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कृषि उपज मंडी में दुकानदारों ने नहीं चुकाया किराया, 48 लाख रूपए वसूलना बाकी - 48 lakhs rent remaining

दमोह कृषि उपज मंडी में दुकानदारों ने साल 2015 से किराया नहीं चुकाया है, जिस वजह से किराया बढ़कर 48 लाख रुपए हो गया है. इसी कड़ी में अब किराया वसूलने के लिए कृषि उपज मंडी प्रशासन ने कार्रवाई की.

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दुकानदारों ने नहीं चुकाया किराया
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Published : Jul 10, 2020, 2:44 PM IST

दमोह। कृषि उपज मंडी में शासन के द्वारा दुकानदारों को दुकानों का आवंटन किया गया है. जहां पर संचालित सब्जी मंडी में साल 2015-16 से दुकानदार काबिज है. वहां पर भी व्यापार करते हैं, लेकिन व्यापारी मंडी का किराया नहीं चुका रहे हैं, जिससे यह किराया लाखों में पहुंच गया है. वहीं मंडी प्रशासन द्वारा कई बार कहने के बाद भी कोई किराया चुकाने नहीं आया, जिसके बाद प्रशासन ने तालाबंदी की कार्रवाई शुरू कर दी है.

दुकानदारों ने नहीं चुकाया किराया
कृषि उपज मंडी प्रशासन ने सुबह सवेरे सब्जी मंडी खोलने के दौरान पहुंचकर दुकानदारों से किराया वसूला. जानकारी के मुतािबक करीब चार सालों से दुकानदारों ने किराया नहीं चुकाया है. जिस कारण से इन दुकानदारों पर मंडी प्रशासन का करीब 48 लाख रूपया किराया हो गया है. लंबा किराया हो जाने के बाद मंडी सचिव ने अब इसकी वसूली के लिए अभियान चलाया है और इस कारण से अब दुकानदारों में हड़कंप के हालात हैं. मंडी सचिव का कहना है यदि दुकानदार किराया नहीं चुकाएंगे तो दुकानें खाली करा दी जाएंगी.

ये भी पढ़ें- छिंदवाड़ाः अस्पताल तक जाने के लिए रोड़ा बना कच्चा रास्ता, ग्रामीण परेशान

सरकारी दुकानों के लिए जहां दुकानदार मशक्कत करते हैं और वहीं दुकानें मिल जाने के बाद किराए का भुगतान करने से बचते हैं. जिससे उनके ऊपर लाखों का कर्ज हो जाता है.

दमोह। कृषि उपज मंडी में शासन के द्वारा दुकानदारों को दुकानों का आवंटन किया गया है. जहां पर संचालित सब्जी मंडी में साल 2015-16 से दुकानदार काबिज है. वहां पर भी व्यापार करते हैं, लेकिन व्यापारी मंडी का किराया नहीं चुका रहे हैं, जिससे यह किराया लाखों में पहुंच गया है. वहीं मंडी प्रशासन द्वारा कई बार कहने के बाद भी कोई किराया चुकाने नहीं आया, जिसके बाद प्रशासन ने तालाबंदी की कार्रवाई शुरू कर दी है.

दुकानदारों ने नहीं चुकाया किराया
कृषि उपज मंडी प्रशासन ने सुबह सवेरे सब्जी मंडी खोलने के दौरान पहुंचकर दुकानदारों से किराया वसूला. जानकारी के मुतािबक करीब चार सालों से दुकानदारों ने किराया नहीं चुकाया है. जिस कारण से इन दुकानदारों पर मंडी प्रशासन का करीब 48 लाख रूपया किराया हो गया है. लंबा किराया हो जाने के बाद मंडी सचिव ने अब इसकी वसूली के लिए अभियान चलाया है और इस कारण से अब दुकानदारों में हड़कंप के हालात हैं. मंडी सचिव का कहना है यदि दुकानदार किराया नहीं चुकाएंगे तो दुकानें खाली करा दी जाएंगी.

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सरकारी दुकानों के लिए जहां दुकानदार मशक्कत करते हैं और वहीं दुकानें मिल जाने के बाद किराए का भुगतान करने से बचते हैं. जिससे उनके ऊपर लाखों का कर्ज हो जाता है.

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