छिंदवाड़ा। हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहार दिवाली का सबको बेसब्री से इंतजार रहता है. लेकिन दिवाली में लक्ष्मी पूजन किस तरह करें और किस विधि से करें, इन सब बातों के लिए आम लोगों को चिंता रहती है. इस दिवाली के लिए विशेष पूजन किस तरह से होना चाहिए, जानिए शास्त्री शांतनु मिश्रा से.
व्यापारियों की गद्दी बिछाने का यह रहेगा सबसे शुभ मुहूर्त
दिवाली में व्यापारी खासतौर पर महालक्ष्मी की पूजा करते हैं. उनके लिए गद्दी बिछाने का विशेष समय होता है. पंडित शांतनु प्रसाद मिश्रा ने बताया कि व्यापारियों के लिए गद्दी मुहूर्त सुबह 8:00 बजे से 9:30 बजे तक है. ऑफिस में दोपहर 1:30 बजे तक गद्दी बिछा सकते हैं और फिर पूजन की शुरुआत होती है.
रात में होती है अमावस्या की पूजा, इसलिए लक्ष्मी पूजन रात में करें
पंडित शांतनु प्रसाद शास्त्री ने बताया कि इस बार अमावस्या 14 नंबर और 15 नंबर दो दिनों में है, इसलिए लोग दिवाली को लेकर असमंजस में हैं. लेकिन दिवाली की पूजा अमावस्या के दिन होती है और अमावस्या की पूजा सिर्फ रात में ही की जाती है. अमावस्या की रात 14 नवंबर को ही है. सबसे शुभ योग 14 नंवबर को ही दिवाली का है, लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त दोपहर डेढ़ बजे से लेकर 3 बजे तक, दोपहर 4 बजे से लेकर 5:30 बजे तक उसके बाद 6 बजे से लेकर शाम 7:30 बजे तक, उसके बाद 8 बजे से 10.30 बजे तक पूजा की जा सकती है.
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कमलगट्टे की माला से सिंह लग्न में करें पूजा
पंडित शांतनु प्रसाद शास्त्री ने बताया कि सबसे शुभ मुहूर्त लक्ष्मी पूजा में सिंह लग्न में होता है. इस बार रात में 12 बजकर पांच मिनट से रात 2:12 मिनट में है. अगर कोई रात में पूजा करना नहीं चाहता है, तो वह पहले कर सकता है. उन्होंने बताया कि लक्ष्मी पूजा के लिए लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ कर लक्ष्मी जी को कमलगट्टे की माला से पूजा करने पर लक्ष्मी जी हमेशा खुश रहती हैं.