दमोह। मंत्री जीतू पटवारी और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के द्वारा प्रदेश के पटवारियों पर दिए गए बयान के बाद से प्रदेश के पटवारी हड़ताल पर हैं. दमोह में राजस्व कर्मचारी संघ ने भी दोनों के बयान पर विरोध जताया है. पटवारियों ने मंत्री द्वारा माफी नहीं मांगे जाने के बाद हड़ताल पर जाने का फैसला लिया था. हालांकि दमोह जिले के पटवारियों ने एकमत होकर हड़ताल पर नहीं जाने का निर्णय लिया है.
पटवारियों ने कहा हड़ताल पर जाने को मजबूर न करें
पटवारी ने सरकार पर किसानों के साथ छलावा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि सरकार के पास अधिक पैसा है तो वह मुआवजा बांटे. पटवारियों को भ्रमित कर हड़ताल करने पर मजबूर ना करें. पटवारी हड़ताल पर नहीं जाना चाहते क्योंकि सभी पटवारी किसानों के हितैषी हैं और पूरा सर्वे करने के बाद किसानों को मुआवजा दिलाए जाने के लिए शासन के कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे.
जिले के राजस्व कर्मचारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष और पदाधिकारी ने सरकार के मंत्रियों और सरकार के नेताओं पर दौरा कार्यक्रम के दौरान उनके पैसों पर मौज करने का आरोप लगाया है. कर्मचारियों का कहना है कि पटवारियों पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाने वाले नेता अपने गिरेबान में झांके कि उनके दौरा कार्यक्रम के दौरान होने वाला खर्चा यही पटवारी उठाते हैं. यह उन को भूलना नहीं चाहिए.
पूर्व सरकार के मंत्रियों और नेताओं पर लगाए गंभीर आरोप
राजस्व कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने वर्तमान सरकार के साथ पूर्ववर्ती सरकार के मंत्रियों और नेताओं के दौरों पर भी सवालिया निशान लगाया गया है. गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दौरा कार्यक्रम के दौरान आओ भगत से लेकर अन्य सभी व्यवस्थाएं यदि इन पटवारियों के पैसों से की जाती हैं. फिर पटवारियों पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाना कहा तक उचित होगा. दौरा कार्यक्रम के दौरान खर्च होने वाला पैसा बहुत ज्यादा होता है. ऐसे हालात में उस पैसे की व्यवस्था करना यदि पटवारियों को पड़ती है तो वे किस रास्ते से पैसे लाएं यह भी सरकार के नुमाइंदों को बताना चाहिए.