दमोह। अपने से नीची जाति की महिला के साथ शादी करने के मामले में एक दलित परिवार को समाज के ही लोग अब परेशान कर रहे हैं. गुस्साए दलितों ने उसकी झोपड़ी में आग लगा दी. पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. मामला दमोह जिले के पटेरा ब्लॉक के ग्राम बर्रट का है. मामला छुआछूत और जातिवाद से जुड़ा हुआ है. इस गांव की रहने वाले एक दलित परिवार को दलित समाज के लोग ही न केवल परेशान कर रहे हैं.
दिल्ली में की शादी : दरअसल, यह मामला अंतरजातीय विवाह से जुड़ा हुआ है. ग्राम बर्रट के रहने वाले कालूराम अहिरवार के 28 वर्षीय बेटे रामराजेश ने दिल्ली में उसके साथ काम करने वाली ग्राम चिरौला निवासी जलधारा बंसल के साथ पिछले वर्ष विवाह कर लिया था. इस घटना के बाद गुस्साए दलित समुदाय के लोगों ने रामराजेश और उसके परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया. साथ ही गांव में उसका हुक्का पानी बंद कर दिया. अब यह हालात हैं कि उसके परिवार को गांव में कोई भी व्यक्ति कोई सामान नहीं देता. किराने वाले तक सामान बेचने से मना कर देते हैं. इसी बीच शादी के कुछ दिन बाद गुस्साए समाज के लोगों ने उसकी झोपड़ी में आग लगा दी. किसी तरह राम राजेश और उसकी पत्नी जलधारा अपनी जान बचा कर वापस दिल्ली चले गए. लेकिन उसके माता पिता और अन्य परिजन गांव में ही रह गए.
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समाज को भोज भी कराया : राम राजेश के पिता कालूराम को समाज की पंचायत में समाज के लोगों ने इस शर्त पर माफ करने का वचन दिया कि पूरी समाज का भोजन कराना पड़ेगा तथा एक एक व्यक्ति का टीका भी करना होगा. राम राजेश ने ईटीवी भारत से फोन पर चर्चा में कहा कि करीब 2 लाख रुपए उसके पिता ने खर्च करके पूरी समाज को भोज दिया था. एक-एक व्यक्ति का अपनी हैसियत के अनुसार टीका भी किया था, लेकिन फिर भी समाज ने उसे और परिजनों को वापस दलित समाज में शामिल नहीं किया. अब उनकी मांग है कि वह अपनी पत्नी जलधारा को छोड़ दे उसके बाद ही समाज में वापसी होगी.