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दमोह की जुड़वा बहनों का मार्शल आर्ट में कमाल, 5 साल की उम्र में शौक को बनाया जुनून और रच दिया इतिहास

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ईटीवी भारत ऐसी महिलाओं को सलाम कर रहा है. जिन्होंने रूढ़िवादी सोच को दरकिनार कर सफलता की सीढ़ियां पार की हैं. दमोह की रहने वाली जुड़वा बहनों नित्या और निष्ठा ने मार्शल आर्ट में कमाल कर दिया. महज पांच साल की उम्र में मार्शल आर्ट के गुर सीखने वालीं ये बेटियां आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. पढ़िए और देखिए उनकी पूरी कहानी....

Nitya and Nishtha won medals
दमोह की जुड़वा बहनों का मार्शल आर्ट में कमाल
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Published : Feb 29, 2020, 2:07 PM IST

दमोह। पांच साल की उम्र से ही कुछ कर गुजरने का जज्बा, पढ़ाई के साथ-साथ खेल में भी निपुणता, लक्ष्य के लिए कड़ी मेहनत करना और शौक को जुनून बनाकर सपनों को साकार करना. ये लाइन दमोह की दो जुड़वा बेटियों पर सटीक बैठती हैं. उम्र भले ही कम हो लेकिन इनका जुनून उससे कहीं ज्यादा है. महज पांच साल की उम्र में मार्शल आर्ट के गुर सीखने वालीं ये बेटियां आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. यही वजह है कि दमोह की ये जुड़वा बहने मार्शल आर्ट और कराटे की जाना पहचाना नाम बन चुकी हैं.

दमोह की जुड़वा बहनों का मार्शल आर्ट में कमाल

वैशाली नगर में रहने वाले नीरज जैन की जुड़वा बेटियां नित्या और निष्ठा पिछले आठ साल से मार्शल आर्ट के गुर सीखकर मास्टर हो गई हैं. नित्या और निष्ठा का मार्शल आर्ट में कामयाबी की बड़ी वजह निरंतरता और पूरी निष्ठा रही है. बोर्ड परीक्षा होने के बावजूद दोनों आज भी रोज करीब 3 घंटे तक मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग लेती हैं. अपनी बहनों से प्रेरित होकर शिखा जैन की तीसरी बेटी भी इसी राह पर चल पड़ी और राज्यस्तर की खिलाड़ी बनकर उभरी है.

Nitya and Nishtha won medals
नित्या और निष्ठा ने जीते पदक

राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी ये बेटियां

मार्शल आर्ट में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी ये बेटियां अब गुवाहाटी मिशन के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और गुवाहाटी में होने वाले राष्ट्रीय स्तर के मार्शल आर्ट चैंपियनशिप में बाजी मारने के लिए कड़ी तैयारी कर रही हैं. बेटियों की उपलब्धि पर मां ने खुशी जाहिर की है और लोग भी इनके जुनून को सलाम करते हैं.

Nitya and Nishtha won medals
नित्या और निष्ठा ने जीते पदक

अब तक जीत चुकी हैं दर्जनों मेडल

14 साल की छोटी सी उम्र में ही इन दोनों बहनों ने इतने मेडल और प्रमाण पत्र जीत लिए हैं कि अब उन्हें रखने के लिए अलग से दीवार बनाई गई, जहां दर्जनों मेडल उनकी मेहनत और काबिलियत की गवाही दे रहे हैं. निष्ठा और नित्या को कराते के गुर सिखाने वाले मार्शल आर्ट के एक्सपर्ट ने ईटीवी भारत को बताया कि नित्या और निष्ठा में क्या खास है.

मिसान बनीं नित्या और निष्ठा

एक वक्त था जब मध्यप्रदेश का बुंदेलखंड अंचल में महिलाएं चार दीवारी के भीतर अपना जीवन निकाल देती थीं, लेकिन अब न सिर्फ दौर बदला, बल्कि महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आई हैं. आईएएस और सेना में जाने की चाह रखने वालीं नित्या और निष्ठा एक तरह से उन खिलाड़ियों के लिए मिसाल हैं, जो कुछ करना चाहती हैं और आगे बढ़ना चाहती हैं. ईटीवी भारत भी दमोह की इन बेटियों के जज्बे को समाम करता है. विश्व महिला दिवस के मौके पर ईटीवी भारत आपको ऐसी ही संघर्ष और प्रेरणादायी कहानियों से रू-ब-रू कराता रहेगा.

दमोह। पांच साल की उम्र से ही कुछ कर गुजरने का जज्बा, पढ़ाई के साथ-साथ खेल में भी निपुणता, लक्ष्य के लिए कड़ी मेहनत करना और शौक को जुनून बनाकर सपनों को साकार करना. ये लाइन दमोह की दो जुड़वा बेटियों पर सटीक बैठती हैं. उम्र भले ही कम हो लेकिन इनका जुनून उससे कहीं ज्यादा है. महज पांच साल की उम्र में मार्शल आर्ट के गुर सीखने वालीं ये बेटियां आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. यही वजह है कि दमोह की ये जुड़वा बहने मार्शल आर्ट और कराटे की जाना पहचाना नाम बन चुकी हैं.

दमोह की जुड़वा बहनों का मार्शल आर्ट में कमाल

वैशाली नगर में रहने वाले नीरज जैन की जुड़वा बेटियां नित्या और निष्ठा पिछले आठ साल से मार्शल आर्ट के गुर सीखकर मास्टर हो गई हैं. नित्या और निष्ठा का मार्शल आर्ट में कामयाबी की बड़ी वजह निरंतरता और पूरी निष्ठा रही है. बोर्ड परीक्षा होने के बावजूद दोनों आज भी रोज करीब 3 घंटे तक मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग लेती हैं. अपनी बहनों से प्रेरित होकर शिखा जैन की तीसरी बेटी भी इसी राह पर चल पड़ी और राज्यस्तर की खिलाड़ी बनकर उभरी है.

Nitya and Nishtha won medals
नित्या और निष्ठा ने जीते पदक

राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी ये बेटियां

मार्शल आर्ट में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी ये बेटियां अब गुवाहाटी मिशन के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और गुवाहाटी में होने वाले राष्ट्रीय स्तर के मार्शल आर्ट चैंपियनशिप में बाजी मारने के लिए कड़ी तैयारी कर रही हैं. बेटियों की उपलब्धि पर मां ने खुशी जाहिर की है और लोग भी इनके जुनून को सलाम करते हैं.

Nitya and Nishtha won medals
नित्या और निष्ठा ने जीते पदक

अब तक जीत चुकी हैं दर्जनों मेडल

14 साल की छोटी सी उम्र में ही इन दोनों बहनों ने इतने मेडल और प्रमाण पत्र जीत लिए हैं कि अब उन्हें रखने के लिए अलग से दीवार बनाई गई, जहां दर्जनों मेडल उनकी मेहनत और काबिलियत की गवाही दे रहे हैं. निष्ठा और नित्या को कराते के गुर सिखाने वाले मार्शल आर्ट के एक्सपर्ट ने ईटीवी भारत को बताया कि नित्या और निष्ठा में क्या खास है.

मिसान बनीं नित्या और निष्ठा

एक वक्त था जब मध्यप्रदेश का बुंदेलखंड अंचल में महिलाएं चार दीवारी के भीतर अपना जीवन निकाल देती थीं, लेकिन अब न सिर्फ दौर बदला, बल्कि महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आई हैं. आईएएस और सेना में जाने की चाह रखने वालीं नित्या और निष्ठा एक तरह से उन खिलाड़ियों के लिए मिसाल हैं, जो कुछ करना चाहती हैं और आगे बढ़ना चाहती हैं. ईटीवी भारत भी दमोह की इन बेटियों के जज्बे को समाम करता है. विश्व महिला दिवस के मौके पर ईटीवी भारत आपको ऐसी ही संघर्ष और प्रेरणादायी कहानियों से रू-ब-रू कराता रहेगा.

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