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वन विभाग की टीम ने 10 फीट का मगरमच्छ सिंगौरगढ़ जलाशय में छोड़ा

वन विभाग की टीम ने 10 फीट के मगरमच्छ को इमालिया चौकी के कांकर हार से रेस्क्यू कर पकड़ा. टीम ने मगरमच्छ को रानी दुर्गावती अभ्यारण के सिंगौरगढ़ जलाशय में छोड़ दिया.

10 feet crocodile
10 फीट का मगरमच्छ
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Published : Mar 1, 2021, 3:24 AM IST

दमोह। सिंंग्रामपुर वन परिक्षेत्र इमालिया चौकी के कांकर हार में एक दस फीट का मगरमच्छ दिखा. वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर मगरमच्छ को पकड़ा. टीम ने मगरमच्छ को रानी दुर्गावती अभ्यारण के सिंगौरगढ़ जलाशय में छोड़ा दिया. इस मगरमच्छ को मिलाकर तालाब में पिछले एक साल में 3 मगरमच्छ छोड़े जा चुके है.

वन विभाग की टीम ने 10 फीट का मगरमच्छ सिंगौरगढ़ जलाशय में छोड़ा

वन विभाग की टीम ने पकड़ा 8 फुट लंबा 150 किलो वजनी मगरमच्छ

  • सिंगौरगढ़ जलाशय मगरमच्छों के लिए उपयुक्त जगह

जिले भर के वन परिक्षेत्र से पकड़े गए मगरमच्छों के लिए रानी दुर्गावती अभ्यारण का सिंगौरगढ़ जलाशय सबसे सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ. बीते वर्षों की बात की जाए तो यहां पर दर्जनों मगरमच्छ रेस्क्यू टीमों ने छोड़े हैं. सिंगौरगढ़ जलाशय जंगलों से घिरा हुआ है. जिसका जल कभी खाली नहीं होता है. यह जलाशय मगरमच्छ रहवास के उपयुक्त माना जाता है. बीटगार्ड अनिल सिंह ने बताया कि इमालिया के कांकर हार के खेत से रेस्क्यू करके लाया गया मगरमच्छ को सिंगौरगढ़ तालाब में छोड़ा गया. इस जलाशय में एक वर्ष के अंदर तीन मगरमच्छ छोड़े जा चुके है.

दमोह। सिंंग्रामपुर वन परिक्षेत्र इमालिया चौकी के कांकर हार में एक दस फीट का मगरमच्छ दिखा. वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर मगरमच्छ को पकड़ा. टीम ने मगरमच्छ को रानी दुर्गावती अभ्यारण के सिंगौरगढ़ जलाशय में छोड़ा दिया. इस मगरमच्छ को मिलाकर तालाब में पिछले एक साल में 3 मगरमच्छ छोड़े जा चुके है.

वन विभाग की टीम ने 10 फीट का मगरमच्छ सिंगौरगढ़ जलाशय में छोड़ा

वन विभाग की टीम ने पकड़ा 8 फुट लंबा 150 किलो वजनी मगरमच्छ

  • सिंगौरगढ़ जलाशय मगरमच्छों के लिए उपयुक्त जगह

जिले भर के वन परिक्षेत्र से पकड़े गए मगरमच्छों के लिए रानी दुर्गावती अभ्यारण का सिंगौरगढ़ जलाशय सबसे सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ. बीते वर्षों की बात की जाए तो यहां पर दर्जनों मगरमच्छ रेस्क्यू टीमों ने छोड़े हैं. सिंगौरगढ़ जलाशय जंगलों से घिरा हुआ है. जिसका जल कभी खाली नहीं होता है. यह जलाशय मगरमच्छ रहवास के उपयुक्त माना जाता है. बीटगार्ड अनिल सिंह ने बताया कि इमालिया के कांकर हार के खेत से रेस्क्यू करके लाया गया मगरमच्छ को सिंगौरगढ़ तालाब में छोड़ा गया. इस जलाशय में एक वर्ष के अंदर तीन मगरमच्छ छोड़े जा चुके है.

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