दमोह। जिले में स्वास्थ्य सेवाएं अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ चुकी हैं. पिछले सप्ताह ही हटा में एंबुलेंस के अभाव में एक युवक अपने पिता को हाथ ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचा था. इसके बाद भी स्वास्थ्य सेवाओं में कोई सुधार नहीं आया. एक युवक की मौत इसी अव्यवस्था के कारण हो गई. मामला जिला अस्पताल (District Hospital Damoh) का है. घटना के संबंध में अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं.
बटियागढ़ से जिला अस्पताल रेफर किया : मंगलवार की देर शाम नरसिंहगढ़ निवासी 23 वर्षीय युवक सुरेंद्र सिंह एक शादी समारोह में सम्मिलित होने के लिए फुटेरा गया हुआ था. लौटते समय ग्राम मोठा के निकट उसका एक्सीडेंट हो गया, जिसे उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बटियागढ़ में भर्ती कराया गया. वहां से उसे प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल (District Hospital Damoh) रेफर कर दिया गया. जिला अस्पताल में भी उपचार की पर्याप्त व्यवस्था ना होने के कारण डॉक्टर ने उसे जबलपुर रेफर किया, लेकिन उसे शासकीय एंबुलेंस नहीं मिली, जिससे उसकी मौत हो गई.
समय पर नहीं मिली एंबुलेंस : मृतक के पिता करन सिंह का कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. इसलिए प्राइवेट एंबुलेंस के लिए उनके पास रुपए नहीं थे, जबकि सरकारी एंबुलेंस उन्हें समय पर उपलब्ध नहीं हो सकी. वह बार-बार अस्पताल प्रबंधन (District Hospital Damoh Negligence) से निवेदन करते रहा कि एंबुलेंस उपलब्ध करा दें, लेकिन एंबुलेंस नहीं मिली. उनके बेटे की देर रात अस्पताल में ही मौत हो गई.
पीड़ित पिता का आरोप : मृतक के पिता का आरोप है कि एंबुलेंस सेवा 108 को कई बार फोन लगाया (108 ambulance Service Damoh negligence) लेकिन कोई व्यवस्था नहीं हुई. मृतक के पिता का कहना है कि एंबुलेंस समय पर मिल जाती तो उनके बेटे की जान बच सकती थी. अब इस घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन ने मौन साध लिया है.(Man died after injured in accident) (Man not get ambulance then died)