छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग कोरोना संकट के बीच स्कूल खोलने के लिए तैयार है. 18 दिसंबर से स्कूल खुलेंगे भी. इस मामले पर ईटीवी भारत ने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों अभिभावकों और शिक्षकों से अलग-अलग चर्चाएं की. छात्रा पारुल कुशवाह ने बताया कि स्कूल नियमित रुप से लगना चाहिए. सोशल डिस्टेंसिंग के साथ क्लास लगानी चाहिए और सभी छात्रों को पढ़ाई करनी चाहिए.
छात्रा पल्लवी धुर्वे का कहना है कि अभी कोरोना के कारण बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही. जिसमें छात्र खेल कूद और मौज मस्ती कर रहे हैं. लेकिन कल से स्कूल लगेगा तो छात्र थोड़ी बहुत पढ़ाई भी कर पाएंगे. छात्रा ने बताया कि पढ़ाई हर बच्चे के लिए बहुत ही जरुरी है. वहीं छात्रों के अभिभावकों भीमशंकर सोमकुंवर का कहना है कि कोरोना को देखते हुए अभी छोटे बच्चों का स्कूल नहीं खोलने का फैसला अच्छा है. उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा कि अभी बीमारी पूरी तरह से कंट्रोल में नहीं आई है.
शिक्षक प्रभात कुमार सोनी ने बताया कि जब से सितंबर से सरकार का आदेश हुआ है. तब से छात्र गाइडेंस के लिए स्कूल आ रहे हैं और गाइडेंस लेकर छात्र घर चले जाते हैं. शिक्षक ने कहा कि अभी कम संख्या में छात्र स्कूल पहुंच रहे हैं. अब आगे से स्कूल रेगूलर लगना है तो तैयारी पूरी है. उन्होंने कहा कि सभी बच्चों की क्लास के लिए शिफ्ट वाईस क्लास लगानी पड़ेगी.
डीईओ अरविंद चौरगढ़े ने बताया कि जो आदेश शासन की ओर से हमे मिले हैं. उसमें छिंदवाड़ा में 30 नवंबर से क्लास 1 से 8 तक सभी कक्षाएं बंद है और 20 नंवबर से कक्षा 9 से 12 तक की क्लास लगाई जा रही है. इस मामले में शासन के निर्देशों का पालन हो रहा है.
सावधानी और सुरक्षा के बीच स्कूल भी जरूरी
छिंदवाड़ा के उत्कृष्ट विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं से जब ईटीवी भारत ने कोरोना संकट के बीच स्कूल खोलने पर चर्चा की तो उनका कहना था कि बहुत दिन हो गए हैं घरों में बैठे हुए. जिसके चलते उनकी पढ़ाई प्रभावित हुई है. ऐसे में स्कूल खोलना तो जरूरी है लेकिन उतना ही जरूरी है कोरोना संकट से बचना. इसलिए स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग और पर्याप्त सावधानी के बीच पढ़ाई शुरू की जाए. इसके लिए स्कूल दो शिफ्टों में भी लगाया जा सकता है ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके.
तिवड़ा कामथ गांव के रहने वाले अभिभावक कहते हैं कि उनके दो बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं. भले ही सरकार दावा करे कि गाइडलाइन के अनुसार स्कूल चलाया जाएगा. लेकिन ऐसा होगा नहीं क्योंकि सरकार के पास पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं कि वे स्कूल में कोरोना गाइडलाइन का पालन करा सके. उनका कहना है कि पढ़ाई से ज्यादा बीमारी का डर है इसलिए स्कूल अभी नहीं खोलना चाहिए.
कोरोना संक्रमण के बीच स्कूल खोलने के फैसले पर स्कूल शिक्षक प्रभात कुमार सोनी का कहना है कि अभी तक 9वीं से 12वीं के बच्चों को मार्गदर्शी कक्षाओं के माध्यम से पढ़ाया जा रहा था. अब आगे सरकार का आदेश स्कूल खोलने का है जिसके लिए स्कूल पूरी तरीके से तैयार हैं और उनके पास व्यवस्थाएं भी हैं.