दमोह। पथरिया से बसपा विधायक रामबाई ने इस बार वोटों की खरोद-फरोख्त पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने मतदाताओं को खरी-खरी सुनाते हुए कहा, 'आप अपना वोट 500 रुपए में बेच देते हैं, यह ठीक नहीं है. अब तो सरपंची के चुनाव में भी यही होने लगा है. लोग 25 लाख रुपए खर्च करते हैं. वोट खरीदकर सरपंच बन जाते हैं. यह सब मैंने इसी पंचवर्षीय में यहां पर देखा है. प्रतिनिधि कोई 1-2 साल के लिए नहीं चुना जाता, वह 5 साल के लिए चुना जाता है. किसी ने 500 रुपए ले लिए, किसी ने 1000 रुपए ले लिए, किसी ने दारू की बोतल ले ली तो किसी ने बिछिया ले ली. इसके बदले में आप उन्हें वोट देते हैं इसलिए जनता मारी-मारी फिरती है. जब आप काम कराने जाते हैं तो नेता कहते हैं कि क्या फ्री में वोट दिया है, पैसा लिया है आपने. यदि 500-1000 रुपए में आपका जीवन निकलता है तो ले लो कोई बात नहीं लेकिन उसमें जीवन नहीं निकलना.
परिजन की कसम खाने वालों पर निशाना: चुनाव में परिजन की कसम खाने और गंगा हाथ में उठाने को लेकर भी रामबाई ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, 'यदि किसी गांव में 5 लोग चुनाव लड़ रहे हैं तो लोगों ने पांचों प्रत्याशियों के लिए गंगा उठा ली और कह दिया कि आपको वोट मिलेगा. इस बात का बहुत दु:ख है. यह गंभीरता से विचार करने की बात है कि क्या गंगा और बाल-बच्चे इतने सरल हो गए हैं कि बात-बात में उनकी कसमें खाई जाती हैं. गंगा मामूली नहीं है, आपके बच्चे मामूली बात नहीं हैं. अब प्रत्याशी भी जानने लगे हैं कि लोग कैसे हैं.'
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सोच-समझकर प्रतिनिधि चुनें: पथरिया विधायक ने इसके आगे कहा, 'ऐसा नहीं है कि मैं मां की कोख से ही विधायक बन गई हूं. मुझे नेता आपने बनाया है, विधायक आप लोगों ने बनाया है. आपके वोट से चुनकर मैं विधायक बनी हूं. यह विधायक का कर्तव्य है कि वह जनता का काम करे. लेकिन जनता का भी यह कर्तव्य है कि वह सोच-समझकर प्रतिनिधि चुने क्योंकि यह एक-दो दिन का नहीं, 5 साल का सवाल है.'