दमोह। बारिश के मौसम में पानी भरने से बिलों में छिपे बैठे जहरीले जंतु निकलकर सुरक्षित स्थान पर आ जाते हैं. गांव देहातों में यह समस्या सर्वाधिक है. कुछ ऐसा ही मामला तेंदूखेड़ा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम लकलका में सामने आया. बुधवार शाम एक कच्चे मकान में करीब 3 दर्जन से अधिक सांप निकलने के बाद परिजन सहम गए तथा गांव में दहशत फैल गई. यह घटना बुक्खल कोटवार के घर में घटित हुई.
घर में छुपे थे 40 सांप: दरअसल बुक्कल की बेटी जब मिट्टी और खप्पर के बने अपने कच्चे घर के अंदर जा रही थी तभी उसे एक बड़ा सा काला सांप कमरे में जाता हुआ दिखाई दिया. वह डर गई और चीख मारकर बाहर निकली, उसने घटना परिजनों को बताई. जिसके बाद परिजन सहम गए और उन्होंने सांप पकड़ने वाले एक व्यक्ति से संपर्क किया. सर्प मित्र ने तुरंत करीब 40 की संख्या में छोटे-छोटे सांपों को एक डिब्बे में डाला, इसके साथ ही काले नाग नागिन का जोड़ा भी पकड़ कर डिब्बे में बंद किया और उन्हें जंगल में छोड़ दिया. जबकि एक विशालकाय काला सांप अभी भी पकड़ से दूर है.
परिवार ने घर के बाहर जमाया डेरा; बुक्खल कोटवार ने बताया कि ''अंदाजा नहीं है कि कितने सांप घर के अंदर होंगे. सबसे पहले बेटी ने सांप देखा तो हम सभी लोग घर के बाहर जमा हो गए. सांपों को पकड़वाया तथा उन्हें जंगल में छोड़ा, जिनकी संख्या करीब 40 के आसपास है. बड़ा सांप अभी पकड़ा नहीं गया है. घर के अंदर कितने सांप हैं पता नहीं है. इसलिए हमने घर के बाहर डेरा जमा लिया है, रहने का कोई दूसरा ठिकाना नहीं है. इस बारिश के मौसम में हम कहां जाएंगे.''
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गांव में दहशत का माहौल: बुक्खल कोटवार ने कहा कि ''जब घर तोड़कर देखेंगे तभी पता चलेगा की कहां-कहां सांप छिपे हैं.'' वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि आसपास खेत बने हुए हैं. खेतों में पानी भरने के कारण बिलों से सांप निकलकर सुरक्षित स्थान ढूंढते हैं तथा भोजन की तलाश में भी घरों की तरफ रुख करते हैं. संभव है कि कुछ और घरों में भी सांप हो सकते हैं. इस घटना से गांव में लोग डरे सहमे हैं.''