दमोह। लॉकडाउन के समय से जिले में बसें बंद हैं और कोई परिवहन नहीं हो रहा. वहीं शासन द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के मुताबिक बस संचालकों ने बसें चालू की थीं, लेकिन वे लोग बसों का संचालन नहीं कर पा रहे हैं. इसी वजह से अब दमोह में बस यूनियन ने अपनी बसों को जिला परिवहन कार्यालय में रखने का निर्णय लिया है. बता दें बस यूनियन का यह निर्णय एक तरह से विरोध प्रदर्शन करने का तरीका है.
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दमोह जिला बस यूनियन द्वारा लिए गए निर्णय के मुताबिक सरकार उनके टैक्स को माफ नहीं कर रही है और न ही बीमा की अवधि बढ़ाई जा रही. सोशल डिस्टेंस के साथ बसों का संचालन करने की बात कही जा रही है. साथ ही किराया भी नहीं बढ़ाया जा रहा. ऐसे हालात में बस ऑपरेटर लॉकडाउन के दिनों में परेशान होने के बाद अब बस चलाने के हालात में नहीं हैं.
बस ड्राइवर, कंडक्टर, क्लीनर दूसरे काम करके अपना जीवन यापन करने मजबूर हैं. वहीं बस ऑपरेटरों की बसें कबाड़ हो रही हैं. बस ऑपरेटर संघ का कहना है कि 6 महीने का टैक्स माफ करने, लॉकडाउन की अवधि का बीमा समय सीमा बढ़ाए जाने, किराया बढ़ाने और पूरी सवारियों को बसों में बैठाने का निर्णय सरकार को लेना चाहिए. इस निर्णय के बाद ही बसों का संचालन होगा. वहीं अगर 24 तारीख तक शासन ने यह निर्णय नहीं लिया तो 25 तारीख को सभी बस ऑपरेटर अपनी बसों को ले जाकर RTO में रख देंगे.
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दमोह जिला बस यूनियन का यह निर्णय निश्चित ही आने वाले दिनों में परिवहन को प्रभावित करेगा. वर्तमान में लोग बिना बसों के ही परिवहन कर रहे हैं. जैसे-तैसे काम चला रहे हैं. वहीं बसों का संचालन यदि इसी तरह से बंद रखा जाता है, तो आगामी दिनों में लोगों को प्रभावित होने में वक्त नहीं लगेगा.