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बारिश से तरबतर दमोह: नौ हजार से अधिक क्विंटल गेहूं भीगा

दमोह जिले में बारिश होने के चलते 9000 क्विंटल से अधिक गेहूं खराब होने की संभावना जताई जा रही हैं.

wheat wet
गेहूं भीगा
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Published : May 19, 2021, 4:51 PM IST

दमोह। समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा गेहूं प्रशासनिक बदइंतजामी के चलते बारिश की भेंट चढ़ गया. 9000 क्विंटल से अधिक गेहूं खराब होने की संभावना जताई जा रही हैं. हालांकि, अधिकारी अचानक बिगड़े मौसम का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं, तो दूसरी ओर प्रशासन ने गेहूं खरीदी की तारीख बढ़ाने का ऐलान कर दिया हैं.


तौकते तूफान की चेतावनी के बाद भी प्रशासनिक तौर पर पुख्ता इंतजाम न किए जाने के कारण हजारों क्विंटल गेहूं अब सड़ने की कगार पर पहुंच गया हैं. तीन दिन से जारी बारिश के कारण सभी केंद्रों में खरीदकर रखा गया गेहूं पूरी तरह भीग चुका है.

जिले में इस साल 25 लाख क्विंटल गेहूं खरीदी का लक्ष्य रखा गया हैं, जिसमें स्व-सहायता समूह और सहकारी समितियों के माध्यम से गेहूं सीधा किसानों से खरीदा जाना हैं. अब बारिश होने के बाद किसान कह रहे हैं कि उनका गेहूं समय पर नहीं खरीदा गया. दूसरी तरफ खरीदा जा चुका गेहूं भी सड़ने की कगार पर पहुंच गया हैं.

बारिश में गेहूं भीगा


कैसे बने यह हालात ?

दरअसल, इस बार गेहूं की खरीदी देरी से शुरू हुई थी. 3-4 अप्रैल से जिले में गेहूं की खरीद शुरू की गई थी, जो 25 मई तक की जानी हैं. यह खरीदी 42 केंद्रों पर हो रही है, जिसमें 41 केंद्र स्व-सहायता समूह और 41 केंद्र सहकारी समितियों के अधीनस्थ हैं. स्व-सहायता समूह के पास गेहूं खरीदी के पर्याप्त और पुख्ता इंतजाम नहीं हैं. ऐसा ही कुछ हाल सहकारी समितियों का भी है. कहीं बारदानों की कमी, तो कहीं अनाज को ढकने के लिए पर्याप्त बरसाती की व्यवस्था नहीं हैं. इसके अतिरिक्त सायलो केंद्रों में जो मशीनें लगाई गई हैं, वह बार-बार खराब हो जा रही हैं. इससे गेहूं का लक्ष्य बार-बार पिछड़ता जा रहा हैं.

इधर एक और समस्या आन पड़ी हैं. गेहूं तो खरीदा जा रहा रहा है, लेकिन उसका उठावना समय पर नहीं हो पा रहा है. एकाएक लगातार दो दिन हुई बारिश से खुले में पड़ा गेहूं भीग गया.

गौरतलब है कि, महीने भर पूर्व ही किसानों ने दमोह-जबलपुर हाईवे पर खरीदी न होने पर रोड जाम कर दिया था. खराब होने का एक प्रमुख कारण कोरोना कर्फ्यू भी हैं, क्योंकि बाजार बंद होने से किसान और खरीदी केंद्र बरसाती नहीं खरीद पाए, जिससे गेहूं भी भीग गया.

गेहूं खरीदी में साइलो बैग की शुरुआत, किसानों ने तुलाई पर उठाए सवाल


कितना नुकसान होगा ?

अभी तक जो गेहूं पानी में भीगकर खराब हुआ है, उससे शासन को करीब 17 करोड़ 70 लाख 50 हजार रुपए की हानि हुई हैं. अगर आगे भी बारिश जारी रहती है, तो यह आंकड़ा और भी आगे जा सकता हैं.


अचानक बारिश से भीगा गेहूं

ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक श्याम गौतम बताते हैं कि अचानक बारिश होने के कारण गेहूं भीग गया. ऊपर की बोरियों को तो ढक कर बारिश से बचा लिया गया, लेकिन अत्यधिक बारिश होने के चलते कुछ गेहूं की बोरियां नहीं बच पाई. रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 4200 क्विंटल से अधिक गेहूं गीला हो चुका हैं. अब ऊपर का जो गेहूं सुरक्षित बच गया है, उसका शीघ्र परिवहन कराया जा रहा है. अगर इसी तरह बारिश होती रही, तो संभव है कि गेहूं सड़ जायेगा.


तारीख आगे बढ़ा दी है

सहकारी बैंक के वरिष्ठ महाप्रबंधक एसके कनौजिया कहते हैं कि करीब 5 हजार क्विंटल गेहूं भीग गया हैं. अब उसे सुरक्षित रखने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन खराब मौसम को देखते हुए नहीं लगता कि वह बच पायेंगे. हालांकि, जिन किसानों की खरीदी अब तक नहीं हो पाई है, उनके लिए राज्य शासन ने खरीदी करने की तारीख आगे बढ़ा दी हैं.

दमोह। समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा गेहूं प्रशासनिक बदइंतजामी के चलते बारिश की भेंट चढ़ गया. 9000 क्विंटल से अधिक गेहूं खराब होने की संभावना जताई जा रही हैं. हालांकि, अधिकारी अचानक बिगड़े मौसम का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं, तो दूसरी ओर प्रशासन ने गेहूं खरीदी की तारीख बढ़ाने का ऐलान कर दिया हैं.


तौकते तूफान की चेतावनी के बाद भी प्रशासनिक तौर पर पुख्ता इंतजाम न किए जाने के कारण हजारों क्विंटल गेहूं अब सड़ने की कगार पर पहुंच गया हैं. तीन दिन से जारी बारिश के कारण सभी केंद्रों में खरीदकर रखा गया गेहूं पूरी तरह भीग चुका है.

जिले में इस साल 25 लाख क्विंटल गेहूं खरीदी का लक्ष्य रखा गया हैं, जिसमें स्व-सहायता समूह और सहकारी समितियों के माध्यम से गेहूं सीधा किसानों से खरीदा जाना हैं. अब बारिश होने के बाद किसान कह रहे हैं कि उनका गेहूं समय पर नहीं खरीदा गया. दूसरी तरफ खरीदा जा चुका गेहूं भी सड़ने की कगार पर पहुंच गया हैं.

बारिश में गेहूं भीगा


कैसे बने यह हालात ?

दरअसल, इस बार गेहूं की खरीदी देरी से शुरू हुई थी. 3-4 अप्रैल से जिले में गेहूं की खरीद शुरू की गई थी, जो 25 मई तक की जानी हैं. यह खरीदी 42 केंद्रों पर हो रही है, जिसमें 41 केंद्र स्व-सहायता समूह और 41 केंद्र सहकारी समितियों के अधीनस्थ हैं. स्व-सहायता समूह के पास गेहूं खरीदी के पर्याप्त और पुख्ता इंतजाम नहीं हैं. ऐसा ही कुछ हाल सहकारी समितियों का भी है. कहीं बारदानों की कमी, तो कहीं अनाज को ढकने के लिए पर्याप्त बरसाती की व्यवस्था नहीं हैं. इसके अतिरिक्त सायलो केंद्रों में जो मशीनें लगाई गई हैं, वह बार-बार खराब हो जा रही हैं. इससे गेहूं का लक्ष्य बार-बार पिछड़ता जा रहा हैं.

इधर एक और समस्या आन पड़ी हैं. गेहूं तो खरीदा जा रहा रहा है, लेकिन उसका उठावना समय पर नहीं हो पा रहा है. एकाएक लगातार दो दिन हुई बारिश से खुले में पड़ा गेहूं भीग गया.

गौरतलब है कि, महीने भर पूर्व ही किसानों ने दमोह-जबलपुर हाईवे पर खरीदी न होने पर रोड जाम कर दिया था. खराब होने का एक प्रमुख कारण कोरोना कर्फ्यू भी हैं, क्योंकि बाजार बंद होने से किसान और खरीदी केंद्र बरसाती नहीं खरीद पाए, जिससे गेहूं भी भीग गया.

गेहूं खरीदी में साइलो बैग की शुरुआत, किसानों ने तुलाई पर उठाए सवाल


कितना नुकसान होगा ?

अभी तक जो गेहूं पानी में भीगकर खराब हुआ है, उससे शासन को करीब 17 करोड़ 70 लाख 50 हजार रुपए की हानि हुई हैं. अगर आगे भी बारिश जारी रहती है, तो यह आंकड़ा और भी आगे जा सकता हैं.


अचानक बारिश से भीगा गेहूं

ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक श्याम गौतम बताते हैं कि अचानक बारिश होने के कारण गेहूं भीग गया. ऊपर की बोरियों को तो ढक कर बारिश से बचा लिया गया, लेकिन अत्यधिक बारिश होने के चलते कुछ गेहूं की बोरियां नहीं बच पाई. रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 4200 क्विंटल से अधिक गेहूं गीला हो चुका हैं. अब ऊपर का जो गेहूं सुरक्षित बच गया है, उसका शीघ्र परिवहन कराया जा रहा है. अगर इसी तरह बारिश होती रही, तो संभव है कि गेहूं सड़ जायेगा.


तारीख आगे बढ़ा दी है

सहकारी बैंक के वरिष्ठ महाप्रबंधक एसके कनौजिया कहते हैं कि करीब 5 हजार क्विंटल गेहूं भीग गया हैं. अब उसे सुरक्षित रखने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन खराब मौसम को देखते हुए नहीं लगता कि वह बच पायेंगे. हालांकि, जिन किसानों की खरीदी अब तक नहीं हो पाई है, उनके लिए राज्य शासन ने खरीदी करने की तारीख आगे बढ़ा दी हैं.

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