दमोह। उपचुनाव की अधिसूचना जारी होते ही बीजेपी ने चुनाव के लिए कमर कस ली है. रविवार को शहरी विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने स्थानीय भाजपा कार्यालय में चुनाव प्रबंधन समिति एवं कोर कमेटी की बैठक ली. बीजेपी इस उपचुनाव में कोई जोखिम लेना नहीं चाहती है. पार्टी की तैयारियां राहुल सिंह के भाजपा ज्वाइन करते ही शुरू हो गई थी. अधिसूचना जारी होने के बाद उसमें एकाएक गति आ गई है. वरिष्ठ नेताओं के दमोह के दौरे हो रहे हैं और लगातार बैठकों का सिलसिला जारी है. चुनाव की रूपरेखा तय करने के लिए शहरी विकास मंत्री और चुनाव प्रभारी भूपेंद्र सिंह ने रविवार भाजपा कार्यालय में कोर कमेटी और चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक ली. शहरी विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि "वरिष्ठ नेता राजेंद्र गुरु को चुनाव समिति का संचालक बनाया गया है. दमोह विधानसभा को 32 सेक्टरों में बांटा गया है. जिसमें अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं. और वह प्रत्येक सेक्टर के हिसाब से उसके अंतर्गत आने वाली पोलिंग बूथ पर काम करेंगी."
- क्या अपनों पर भरोसा नहीं
चुनाव प्रबंधन एवं कोर कमेटी की बैठक में दमोह के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी कम और टीकमगढ़, छतरपुर, निवाड़ी, जतारा, पन्ना और सागर जिले के कार्यकर्ता ज्यादा नजर आए. संभागीय संगठन मंत्री केशव भदौरिया ने तो बाकायदा मंच से यही कहा कि बाहरी क्षेत्र से आए हुए कार्यकर्ता और पदाधिकारी यहां पर कार्यकर्ताओं की मदद करने आए हैं.
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- पार्टी में कोई नाराजगी नहीं
इस अवसर पर मीडिया से चर्चा करते हुए चुनाव प्रभारी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि पार्टी की तैयारियां पिछले 6 महीने से चल रही हैं. दमोह का उप चुनाव भाजपा ही जीतेगी. इसके लिए रूपरेखा तय कर ली गई है. 30 तारीख को प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा आदि भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी का नामांकन जमा कराने दमोह आने वाली है. एक गुट की नाराजगी के संबंध में उन्होंने कहा कि यह नाराजगी क्षणिक है. भाजपा में कोई नाराज नहीं होता है. समय आने दीजिए सारे कार्यकर्ता भाजपा प्रत्याशी के लिए एकजुट होकर काम करेंगे.
- मलैया की अनुपस्थिति बनी चर्चा
उपचुनाव की बैठक में भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री जयंत मलैया, कुछ पूर्व विधायक तथा कुछ पूर्व जिला अध्यक्षों की गैरमौजूदगी कार्यकर्ताओं में चर्चा का विषय बन गई. उनका बैठक में न आना इस बात की ओर इशारा करता है कि अभी उनकी नाराजगी दूर नहीं हुई है. वहीं दूसरी ओर पूर्व कृषि मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया, पथरिया के पूर्व विधायक लखन पटेल एवं पूर्व मंत्री दशरथ सिंह लोधी बैठक में आए तो लेकिन केवल मुंह दिखाई की रस्म करके चले गए.