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फास्टैग ने बदल दिया खेल: अब नहीं लगेगा ब्रेक, टोल प्लाजा का रियलिटी चेक - दतिया टोल प्लाजा पर ईटीवी का रियलिटी चेक

फास्टैग से सबकी बल्ले बल्ले. MP-UP बॉर्डर पर डगरई टोल प्लाजा के कितने बदले हालात. ईटीवी भारत ने किया रियलिटी चेक.

fastag changed the game
फास्टैग ने बदल दिया खेल
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Published : Jan 9, 2021, 12:19 PM IST

Updated : Jan 9, 2021, 1:21 PM IST

वाहनों की लंबी लाइन. थका देने वाला इंतजार. मंजिल तक पहुंचने की जल्दी. गर्मी का मौसम हो तो पसीना पसीना. लेकिन टैक्स चुकाए बिना आगे जाना मुमकिन नहीं. और टोल टैक्स देने के लिए कई बार घंटों तक गाड़ियों के पहिए जाम हो जाते. ये हालात होते थे टोक नाकों पर कुछ महीनों पहले. अब जमाना हाईटेक हो गया है. अब आप जाइए टोक नाकों पर.नजारा बदला बदला सा है. ना गाड़ियों की लंबी लाइनें मिलेंगी. ना अपनी बारी का लंबा इंतजार. मंजिल भी थोड़ा पास हो गई. ऐसा इसलिए है, क्योंकि अब टोल की हर समस्या करने वाला आ गया है, यानि फास्टैग आ गया है. फास्टैग स्कीम भारत में सबसे पहले साल 2014 में शुरू हुई थी. जिसे धीरे धीरे पूरे देश के टोल प्लाजा पर लागू किया जा रहा है.

दतिया टोल प्लाजा का रियलिटी चेक

मध्यप्रदेश के दतिया जिले के एमपी-यूपी बॉर्डर पर डगरई के पास लगाया गया है. लोगों को उम्मीद थी वाहन चालकों की परेशानियां कम हो जाएंगी. क्या फास्टैग से लोगों को वाकई राहत मिली है, समय बच रहा है या नहीं, खुल्ले पैसों का झंझट कम हुआ या नहीं . लोगों की तकलीफें कितनी कम हईं, ये जाना ईटीवी भारत ने. रियलिटी चेक में सामने आया कि फास्टैग से सभी खुश हैं. वाहन चालक खुश हैं क्योंकि अब लंबी लंबी लाइनें नहीं हैं.उनका समय बच रहा है, टोलकर्मी खुश हैं क्योंकि लोगों से आए दिन होने वाली तू-तू-मैं-मैं अब नहीं होती. कुल मिलाकर सब शांति. ये जरूर है कि अभी सभी ने फास्टैग नहीं लगवाया है.

दतिया टोल प्लाजा रियलिटी चेक

क्या होता है फास्टैग?

टोल प्लाजा पर टोल कलेक्शन सिस्टम से होने वाली परेशानियों का हल निकालने के लिए “राष्ट्रीय हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया” यानी NHAI ने “इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन” (ETC) सिस्टम शुरू किया है. इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम या फास्टैग स्कीम भारत में 2014 में शुरू की गई थी. धीरे धीरे इसे पूरे देश के टोल प्लाजा पर लागू किया जा रहा है. फास्टैग सिस्टम की मदद से टोल प्लाजा में बिना रुके अपना टैक्स दे सकेंगे. आपको बस अपने वाहन पर फास्टैग लगाना होगा..

कैसे काम करता है फास्टैग?

फास्टैग एक उपकरण होता है जो वाहन के सामने वाले कांच पर लगाया जाता है. इसमें रेडियो फ्रिकवेंसी आइडेंटिफिकेशन ( RFDI) लगा होता है. जैसे ही आपकी गाड़ी टोल प्लाजा के पास आती है, तो टोल प्लाजा पर लगा सेंसर आपके वाहन के विंड स्क्रीन में लगे फास्टैग के संपर्क में आता है. आपके फास्टटैग अकाउंट से उस टोल प्लाजा पर लगने वाला शुल्क काट देता है . आपको वहां रुकने की जरूरत नहीं पड़ती.यह टैग आपके प्रीपेड खाते के सक्रिय होते ही अपना काम शुरू कर देता है. जब आपके फास्टैग अकाउंट की राशि खत्म हो जाएगी, तो आपको उसे फिर से रिचार्ज करवाना पड़ेगा.

फास्टैग का फायदा

टोल प्लाजा में टोल टैक्स देने के लिए गाड़ियों की लंबी लाइन अब नहीं लगती. खुले पैसे होने की समस्या भी नहीं रहेगी. फास्टैग की मदद से आपका समय बचेगा. साथ ही पेट्रोल- डीजल की भी बचत होगी.

वाहनों की लंबी लाइन. थका देने वाला इंतजार. मंजिल तक पहुंचने की जल्दी. गर्मी का मौसम हो तो पसीना पसीना. लेकिन टैक्स चुकाए बिना आगे जाना मुमकिन नहीं. और टोल टैक्स देने के लिए कई बार घंटों तक गाड़ियों के पहिए जाम हो जाते. ये हालात होते थे टोक नाकों पर कुछ महीनों पहले. अब जमाना हाईटेक हो गया है. अब आप जाइए टोक नाकों पर.नजारा बदला बदला सा है. ना गाड़ियों की लंबी लाइनें मिलेंगी. ना अपनी बारी का लंबा इंतजार. मंजिल भी थोड़ा पास हो गई. ऐसा इसलिए है, क्योंकि अब टोल की हर समस्या करने वाला आ गया है, यानि फास्टैग आ गया है. फास्टैग स्कीम भारत में सबसे पहले साल 2014 में शुरू हुई थी. जिसे धीरे धीरे पूरे देश के टोल प्लाजा पर लागू किया जा रहा है.

दतिया टोल प्लाजा का रियलिटी चेक

मध्यप्रदेश के दतिया जिले के एमपी-यूपी बॉर्डर पर डगरई के पास लगाया गया है. लोगों को उम्मीद थी वाहन चालकों की परेशानियां कम हो जाएंगी. क्या फास्टैग से लोगों को वाकई राहत मिली है, समय बच रहा है या नहीं, खुल्ले पैसों का झंझट कम हुआ या नहीं . लोगों की तकलीफें कितनी कम हईं, ये जाना ईटीवी भारत ने. रियलिटी चेक में सामने आया कि फास्टैग से सभी खुश हैं. वाहन चालक खुश हैं क्योंकि अब लंबी लंबी लाइनें नहीं हैं.उनका समय बच रहा है, टोलकर्मी खुश हैं क्योंकि लोगों से आए दिन होने वाली तू-तू-मैं-मैं अब नहीं होती. कुल मिलाकर सब शांति. ये जरूर है कि अभी सभी ने फास्टैग नहीं लगवाया है.

दतिया टोल प्लाजा रियलिटी चेक

क्या होता है फास्टैग?

टोल प्लाजा पर टोल कलेक्शन सिस्टम से होने वाली परेशानियों का हल निकालने के लिए “राष्ट्रीय हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया” यानी NHAI ने “इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन” (ETC) सिस्टम शुरू किया है. इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम या फास्टैग स्कीम भारत में 2014 में शुरू की गई थी. धीरे धीरे इसे पूरे देश के टोल प्लाजा पर लागू किया जा रहा है. फास्टैग सिस्टम की मदद से टोल प्लाजा में बिना रुके अपना टैक्स दे सकेंगे. आपको बस अपने वाहन पर फास्टैग लगाना होगा..

कैसे काम करता है फास्टैग?

फास्टैग एक उपकरण होता है जो वाहन के सामने वाले कांच पर लगाया जाता है. इसमें रेडियो फ्रिकवेंसी आइडेंटिफिकेशन ( RFDI) लगा होता है. जैसे ही आपकी गाड़ी टोल प्लाजा के पास आती है, तो टोल प्लाजा पर लगा सेंसर आपके वाहन के विंड स्क्रीन में लगे फास्टैग के संपर्क में आता है. आपके फास्टटैग अकाउंट से उस टोल प्लाजा पर लगने वाला शुल्क काट देता है . आपको वहां रुकने की जरूरत नहीं पड़ती.यह टैग आपके प्रीपेड खाते के सक्रिय होते ही अपना काम शुरू कर देता है. जब आपके फास्टैग अकाउंट की राशि खत्म हो जाएगी, तो आपको उसे फिर से रिचार्ज करवाना पड़ेगा.

फास्टैग का फायदा

टोल प्लाजा में टोल टैक्स देने के लिए गाड़ियों की लंबी लाइन अब नहीं लगती. खुले पैसे होने की समस्या भी नहीं रहेगी. फास्टैग की मदद से आपका समय बचेगा. साथ ही पेट्रोल- डीजल की भी बचत होगी.

Last Updated : Jan 9, 2021, 1:21 PM IST
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