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1000 साल पुरानी 18 भुजाओं वाले श्रीगणेश जी की अनोखी प्रतिमा, आप भी कीजिए दर्शन

दमोह और सागर की सीमा पर बसे विकासखंड में 18 भुजाओं वाले श्रीगणेश जी की अनोखी प्रतिमा है, जो करीब 1000 वर्ष पुरानी है. ये प्रतिमा कई सालों से लोगों की आस्था का केंद्र बनी हुई है.

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Published : Sep 5, 2019, 11:40 AM IST

18 भुजाओं वाले श्रीगणेश जी की अनोखी प्रतिमा

दमोह। दमोह और सागर जिले की सीमा पर बसे पथरिया विकासखंड में आने वाले ग्राम झागर में करीब 1000 साल पुरानी भगवान श्रीगणेश की अनोखी प्रतिमा है. यहां श्रीगणेश पूरे परिवार के साथ विराजित हैं. ये प्रतिमा 18 भुजाधारी है. मान्यता है कि यहां विराजित भगवान गणेश लोगों की मनोकामनाओं को जरूर पूरा करते हैं.

1000 साल पुरानी 18 भुजाओं वाले श्रीगणेश जी
यह गांव दमोह-भोपाल स्टेट हाईवे से करीब 4 किलोमीटर की दूरी पर है, जो सागर जिले की सीमा से लगा हुआ है. बता दें कि भगवान श्री गणेश का यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है. यह मंदिर नई पद्धति का है और दो तालाबों के बीच बना हुआ है. वहीं इस गांव में अन्य संप्रदाय के भग्नावशेष भी पाए जाते हैं.श्री गणेश के इस मंदिर में आसपास के इलाकों के जनप्रतिनिधि भी चुनाव के दौरान आकर गणपति से चुनाव में विजयी होने का वरदान मांगते हैं.

दमोह। दमोह और सागर जिले की सीमा पर बसे पथरिया विकासखंड में आने वाले ग्राम झागर में करीब 1000 साल पुरानी भगवान श्रीगणेश की अनोखी प्रतिमा है. यहां श्रीगणेश पूरे परिवार के साथ विराजित हैं. ये प्रतिमा 18 भुजाधारी है. मान्यता है कि यहां विराजित भगवान गणेश लोगों की मनोकामनाओं को जरूर पूरा करते हैं.

1000 साल पुरानी 18 भुजाओं वाले श्रीगणेश जी
यह गांव दमोह-भोपाल स्टेट हाईवे से करीब 4 किलोमीटर की दूरी पर है, जो सागर जिले की सीमा से लगा हुआ है. बता दें कि भगवान श्री गणेश का यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है. यह मंदिर नई पद्धति का है और दो तालाबों के बीच बना हुआ है. वहीं इस गांव में अन्य संप्रदाय के भग्नावशेष भी पाए जाते हैं.श्री गणेश के इस मंदिर में आसपास के इलाकों के जनप्रतिनिधि भी चुनाव के दौरान आकर गणपति से चुनाव में विजयी होने का वरदान मांगते हैं.
Intro:18 भुजा के श्री गणेश की इस प्रतिमा की है अनोखी मान्यता

पूरे परिवार के साथ यहां पर विराजमान है गणेश भगवान

दमोह. दमोह एवं सागर जिले की सीमा पर बसे पथरिया विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्राम झागर में करीब 1000 वर्ष पुरानी भगवान श्री गणेश की अनोखी प्रतिमा विराजमान है. यह प्रतिमा 18 भुजा की है, और पूरे परिवार के साथ यहां पर भक्तों की मनोकामना को पूरा करती है. गणेश पर्व के दौरान यहां पर भक्त आते हैं., और भगवान से अपनी मनोकामना मांगते हैं. मनोकामना पूरी होने पर फिर आकर मनोकामना पूरी होने का फल पाते हैं. यहां पर राजनेताओं के साथ आम जनता का आना-जाना पर्व के बाद भी लगा रहता है.


Body:भगवान श्री गणेश की प्रतिमा वाला यह गांव दमोह भोपाल स्टेट हाईवे से करीब 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. सागर जिले की सीमा से लगा हुआ है. यहां पर दमोह के साथ सागर जिले एवं आसपास के जिलों के भक्तों का गणेशोत्सव पर्व के साथ ही अनेक अवसरों पर आना जाना होता है. यह गणेश प्रतिमा प्राचीन प्रतिमा है. यहां के लोगों की मानें तो करीब 1000 वर्ष पुरानी प्रतिमा है. गांव में अन्य संप्रदाय के भग्नावशेष भी पाए जाते हैं. लेकिन भगवान श्री गणेश का यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है. 2 तालाबों के मध्य मंदिर बना हुआ है, और यह मंदिर नई पद्धति का है. लेकिन यहां पर विराजमान प्रतिमा पुरानी है. 18 भुजाओं की इस प्रतिमा के बारे में माना जाता है कि यह प्रतिमा भारत में अनोखी है. इस प्रतिमा के साथ भगवान श्री गणेश का पूरा परिवार भी भक्तों की आस्था का केंद्र है.

बाइट - पंडित बृजेश प्यासी स्थानीय पुजारी


Conclusion:गणेश पर्व के दौरान भगवान श्री गणेश की प्रतिमा लोगों की आस्था का केंद्र है. साथ ही अनेक वर्षों से लोगों की मनोकामना को भी पूरा कर रही है. यही कारण है कि आसपास के इलाकों के राजनेता भी चुनाव के दौरान यहां पर आकर भगवान श्री गणेश से चुनाव में विजयी होने का वरदान मांगते हैं. अनेक राजनेताओं की इस मंदिर में आस्था भी है. विशेष रुप से उस दौरान उन नेताओं को भगवान श्री गणेश के इस मंदिर में आते जाते हुए देखा जाता है. लेकिन गणेश पर्व के दौरान आम भक्तों का आना-जाना लगा हुआ है.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
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