दमोह। दमोह जिले के पटेरा तहसील मुख्यालय में बुधवार अजीब मामला सामने आया. एक बाइक सवार बस की टक्कर से घायल हो गया. इससे गुस्साए ग्रामीणों ने कुंडलपुर पटेरा मार्ग पर जाम लगा दिया. दरअसल फरवरी में जैन तीर्थ क्षेत्र कुंडलपुर में गजरथ महोत्सव हुआ था. जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुंडलपुर और बांदकपुर को पवित्र नगरी घोषित करते हुए उसके 4 किलोमीटर की परिधि एरिया में शराब के क्रय विक्रय पर रोक लगाने तथा उस क्षेत्र में आने वाली शराब दुकानों को हटाने की घोषणा की थी. घोषणा के 3 माह बाद भी प्रशासन ने शराब की दुकाने नहीं हटाई.
बाइक में टक्कर से बिगड़ा मामला : पटेरा में जिस जगह यह सड़क हादसा हुआ उसमें एक व्यक्ति बस की टक्कर लगने से घायल हो गया और घटनास्थल अंग्रेजी शराब दुकान के ठीक सामने है. घायल युवक को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है. घटना से गुस्साई महिलाओं ने ग्रामीणों के साथ सड़क पर चिलचिलाती धूप में चक्का जाम लगा दिया. घटना की जानकारी मिलने पर पटेरा पुलिस पहुंची तथा समझाइश देकर महिलाओं को चक्का जाम खोलने के लिए कहा, लेकिन महिलाएं नहीं मानी. इसके बाद पटेरा तहसीलदार विकास अग्रवाल भी पहुंचे और उन्होंने भी चक्का जाम हटाने का अनुरोध किया. लेकिन लेकिन महिलाएं इस मांग पर अड़ गई कि उन्हें लिखित आश्वासन दिया जाए कि कितने दिन में शराब दुकान हटा दी जाएगी.
जब घोड़ी पर बैठकर मंडप में पहुंची दुल्हन, दूल्हा ही नहीं हैरत में पड़ गए सभी बाराती
तहसीलदार से बहस : इसके बाद तहसीलदार और महिलाओं में जमकर तू तू मैं मैं हो गई. काफी देर बहस के बाद जब तहसीलदार ने समझाइश दी कि प्रशासन एवं शासन को इस संबंध में जानकारी देकर दुकान हटवाने का आग्रह किया जाएगा तथा जैसे ही ऊपर से आदेश आएगा दुकान बंद करा दी जाएगी. इसके बाद चक्का जाम समाप्त हुआ. महिला सरिता बाई ने बताया कि शराब दुकान होने से आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं. असामाजिक तत्व परेशान करते हैं. जब मुख्यमंत्री ने घोषणा कर दी है तब शराब दुकान क्यों नहीं हटाई जा रही है.अन्य महिला ने कहा कि शराब दुकान होने से परिवारों में विवाद बढ़ रहे हैं. यह शराब दुकान हटना ही चाहिए. इस संबंध में तहसीलदार विकास अग्रवाल का कहना है कि महिलाओं को आश्वासन दिया गया है जैसे ही शासन शासन से आदेश प्राप्त हुआ शराब दुकान बंद करा दी जाएगी. (Demand for removal of liquor shop) (Debate with the Tehsildar)