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धूल फांक रहा आजादी का प्रतीक जयस्तंभ, जनप्रतिनियों ने किया नजर अंदाज - जय स्तंभ

महारानी लक्ष्मी बाई स्कूल में जय स्तंभ का निर्माण किया गया था, लेकिन अब इसकी साफ-सफाई भी नहीं हो पा रही है.

No cleanliness of Jai Pillar
जय स्तंभ की नहीं हो रही सफाई
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Published : Jan 23, 2020, 6:53 PM IST

दमोह। जिला मुख्यालय पर स्थित महारानी लक्ष्मी बाई स्कूल में जय स्तंभ का निर्माण किया गया था. लेकिन उसके बाद स्तंभ पर किसी का ध्यान नहीं जाता. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जायेगा, लेकिन अभी तक इसकी साफ-सफाई नहीं की जा रही है.

जय स्तंभ की नहीं हो रही सफाई

महारानी लक्ष्मी बाई स्कूल का निर्माण 1867 में हुआ था. उसके बाद आजादी पर्व की याद में जय स्तंभ का निर्माण कराया गया. स्तंभ पर आजादी की दिन 15 अगस्त 1947 भी दर्ज है, जहां पर केवल राष्ट्रीय पर्व पर ही साफ-सफाई कराई जाती है. इस स्तंभ की सुरक्षा के लिए कोई भी इंतजाम नहीं किए गए हैं, सिर्फ एक जाली लगाई गई है और उस जाली पर आसपास के लोग कपड़े सूखने के लिए डाल देते हैं.

3 दिन बाद गणतंत्र दिवस है, आजादी के प्रतीक के रूप में इस स्तंभ की साफ-सफाई की जानी चाहिए. प्राचार्य का कहना है कि उन्होंने जनप्रतिनिधियों से इसकी सुरक्षा और इसको सुंदर बनाने की मांग की है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है.

दमोह। जिला मुख्यालय पर स्थित महारानी लक्ष्मी बाई स्कूल में जय स्तंभ का निर्माण किया गया था. लेकिन उसके बाद स्तंभ पर किसी का ध्यान नहीं जाता. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जायेगा, लेकिन अभी तक इसकी साफ-सफाई नहीं की जा रही है.

जय स्तंभ की नहीं हो रही सफाई

महारानी लक्ष्मी बाई स्कूल का निर्माण 1867 में हुआ था. उसके बाद आजादी पर्व की याद में जय स्तंभ का निर्माण कराया गया. स्तंभ पर आजादी की दिन 15 अगस्त 1947 भी दर्ज है, जहां पर केवल राष्ट्रीय पर्व पर ही साफ-सफाई कराई जाती है. इस स्तंभ की सुरक्षा के लिए कोई भी इंतजाम नहीं किए गए हैं, सिर्फ एक जाली लगाई गई है और उस जाली पर आसपास के लोग कपड़े सूखने के लिए डाल देते हैं.

3 दिन बाद गणतंत्र दिवस है, आजादी के प्रतीक के रूप में इस स्तंभ की साफ-सफाई की जानी चाहिए. प्राचार्य का कहना है कि उन्होंने जनप्रतिनिधियों से इसकी सुरक्षा और इसको सुंदर बनाने की मांग की है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है.

Intro:आजादी की याद में बना जयस्तंभ हो रहा उपेक्षा का शिकार

राष्ट्रीय पर्व पर किया जाता है याद उसके बाद स्तंभ के रहते हैं हाल बेहाल

Anchor. दमोह जिला मुख्यालय पर हृदय स्थल के पास स्थित एक स्कूल में आजादी की याद में एक स्तंभ का निर्माण कराया गया था, और यह स्तंभ केवल राष्ट्रीय पर्व पर ही लोगों की नजर में जाता है. यहां की साफ सफाई होती है, और उसके बाद वह उपेक्षा का शिकार हो जाता है. चंद दिन बाद राष्ट्रीय पर्व है ऐसे में अभी उपेक्षित है, और उसकी साफ-सफाई की ओर अभी भी ध्यान नहीं दिया गया.


Body:Vo. दमोह के महारानी लक्ष्मी बाई स्कूल का निर्माण 1867 में हुआ था. उसके बाद आजादी पर्व की याद में जय स्तंभ का निर्माण किया गया. इस स्तंभ पर 15 अगस्त 1947 भी लिखा हुआ है. मतलब साफ है कि आजादी के बाद इस तरह के स्तंभ का निर्माण यहां पर कराए गया. जहां पर केवल राष्ट्रीय पर्व पर ही साफ सफाई कराई जाती है. उसके बाद यह स्तंभ उपेक्षित हो जाता है. इस स्तंभ की सुरक्षा के लिए भी कोई इंतजाम नहीं है. केवल एक जाली लगाई गई है और उस जाली पर आसपास के लोग कपड़े सूखने के हीं डालते है. वहीं इस स्तंभ की साफ-सफाई और रंग रोगन की ओर भी ध्यान नहीं दिया गया. ऐसे में जब 3 दिन बाद ही राष्ट्रीय पर्व है और आजादी के प्रतीक के रूप में इस स्तंभ की उपेक्षा किसी भी हालत में ठीक नहीं कही जा सकती. जब शाला प्राचार्य से बात की तो उनका कहना था कि उन्होंने जनप्रतिनिधियों से इसकी सुरक्षा और इसको सुंदर बनाने बातचीत की है. लेकिन अभी तक कोई पहल नहीं हुई.

बाइट - एस एल अहिरवार प्राचार्य एमएलबी स्कूल


Conclusion:Vo. आजादी के प्रतीक के रूप है शहर में स्थित इस जय स्तंभ की उपेक्षा निश्चित ही आजादी के सेनानियों की उपेक्षा कही जाएगी. क्योंकि आजादी की लड़ाई में जीतने के बाद आजादी की याद में ही इस तरह के स्तंभों का निर्माण कराया गया. लेकिन वर्तमान सरकारों को, जनप्रतिनिधियों को तथा स्वयं जिसके परिसर में यह स्तंभ बना हुआ है वह भी शासकीय संस्थान होने के बाद भी उनको भी इसकी सुध लेने वक्त नहीं है.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत मध्य प्रदेश
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