दमोह। ग्रामीण क्षेत्र से लोग जिला अस्पताल इसलिए आते हैं कि वहां पर उन्हें अच्छा उपचार मिल जाएगा. लेकिन यहां आने के बाद उन्हें एहसास होता है कि कितनी बड़ी गलती उन्होंने की है. ताजा मामला कुम्हारी क्षेत्र का है. महिला रातभर दर्द और बुखार से तड़पती रही. आरोप है कि उसे न तो उपचार मिला और न ही उसे खून चढ़ाया गया. जिससे उसकी सुबह मौत हो गई. परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर आरोप लगाया है कि किसी ने भी इलाज करने पर ध्यान नहीं दिया.
महिला को थी खून की कमी : कुम्हारी क्षेत्र की रहने वाली सुमन दुबे की तबीयत ठीक नहीं थी. उसे खून की कमी और तेज बुखार था. परिजन उसे स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले गए. वहां पर डॉक्टर ने कहा कि यहां पर उपचार की पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं हैं. इसलिए तुरंत जिला अस्पताल ले जाइए. वहां पर समय पर खून चढ़ जाएगा और उपचार भी अच्छा हो जाएगा. इसके बाद परिजन पीड़िता को जिला अस्पताल लेकर आए और भर्ती कराया. डॉक्टर ने परिजनों को बताया कि महिला को खून की बहुत कमी है. इसलिए तुरंत आप खून की व्यवस्था करें. परिजनों ने खून की व्यवस्था भी कर ली.
परिजनों में आक्रोश : आरोप है कि परिजन जब खून लेकर ड्यूटी डॉक्टर के पास पहुंचे तो उन्होंने खून चढ़ाने से मना कर दिया. डॉक्टर ने कहा कि अभी खून नहीं लगाया जा सकता. मृतका के ससुर गजाधर दुबे ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि उनकी बहू रात भर दर्द से तड़पती रही. वह बार-बार डॉक्टर के पास गए. लेकिन डॉक्टर ने उन्हें भगा दिया और खून नहीं चढ़ाया. सुबह होते-होते बहू ने दर्द और बुखार से दम तोड़ दिया. मुझे क्या पता था कि यहां आने के बाद बहू की जान ही चली जाएगी.
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सीएमएचओ ने कहा- कराएंगे जांच : वहीं, इस मामले में सीएमएचओ डॉ. सरोजनी जेम्स ने कहा कि कुम्हारी की एक महिला की मौत होने की जानकारी है. सिविल सर्जन से जब इसकी जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि महिला को 103 डिग्री तेज बुखार था. जिसके कारण खून नहीं चढ़ा सकते थे. इसलिए बोतल और पेरासिटामोल देकर उसका बुखार कम करने की कोशिश की गई, लेकिन सुबह उसकी मृत्यु हो गई. सीएमएचओ का कहना है कि इसमें जो भी दोषी होगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. इस मामले की एक सप्ताह के भीतर जांच कराई जाएगी.