दमोह। मध्यप्रदेश सरकार जिस तरह पानी की तरह पैसा बहा रही है उससे ऐसा लग रहा है कि शायद प्रदेश कर्ज से बाहर निकल गया हो, लेकिन प्रदेश सरकार के एक ऐसे फैसले का विरोध हो रहा है जिससे लग रहा है कि शायद एमपी कर्ज के बोझ से बाहर निकल गया है. तभी तो मुख्यमंत्री शिवराज ने दमोह में आधे-अधूरे पड़े दो पुलों को छोड़कर नए पुल बनाने की मंजूरी दे दी है. करीब 18 करोड़ की लागत से बनने वाले ये दोनों पुल दमोह पथरिया मार्ग पर दो नदियों पर बनने हैं.
17 साल से अधूरा पड़ा है पुल
2001-02 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पथरिया के समीप सुनार नदी पर दमोह-पथरिया को जोड़ने के लिए करीब 3 करोड़ रुपए की लागत से एक नए पुल को मंजूरी दी थी. पुल का काम शुरू भी हो गया था, नदी में पिलर खड़े कर दिए गए थे. लेकिन 2003 के आम चुनाव में जब सत्ता पलट गई तो पुल का काम भी बंद हो गया. तभी से वहां का पुल आधा अधूरा पड़ा है. बताया जाता है कि ठेकेदार ने करीब एक करोड़ रुपए उस समय खर्च भी कर दिए थे. ठीक इसी तरह करीब 8 वर्ष पहले कृषि मंत्री डॉ रामकृष्ण कुसमरिया ने दमोह -पथरिया रोड पर ही कोपरा नदी पर एक पुल स्वीकृत कराया था, उसके पिलर भी खड़े हो गए थे. लेकिन काम पूरा नहीं हो सका.
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बारिश में बंद हो जाता है आवागमन
बारिश के दौरान जब नदियों में बाढ़ आती है तो दोनों पुलों से आवागमन बंद हो जाता है. बाकी के दिनों में लोगों को जर्जर हो चुके पुराने दोनों पुलों से ही आवागमन करना पड़ता है. जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है.
पथरिया विधायक ने सीएम शिवराज से की मुलाकात
पथरिया विधायक रामबाई परिहार ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मुलाकात कर आधे अधूरे पड़े दोनों पुलों का काम पूरा कराने की मांग रखी है, लेकिन मुख्यमंत्री ने बिना पड़ताल कराए ही दो नए पुल एमपीआरडीसी से स्वीकृत कर दिए. कोपरा नदी पर पुल के लिए 5 करोड़ 40 लाख और सुनार नदी पर पुल के लिए 11 करोड़ 80 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं.
जल्द जारी होंगे टेंडर ?
इस संबंध में पथरिया विधायक रामबाई सिंह परिहार कहती हैं कि उन्होंने मुख्यमंत्री से आधे अधूरे पड़े दोनों पुल कंप्लीट कराने की मांग रखी थी. अब शीघ्र ही टेंडर होने के बाद काम भी शुरू हो जाएगा.