर्मियों ने सुबह करीब सात बजे अतीक अहमद से कुछ सवाल पूछे. जवाब में उन्होने कहा कि "मेरा परिवार बर्बाद हो गया. मेरी जान को खतरा है. मेरे साथ माफियागिरी जैसी कोई बात नहीं लेकिन फिर भी आपलोगों का शुक्रिया. मैं आज आपकी वजह से सुरक्षित हूं".
साबरमती जेल में उत्पीड़न: गैंगस्टर अतीक अहमद ने पत्रकारों से कहा कि "मैं आप लोगों की वजह से सुरक्षित हूं. मैंने वहां (जेल के अंदर) से किसी को फोन नहीं किया. जैमर के बीच कोई किसी को कैसे फोन लगा सकता है, ना ही मैने किसी किस्म की साजिश रची है. पिछले छह साल से सलाखों के पीछे हूं." जब संवाददाताओं ने उनसे पूछा तो अतीक का इशारा सीएम योगी की तरफ था. उन्होंने कहा कि "उन्होंने मुझे पहले ही खत्म कर दिया है. अब साबरमती जेल में भी मुझे परेशान किया जा रहा है. इससे पहले जब अहमद को इसी रास्ते से 26 मार्च को प्रयागराज ले जाया गया था. उस समय भी काफिला शिवपुरी जिले में रुका था. जब मीडियाकर्मियों ने उनसे सवाल किया कि क्या उन्हें अपनी जान का खतरा है, तो उन्होंने कहा, काहे का डर (क्या डर).
उमेश पाल हत्याकांड में शाइस्ता परवीन भी आरोपी: बुधवार को अहमद को प्रयागराज ले जा रहा पुलिस का काफिला दतिया होते हुए सुबह करीब पौने आठ बजे झांसी से उत्तर प्रदेश की सीमा में दाखिल हुआ. उमेश पाल और उनके दो पुलिस सुरक्षा गार्डों की इस साल 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल की पत्नी जया पाल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर 25 फरवरी को अतीक अहमद, उनके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और नौ अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया था.
प्रयागराज हाईकोर्ट से सजा: उत्तर प्रदेश पुलिस 26 मार्च को भी अतीक अहमद को अदालत में पेश करने के लिए साबरमती जेल से प्रयागराज ले गई थी. 28 मार्च को वहां की अदालत ने 2006 के उमेश पाल अपहरण मामले में अहमद और दो अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
अतीक अहमद पर कई गंभीर केस: उत्तरप्रदेश पुलिस ने कहा कि "अहमद पर हाल ही में उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं. जिनमें सबसे सनसनीखेज हत्याओं में अतीक अहमद कथित रूप से शामिल हैं. उनमें बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक राजू पाल की हत्या थी, जिनकी 2005 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. अहमद ने पिछले महीने सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसमें दावा किया गया था कि उन्हें और उनके परिवार को प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी के रूप में झूठा फंसाया गया है. उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उन्हें फर्जी मुठभेड़ में मारा जा सकता है."
MP पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था में दिया पूरा साथ: बड़ौनी एसडीओपी दीपक नायक ने बताया कि शिवपुरी जिले के बाद झांसी जिले में प्रवेश करने से पहले दतिया जिले की लगभग 8 किलोमीटर सीमा तय करनी पड़ती है. इसी रास्ते से आते अतीक को भी ले जाया गया है. मध्यप्रदेश की पुलिस ने भी सुरक्षा व्यवस्था में साथ दिया है."