दमोह। अधिकारी और कर्मचारियों को अक्सर दबंगई दिखाने वाली पथरिया की बसपा विधायक रामबाई एक बार फिर सुर्खियों में आ गई हैं. इस बार जब वह पथरिया विधानसभा के एससी एसटी बालिका छात्रावास का निरीक्षण करने पहुंची तो उनकी वॉर्डन से जमकर तू तू मैं मैं हो गई. अक्सर धौंस जमाने वाली रामबाई को पहली बार यह अहसास हुआ होगा कि उनसे भी कोई सख्त लहजे में बात कर सकता है? दरअसल पिछले कुछ दिनों से वार्डन और सहायक वॉर्डन के बीच जारी जंग के बीच विवाद बढ़ने पर पथरिया विधायक निरीक्षण करने के लिए छात्रावास गई थी. वहां उन्होंने और अव्यवस्थाएं देखी और अपना आपा खो दिया. वह छात्रावास की वॉर्डन दीप्ति चौबे पर बरस पड़ी, चिल्लाना शुरू दिया.
विधायक और वार्डन में बहस: जैसे ही वार्डन ने कहा इनकी एफआईआर कराओ, चिल्लाओ यह मत मैडम, मैं आपका सम्मान करती हूं, शांत लहजे में बात कीजिए. लेकिन विधायक का गुस्सा कम नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि तुम ब्राह्मण हो उसके बाद भी जातिवाद करती हो. जिस पर वॉर्डन ने कहा कि, कब किसके साथ जातिवाद किया है बताइए? इस पर रामबाई ने कहा कि एसटी एससी के बच्चे हैं इसलिए जातिवाद करती हो. पास ही खड़ी रसोईया वर्षा पटेल से कहा कि, कैसी तुम्हारी वॉर्डन है कैसे तुम लोग यह सब सह लेती हो. चलो इनकी एफआईआर कराओ. काफी देर तक यह तू तू मैं मैं चलती रही. रसोईया भी बीच में बोल पड़ी, रामबाई ने कहा तुम माधव गुरु की रिश्तेदार हो तो यह मत समझो की कुछ भी करोगी.
सब गरीब बच्चियों का पैसा खा रहे हैं: बहस खत्म होने के बाद रामबाई ने मीडिया को दिए बयान में कहा की बच्चियों पर बहुत अत्याचार हो रहा है. उनके साथ बहुत गलत हो रहा है. कमरों में पंखे नहीं है. इन्हें 2 साल से अंडर गारमेंट्स ड्रेस और अन्य जरूरत की चीजें नहीं मिली हैं जैसे तैसे मजबूरी में यह बच्ची यहां पर रह रही हैं और तो सब छोड़िए इन्हें खाना भी ढंग से नसीब नहीं होता है, इतनी गर्मी पड़ रही है बच्चियां बीमार पड़ जाएंगी.
रामबाई ने कहा कि कलेक्टर साहब से बात की तो उन्होंने कहा कि मैंने जांच के आदेश दे दिए हैं. कब जांच होगी तब तक पता नहीं कौन अस्पताल पहुंच जाए यह तो गरीबों के बच्चे हैं. यह सोचकर यहां के अधिकारी कर्मचारी इनके नाम का पूरा पैसा खा रहे हैं. जब शासन हर चीज के लिए फंड देती है तो उसका लाभ इन बच्चियों को क्यों नहीं मिलता सब यही सोचते हैं कि गरीब के बच्चे हैं यह तो जैसे तैसे रह लेंगे क्या फर्क पड़ता है.
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क्या है मामला: असल में पथरिया एससी एसटी छात्रावास की बच्चियां कुछ दिन पूर्व वार्डन के साथ कलेक्टर को ज्ञापन देने पहुंची थी. जिसमें उन्होंने रसोईया और सहायक वॉर्डन पर आरोप लगाए थे. घटना के दूसरे दिन सहायक वार्डन कुछ बच्चियों को लेकर उन्हें कलेक्ट्रेट पहुंची और जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया था. दोनों ही ज्ञापन एक दूसरे के खिलाफ दिए गए थे. उसी बीच छात्रावास से 16 बच्चियों के गायब होने की खबर आई थी लेकिन जिला प्रशासन ने इसका खंडन करते हुए कहा था कि सभी बच्चियां छात्रावास में मौजूद है. मामले को बढ़ता देख कलेक्टर ने डीपीसी को मामले की जांच के आदेश देते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे.