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छिंदवाड़ा: बेटे नकुलनाथ के लिए चुनाव प्रचार करने निकलीं अलकानाथ, कहा- इस क्षेत्र की जनता से है पारिवारिक संबंध - सीएम

छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से पहली सांसद रह चुकी अलकानाथ अपने बेटे के लिए जिले की जनता से वोट मांग रही हैं. अलकानाथ 1996 में चुनाव जीत कर सांसद बनी तो थी लेकिन महज एक साल में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

छिंदवाड़ा लोकसभा सीट की पहली महिला सांसद
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Published : Apr 1, 2019, 4:27 PM IST

Updated : Apr 1, 2019, 4:34 PM IST

छिंदवाड़ा। इस बार लोकसभा चुनाव में जिले के 15 लाख से ज्यादा मतदाता वोट करेंगे, जिनमें से आधी संख्या महिला मतदाताओं की है. लेकिन छिंदवाड़ा के इतिहास को देखें, तो यहां महिला उम्मीदवार को सिर्फ एक बार मौका मिला है. 1996 में कमलनाथ की पत्नी अलका नाथ यहां से सांसद चुनी गई थीं, लेकिन महज 1 साल में ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

छिंदवाड़ा लोकसभा सीट की पहली महिला सांसद

दरअसल 1980 से छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस को लगातार जीत का सेहरा पहना रहे कमलनाथ का नाम हवाला कांड में आ गया था. इसी के चलते 1996 के चुनाव में पार्टी ने कमलनाथ की जगह उनकी पत्नी अलका नाथ को अपना उम्मीदवार बनाया था. इस चुनाव में अलका नाथ का मुकाबला बीजेपी के चौधरी चंद्रभान सिंह से हुआ था, जिसमें अलका ने चंद्रभान सिंह को 21,382 वोटों से हरा दिया था. लेकिन महज एक साल में ही उनसे इस्तीफा दिलवाकर कमलनाथ ने 1997 में फिर से चुनाव लड़ा. हालांकि इस चुनाव में उन्हें मुंह की खानी पड़ी. बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने कमलनाथ को शिकस्त दी.

अब तक 3 महिलाएं उतरी हैं चुनाव मैदान में

1952 के आम चुनाव के बाद से इस सीट से सिर्फ 3 महिला उम्मीदवार ही चुनाव मैदान में उतरी हैं. इनमें से सिर्फ अलका नाथ ही संसद तक पहुंचने में सफल हुई हैं. उन्होंने 1996 के चुनाव में बीजेपी के चौधरी चंद्रभान सिंह को हराया था. वहीं 1998 के चुनाव में बसपा के टिकट पर शांति इवनाती और 1999 में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के टिकट पर गोविंदी (श्यामा धुर्वे) ने चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी.

7 लाख से ज्यादा हैं महिला वोटर्स

जिले में कुल 15 लाख 5 हजार 267 मतदाता हैं, जिनमें 7 लाख 36 हजार 781 महिला वोटर्स हैं. कमलनाथ की पत्नी अलका नाथ ने इन्हीं मतदाताओं से उनके बेटे नकुल नाथ को वही प्यार देने की अपील की है, जो उन्हें मिला है.अब देखना ये होगा कि छिंदवाड़ा की जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है.

छिंदवाड़ा। इस बार लोकसभा चुनाव में जिले के 15 लाख से ज्यादा मतदाता वोट करेंगे, जिनमें से आधी संख्या महिला मतदाताओं की है. लेकिन छिंदवाड़ा के इतिहास को देखें, तो यहां महिला उम्मीदवार को सिर्फ एक बार मौका मिला है. 1996 में कमलनाथ की पत्नी अलका नाथ यहां से सांसद चुनी गई थीं, लेकिन महज 1 साल में ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

छिंदवाड़ा लोकसभा सीट की पहली महिला सांसद

दरअसल 1980 से छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस को लगातार जीत का सेहरा पहना रहे कमलनाथ का नाम हवाला कांड में आ गया था. इसी के चलते 1996 के चुनाव में पार्टी ने कमलनाथ की जगह उनकी पत्नी अलका नाथ को अपना उम्मीदवार बनाया था. इस चुनाव में अलका नाथ का मुकाबला बीजेपी के चौधरी चंद्रभान सिंह से हुआ था, जिसमें अलका ने चंद्रभान सिंह को 21,382 वोटों से हरा दिया था. लेकिन महज एक साल में ही उनसे इस्तीफा दिलवाकर कमलनाथ ने 1997 में फिर से चुनाव लड़ा. हालांकि इस चुनाव में उन्हें मुंह की खानी पड़ी. बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने कमलनाथ को शिकस्त दी.

अब तक 3 महिलाएं उतरी हैं चुनाव मैदान में

1952 के आम चुनाव के बाद से इस सीट से सिर्फ 3 महिला उम्मीदवार ही चुनाव मैदान में उतरी हैं. इनमें से सिर्फ अलका नाथ ही संसद तक पहुंचने में सफल हुई हैं. उन्होंने 1996 के चुनाव में बीजेपी के चौधरी चंद्रभान सिंह को हराया था. वहीं 1998 के चुनाव में बसपा के टिकट पर शांति इवनाती और 1999 में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के टिकट पर गोविंदी (श्यामा धुर्वे) ने चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी.

7 लाख से ज्यादा हैं महिला वोटर्स

जिले में कुल 15 लाख 5 हजार 267 मतदाता हैं, जिनमें 7 लाख 36 हजार 781 महिला वोटर्स हैं. कमलनाथ की पत्नी अलका नाथ ने इन्हीं मतदाताओं से उनके बेटे नकुल नाथ को वही प्यार देने की अपील की है, जो उन्हें मिला है.अब देखना ये होगा कि छिंदवाड़ा की जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है.

Intro:आगामी लोकसभा चुनाव में जिले में 15 लाख से ज्यादा मतदाता वोट करेंगे जिसमें से आधी संख्या महिलाओं की है लेकिन छिंदवाड़ा के इतिहास को देखें तो यहां महिला को सिर्फ एक बार मौका मिला है वह भी 1 साल के लिए सन 1996 के चुनाव में यहां से मुख्यमंत्री कमलनाथ की पत्नी अलका नाथ सांसद चुनी गई थी।


Body:दरअसल 1980 से छिंदवाड़ा से लगातार सांसद का चुनाव जीतते आ रहे कमलनाथ का नाम हवाला कांड में आने के चलते 1996 के चुनाव में पार्टी ने टिकट उनकी जगह पत्नी अलका नाथ को दी और उनका मुकाबला भाजपा के चौधरी चंद्रभान सिंह से हुआ अलका नाथ ने 21382 वोटों से चौधरी चंद्रभान सिंह को हराकर संसद में कदम रखा, लेकिन एक साल के भीतर ही उनका इस्तीफा दिलाकर फिर से 1997 में कमलनाथ ने छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ा लेकिन इस बार कमलनाथ भाजपा नेता पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा से चुनाव हार गए थे।

अब तक तीन महिलाएं उतरी है मैदान में।

1952 के आम चुनाव के बाद देखा जाए तो सिर्फ तीन महिलाओं ने लोकसभा चुनाव के मैदान में हिस्सेदारी की लेकिन संसद पहुंचने में सफल अलकानाथ रही उन्होंने 1996 में भाजपा के चौधरी चंद्रभान सिंह को हराया था वही 1998 के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी की टिकट पर शांति इवनाती ने चुनाव लड़कर 9759 वोट हासिल किए थे तो वही 1999 में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की टिकट पर गोविंदी( श्यामा धुर्वे) ने चुनाव में 1735 वोट लेकरअपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी।






Conclusion:सात लाख से ज्यादा है महिला वोटर।

जिले में कुल 15 लाख 5 हजार 2 सौ 67 मतदाता है जिसमें 7 लाख 36 हजार 7 81 महिला वोटर है जो सांसद चुनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है इस बार देखने को मिलेगा कि आधी आबादी किसके सिर ताज बाँधने की तैयारी में है।
Last Updated : Apr 1, 2019, 4:34 PM IST
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