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टेलीमेडिसिन के जरिये होगी कोरोना संदिग्धों की ट्रैकिंग, जाने कैसे ?

दमोह में कोरोना मरीजों की ट्रेकिंग के लिए टेलीमेडिसिन सेवा की शरुआत की गई है, जिसमे जिले भर के अस्पतालों में सर्दी, जुकाम या बुखार का इलाज कराने आये मरीजों का डाटा रहेगा. जिसके द्वारा कोरोना के संदिग्धों का पता लगाया जा सकेगा और उनके घर में टीम भेजकर सैंपल भी लिया जा सकेगे.

Telemedicine center will help in tracking patients
टेलीमेडिसिन सेंटर से मरीजों की ट्रैकिंग में मिलेगी सहायता
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Published : Apr 21, 2020, 2:56 PM IST

Updated : Apr 21, 2020, 6:56 PM IST

दमोह। जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की ट्रैकिंग करने के लिए टेलीमेडिसिन सेवा शुरू की गई है. जिसकी स्थापना जिला प्रशासन के निर्देश पर दमोह जिला अस्पताल में की गई है. इस सेवा के माध्यम से कोरोना संदिग्धों की ट्रैकिंग की जा सकेगी. वहीं हालत बिगड़ने पर स्वास्थ्य टीम को घर भेजकर सैंपल भी लिया जा सकेगा.

टेलीमेडिसिन के जरिये होगी कोरोना संदिग्धों की ट्रैकिंग

टेलीमेडिसिन सेवा की सहायता से जिलेभर के अस्पतालों में सर्दी-खांसी और बुखार का इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों की संख्या और उनकी जानकारी रखी जाएगी. जिसके माध्यम से उनकी ट्रैकिंग की जा सकेगी. वहीं मरीजों की क्रिटिकल कंडीशन होने पर उनके टीम को मरीजों के घर भी भेजा जाएगा और सैंपल कलेक्ट किया जाएगा. हालांकि अभी तक दमोह में कोई भी संक्रमण व्यक्ति नहीं मिला है. लेकिन कोई भी तकलीफ होने पर जिले के लोग किसी ना किसी चिकित्सक से संपर्क करेंगे. ऐसे में उनसे जानकारी लेकर टेली मेडिसन सेवा का प्रयोग करते हुए ऐसे लोगों को चिन्हिंत कर उन्हें सैंपल लेकर क्वॉरेंटाइन किया जाएगा.

टेलीमेडिसिन सेवा के माध्यम से ऐसे मरीजों को बाहर निकाला जा सकता है, जो कोरोना के संदिग्ध हो सकते हैं. प्राथमिक इलाज होने पर इन्हें बेहतर उपचार भी उपलब्ध कराया जा सकता है. इसके लिए ब्लॉक स्तर पर भी टीमों का गठन किया गया है. वहीं इसकी मॉनिटरिंग जिला स्तर से की जाएगी.

क्या है टेलीमेडिसिन सेवा ?

डॉक्टर जब किसी मरीज से मोबाइल फोन या फिर इंटरनेट के जरिए संपर्क करके उसका इलाज करते हैं. इस प्रक्रिया में डॉक्टर मरीज की स्थिति को अच्छी तरह समझने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का भी सहारा लेते हैं. डिजिटल कैमरा और एक खास सॉफ्टवेयर का इसमें इस्तेमाल किया जाता है. इससे मरीज घर पर रह कर डाक्टर से अपनी समस्या बताकर इसका इलाज करवा सकता है. इस प्रक्रिया को टेलीमेडिसिन कहा जाता है.

दमोह। जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की ट्रैकिंग करने के लिए टेलीमेडिसिन सेवा शुरू की गई है. जिसकी स्थापना जिला प्रशासन के निर्देश पर दमोह जिला अस्पताल में की गई है. इस सेवा के माध्यम से कोरोना संदिग्धों की ट्रैकिंग की जा सकेगी. वहीं हालत बिगड़ने पर स्वास्थ्य टीम को घर भेजकर सैंपल भी लिया जा सकेगा.

टेलीमेडिसिन के जरिये होगी कोरोना संदिग्धों की ट्रैकिंग

टेलीमेडिसिन सेवा की सहायता से जिलेभर के अस्पतालों में सर्दी-खांसी और बुखार का इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों की संख्या और उनकी जानकारी रखी जाएगी. जिसके माध्यम से उनकी ट्रैकिंग की जा सकेगी. वहीं मरीजों की क्रिटिकल कंडीशन होने पर उनके टीम को मरीजों के घर भी भेजा जाएगा और सैंपल कलेक्ट किया जाएगा. हालांकि अभी तक दमोह में कोई भी संक्रमण व्यक्ति नहीं मिला है. लेकिन कोई भी तकलीफ होने पर जिले के लोग किसी ना किसी चिकित्सक से संपर्क करेंगे. ऐसे में उनसे जानकारी लेकर टेली मेडिसन सेवा का प्रयोग करते हुए ऐसे लोगों को चिन्हिंत कर उन्हें सैंपल लेकर क्वॉरेंटाइन किया जाएगा.

टेलीमेडिसिन सेवा के माध्यम से ऐसे मरीजों को बाहर निकाला जा सकता है, जो कोरोना के संदिग्ध हो सकते हैं. प्राथमिक इलाज होने पर इन्हें बेहतर उपचार भी उपलब्ध कराया जा सकता है. इसके लिए ब्लॉक स्तर पर भी टीमों का गठन किया गया है. वहीं इसकी मॉनिटरिंग जिला स्तर से की जाएगी.

क्या है टेलीमेडिसिन सेवा ?

डॉक्टर जब किसी मरीज से मोबाइल फोन या फिर इंटरनेट के जरिए संपर्क करके उसका इलाज करते हैं. इस प्रक्रिया में डॉक्टर मरीज की स्थिति को अच्छी तरह समझने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का भी सहारा लेते हैं. डिजिटल कैमरा और एक खास सॉफ्टवेयर का इसमें इस्तेमाल किया जाता है. इससे मरीज घर पर रह कर डाक्टर से अपनी समस्या बताकर इसका इलाज करवा सकता है. इस प्रक्रिया को टेलीमेडिसिन कहा जाता है.

Last Updated : Apr 21, 2020, 6:56 PM IST
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