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इतने नंबर कैसे आए, निरस्त हो परीक्षा - दमोह न्यूज

ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और ग्रामीण कृषि विकास विस्तार अधिकारी की परीक्षा पर सवाल उठने लगे हैं. NSUI ने छात्रों के साथ मिलकर परीक्षा निरस्त करने की मांग की है.

demand to cancel exams
परीक्षा निरस्त करने की मांग
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Published : Feb 23, 2021, 7:31 PM IST

दमोह। हाल ही में व्यावसायिक परीक्षा मंडल की ओर से ली गई ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और ग्रामीण कृषि विकास विस्तार अधिकारी की परीक्षा में धांधली के आरोप लग रहे हैं. इस बारे में NSUI ने कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर और जबलपुर के छात्रों के साथ मिलकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया है. ये छात्र जिला प्रशासन से मामले की जांच करने और परीक्षा निरस्त करने की मांग कर रहे हैं.

परीक्षा निरस्त करने की मांग

छात्रों का आरोप है कि परीक्षा से पहले ही पेपर लीक हो गया था. छात्रों ने यह भी आरोप लगाए, कि जिन परीक्षार्थियों का चयन हुआ है उनका पहले का रिकॉर्ड अच्छा नहीं है. इन परीक्षार्थियों ने छह से आठ सालों में तो डिग्री ली थी. जहां भी उन्हें सिर्फ पासिंग मार्क्स मिले थे. ऐसे में ये परीक्षा इन्होंने इतने अच्छे अंकों से कैसे पास कर ली.

परीक्षा में हुआ घोटाला, विद्यार्थियों ने एसपी को सौंपा ज्ञापन

छात्रों ने यह भी आरोप लगाए कि सफल अभ्यर्थियों में से कई छात्र 2011, 2012, 2013 में पीएटी की परीक्षा में फर्जीवाड़े में शामिल थे. विश्वविद्यालय की जांच में ये दोषी भी पाए गए थे. ये अयोग्य परीक्षार्थी 200 में से 195, 196, 197 अंक कैसे ले आए, इसकी जांच होनी चाहिए .

दमोह। हाल ही में व्यावसायिक परीक्षा मंडल की ओर से ली गई ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और ग्रामीण कृषि विकास विस्तार अधिकारी की परीक्षा में धांधली के आरोप लग रहे हैं. इस बारे में NSUI ने कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर और जबलपुर के छात्रों के साथ मिलकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया है. ये छात्र जिला प्रशासन से मामले की जांच करने और परीक्षा निरस्त करने की मांग कर रहे हैं.

परीक्षा निरस्त करने की मांग

छात्रों का आरोप है कि परीक्षा से पहले ही पेपर लीक हो गया था. छात्रों ने यह भी आरोप लगाए, कि जिन परीक्षार्थियों का चयन हुआ है उनका पहले का रिकॉर्ड अच्छा नहीं है. इन परीक्षार्थियों ने छह से आठ सालों में तो डिग्री ली थी. जहां भी उन्हें सिर्फ पासिंग मार्क्स मिले थे. ऐसे में ये परीक्षा इन्होंने इतने अच्छे अंकों से कैसे पास कर ली.

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छात्रों ने यह भी आरोप लगाए कि सफल अभ्यर्थियों में से कई छात्र 2011, 2012, 2013 में पीएटी की परीक्षा में फर्जीवाड़े में शामिल थे. विश्वविद्यालय की जांच में ये दोषी भी पाए गए थे. ये अयोग्य परीक्षार्थी 200 में से 195, 196, 197 अंक कैसे ले आए, इसकी जांच होनी चाहिए .

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