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बसपा द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद जित्तू खरे का बयान, कहा- अब नहीं चलेगी जातिवाद की राजनीति - प्रत्याशी

बहुजन समाज पार्टी की ओर से क्षेत्र के लोकगीत गायक जित्तू खरे को प्रत्याशी बनाये जाने के बाद दमोह की सिसायी फिजा रोचक हो चुकी है. ऐसे में दमोह संसदीय क्षेत्र पर अब मुकाबला त्रिकोणीय होता नजर आने लगा है.

बसपा द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद जित्तू खरे का बयान
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Published : Apr 13, 2019, 3:58 AM IST

दमोह। दमोह लोकसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी ने बुंदेली गायक जित्तू खरे को मैदान में उतारा है. महागठबंधन बसपा द्वारा दमोह संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित होने के बाद जित्तू खरे ने कहा कि क्षेत्र में अब जातिवादी की राजनीति नहीं चलेगी. बुंदेलखंड की पहचान अब जातिवादी से नहीं होगी.

जित्तू खरे ने कहा कि क्षेत्र में बहुत से काम होना है. गांव में अब भी कई समस्याएं हैं, जिन पर वर्तमान सांसद प्रहलाद पटेल ने ध्यान ही नहीं दिया. बुंदेली लोक गीतों के गायक के रुप में जित्तू खरे की खासी पहचान है. उनके समर्थक और बसपा का वोट बैंक कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है.

बसपा द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद जित्तू खरे का बयान
जनपद सदस्य रह चुके जित्तू खरे को बसपा द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने पर उनके समर्थकों में खुशी का माहौल है. वे बीजेपी-कांग्रेस द्वारा एक ही जाती से अपना-अपना उम्मीदवार बनाने के मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाएंगे. उनका कहना है कि दोनों ही पार्टियां जातिवाद की राजनीति कर रही हैं. ऐसे में उनकी समाज के वोटर कम होने वाबजूद उनको बसपा ने दमोह संसदीय क्षेत्र का प्रत्याशी बनाया है.

बहुजन समाज पार्टी की ओर से क्षेत्र के जाने-माने लोकगीत गायक जित्तू खरे को प्रत्याशी बनाये जाने के बाद दमोह की सिसायी फिजा रोचक हो चुकी है. ऐसे में दमोह संसदीय क्षेत्र पर अब मुकाबला त्रिकोणीय होता नजर आने लगा है. जहां पहले भाजपा एवं कांग्रेस के बीच ही मुकाबला माना जा रहा था, वहीं अब बीजेपी द्वारा मजबूत प्रत्याशी को मैदान में उतारे जाने के बाद दमोह सीट के सियासी समीकरण बदले नजर आ रहे हैं.

दमोह। दमोह लोकसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी ने बुंदेली गायक जित्तू खरे को मैदान में उतारा है. महागठबंधन बसपा द्वारा दमोह संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित होने के बाद जित्तू खरे ने कहा कि क्षेत्र में अब जातिवादी की राजनीति नहीं चलेगी. बुंदेलखंड की पहचान अब जातिवादी से नहीं होगी.

जित्तू खरे ने कहा कि क्षेत्र में बहुत से काम होना है. गांव में अब भी कई समस्याएं हैं, जिन पर वर्तमान सांसद प्रहलाद पटेल ने ध्यान ही नहीं दिया. बुंदेली लोक गीतों के गायक के रुप में जित्तू खरे की खासी पहचान है. उनके समर्थक और बसपा का वोट बैंक कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है.

बसपा द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद जित्तू खरे का बयान
जनपद सदस्य रह चुके जित्तू खरे को बसपा द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने पर उनके समर्थकों में खुशी का माहौल है. वे बीजेपी-कांग्रेस द्वारा एक ही जाती से अपना-अपना उम्मीदवार बनाने के मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाएंगे. उनका कहना है कि दोनों ही पार्टियां जातिवाद की राजनीति कर रही हैं. ऐसे में उनकी समाज के वोटर कम होने वाबजूद उनको बसपा ने दमोह संसदीय क्षेत्र का प्रत्याशी बनाया है.

बहुजन समाज पार्टी की ओर से क्षेत्र के जाने-माने लोकगीत गायक जित्तू खरे को प्रत्याशी बनाये जाने के बाद दमोह की सिसायी फिजा रोचक हो चुकी है. ऐसे में दमोह संसदीय क्षेत्र पर अब मुकाबला त्रिकोणीय होता नजर आने लगा है. जहां पहले भाजपा एवं कांग्रेस के बीच ही मुकाबला माना जा रहा था, वहीं अब बीजेपी द्वारा मजबूत प्रत्याशी को मैदान में उतारे जाने के बाद दमोह सीट के सियासी समीकरण बदले नजर आ रहे हैं.

Intro:बुंदेलखंडी गीतों के प्रसिद्ध गायक जित्तू खरे को पीएसपी महागठबंधन ने बनाया लोकसभा प्रत्याशी

प्रत्याशी बनाए जाने के बाद जित्तू खरे ने कहा संसदीय क्षेत्र में नहीं चलेगी जातिवाद की राजनीति

Anchor. दमोह संसदीय क्षेत्र से महागठबंधन बीएसपी के प्रत्याशी के रूप में बुंदेलखंडी लोक गीतों के प्रसिद्ध गायक जित्तू खरे को घोषित किया गया. बीएसपी द्वारा लिए गए निर्णय के बाद जित्तू खरे ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि संसदीय क्षेत्र में बहुत काम होने हैं. जिन पर किसी भी सांसद ने ध्यान नहीं दिया. जब वे गांव में जाते हैं तो समस्याएं सामने आती हैं. जित्तू खरे का यह भी कहना है कि बीएसपी द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद अब दमोह संसदीय क्षेत्र की जनता के लिए काम करेंगे.


Body:Vo. दमोह जिले के रहने वाले जित्तू खरे ने बुंदेलखंडी गीतों के माध्यम से पूरे क्षेत्र में पहचान बनाई है. ऐसे में दमोह संसदीय क्षेत्र के हर विधानसभा क्षेत्र में जित्तू खरे को बुंदेलखंड के लोक गीतों के गायक के रूप में जाना जाता है. वहीं इसके पहले जित्तू खरे जनपद सदस्य भी रह चुके हैं. वहीं अब बहुजन समाज पार्टी द्वारा उनको प्रत्याशी बनाए जाने के बाद बसपा में भी उत्साह का माहौल है. क्योंकि जित्तू खरे अब भाजपा एवं कांग्रेस के द्वारा एक ही जाति के व्यक्ति को टिकट दिए जाने को मुद्दा बनाकर लोगों के बीच जाने वाले हैं. जित्तू खरे का कहना है कि दोनों ही पार्टियां जातिवाद की राजनीति कर रहे हैं. ऐसे में उनकी समाज के वोटर बहुत कम होने के बाद भी बसपा द्वारा उनको संसदीय क्षेत्र का प्रत्याशी बनाया गया है. जिस पर वे खरे उतरते हुए जीत दर्ज कराएंगे तथा जातिवाद की राजनीति का प्रचार भी गांव-गांव में करेंगे.

बाइट - जित्तू खरे बसपा प्रत्याशी दमोह संसदीय क्षेत्र


Conclusion:Vo. दमोह संसदीय क्षेत्र से जहां बहुजन समाज पार्टी की ओर से क्षेत्र के जाने-माने लोकगीत गायक को प्रत्याशी बनाया गया है. ऐसे में दमोह संसदीय क्षेत्र पर अब मुकाबला त्रिकोणीय होता नजर आने लगा है. जहां पहले भाजपा एवं कांग्रेस के बीच में मुकाबला होने की बात कही जा रही थी. वहीं बसपा द्वारा एक मजबूत प्रत्याशी को मैदान में उतारे जाने के बाद स्थानीता का मुद्दा हावी हो सकता है. देखना होगा इस चुनावी बिसात में कौन बाजी मारता.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
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