दमोह। पूरे देश में दीपावली का त्योहार धूमधाम से मनाया गया, इस अवसर पर जैन समाज ने भी इसे भगवान महावीर के निर्वाण महोत्सव के रूप में मनाया. इस अवसर पर लोगों ने मंदिरों में भगवान को लड्डू चढ़ाकर उनकी पूजा की, जिले के जैन मंदिरों में लोगों ने मंदिरों में दीपक जलाकर पूजन अर्चन कर भगवान महावीर का जलाभिषेक किया. वहीं लड्डू चढ़ाकर निर्वाण कांड पढ़कर भगवान महावीर के निर्वाण महोत्सव की खुशियां मनाईं.
जैन समुदाय के लोग निर्वाण महोत्सव के रूप में मनाते हैं दिवाली - 24 तीर्थंकर
जैन समुदाय के लोगों ने दीपावली का पर्व भगवान महावीर के निर्वाण महोत्सव के रूप में मनाया. लोगों ने मंदिरों में लाड्डू चढ़ाकर भगवान महावीर का जलाभिषेक किया.
भगवान महावीर का निर्वाण महोत्सव
दमोह। पूरे देश में दीपावली का त्योहार धूमधाम से मनाया गया, इस अवसर पर जैन समाज ने भी इसे भगवान महावीर के निर्वाण महोत्सव के रूप में मनाया. इस अवसर पर लोगों ने मंदिरों में भगवान को लड्डू चढ़ाकर उनकी पूजा की, जिले के जैन मंदिरों में लोगों ने मंदिरों में दीपक जलाकर पूजन अर्चन कर भगवान महावीर का जलाभिषेक किया. वहीं लड्डू चढ़ाकर निर्वाण कांड पढ़कर भगवान महावीर के निर्वाण महोत्सव की खुशियां मनाईं.
Intro:निर्वाण महोत्सव के रूप में जैन समुदाय के लोग मनाते हैं दीपावली का त्यौहार
जैन मंदिरों में निर्वाण महोत्सव का लाडू चढ़ा कर करते हैं भगवान का पूजन अर्चन
Anchor. पूरे देश में दीपावली का त्यौहार हर समुदाय के लोग अलग-अलग ढंग से मनाते हैं. इसी तरह से जैन समुदाय के लोग भी अपने आराध्य भगवान महावीर के निर्वाण महोत्सव के रूप में दीपावली का पर्व मनाते हैं. दीपावली के पर्व के अवसर पर लोग मंदिरों में पहुंचकर भगवान को मिष्ठान से बना लाडू चढ़ा कर पूजन अर्चन करते हुए दीपावली की खुशियां मनाते हैं.
Body:Vo. दमोह के जैन मंदिरों में लोगों ने पहुंचकर जहां भगवान का जलाभिषेक किया, वही मिष्ठान से बनाया गया लाडू चढ़ाकर निर्वाण कांड पढ़कर भगवान महावीर के निर्वाण महोत्सव की खुशियां मनाई. दरअसल जैन समुदाय में 24 तीर्थंकर यानी भगवान की पूजा होती है. इन्हीं 24 तीर्थंकर में से भगवान महावीर अंतिम तीर्थंकर माने गए हैं. इन्हीं के मोक्ष कल्याणक के रूप में यह पर्व दीपावली के रूप में जैन समुदाय के लोग धूमधाम से मनाते हैं. जैन मंदिरों में जैन समाज का हर व्यक्ति पहुंचकर खुशियां मनाते हुए दीपक जलाता है. साथ ही भगवान को लाडू अर्पित करता है. इसी प्रकार से दमोह के जैन मंदिरों में भी यह आयोजन धूमधाम से किया गया.
Conclusion:देशभर के जैन समुदाय के लोग जैन मंदिरों से ही दीपावली के दीप उत्सव की शुरुआत करते हैं. सबसे पहले मंदिरों में ही दीपक जलाकर पूजन अर्चन होता है. उसके बाद घरों में दीपोत्सव मनाया जाता है. यह परंपरा अनादि काल से जैन समुदाय के लोग अनवरत मनाते आ रहे हैं. दीपावली पर्व पर जैन समुदाय अपने तरह से दीपावली का आयोजन करता है. जिसमें समुदाय के लोग अपनी हिस्सेदारी करते हैं.
आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
जैन मंदिरों में निर्वाण महोत्सव का लाडू चढ़ा कर करते हैं भगवान का पूजन अर्चन
Anchor. पूरे देश में दीपावली का त्यौहार हर समुदाय के लोग अलग-अलग ढंग से मनाते हैं. इसी तरह से जैन समुदाय के लोग भी अपने आराध्य भगवान महावीर के निर्वाण महोत्सव के रूप में दीपावली का पर्व मनाते हैं. दीपावली के पर्व के अवसर पर लोग मंदिरों में पहुंचकर भगवान को मिष्ठान से बना लाडू चढ़ा कर पूजन अर्चन करते हुए दीपावली की खुशियां मनाते हैं.
Body:Vo. दमोह के जैन मंदिरों में लोगों ने पहुंचकर जहां भगवान का जलाभिषेक किया, वही मिष्ठान से बनाया गया लाडू चढ़ाकर निर्वाण कांड पढ़कर भगवान महावीर के निर्वाण महोत्सव की खुशियां मनाई. दरअसल जैन समुदाय में 24 तीर्थंकर यानी भगवान की पूजा होती है. इन्हीं 24 तीर्थंकर में से भगवान महावीर अंतिम तीर्थंकर माने गए हैं. इन्हीं के मोक्ष कल्याणक के रूप में यह पर्व दीपावली के रूप में जैन समुदाय के लोग धूमधाम से मनाते हैं. जैन मंदिरों में जैन समाज का हर व्यक्ति पहुंचकर खुशियां मनाते हुए दीपक जलाता है. साथ ही भगवान को लाडू अर्पित करता है. इसी प्रकार से दमोह के जैन मंदिरों में भी यह आयोजन धूमधाम से किया गया.
Conclusion:देशभर के जैन समुदाय के लोग जैन मंदिरों से ही दीपावली के दीप उत्सव की शुरुआत करते हैं. सबसे पहले मंदिरों में ही दीपक जलाकर पूजन अर्चन होता है. उसके बाद घरों में दीपोत्सव मनाया जाता है. यह परंपरा अनादि काल से जैन समुदाय के लोग अनवरत मनाते आ रहे हैं. दीपावली पर्व पर जैन समुदाय अपने तरह से दीपावली का आयोजन करता है. जिसमें समुदाय के लोग अपनी हिस्सेदारी करते हैं.
आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
Last Updated : Oct 28, 2019, 5:44 PM IST