ETV Bharat / state

बेमौसम बारिश के चलते गिरे सब्जियों के दाम, किसानों को नहीं मिल रही उनकी लागत - छिंदवाड़ा न्यूज

देश में एक तरफ कोरोना का कहर जारी है, वहीं दूसरी तरफ मध्यप्रदेश के किसान सब्जियों के लगातार गिरते दामों से परेशान हैं. प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के मंडी में गोभी एक रूपये और टमाटर 2 रुपये किलो में बिक रहे हैं.

vegetable-prices-fall
गिरे सब्जियों के दाम
author img

By

Published : Mar 21, 2020, 10:19 AM IST

छिंदवाड़ा। देश में एक तरफ कोरोना का कहर जारी है, वहीं दूसरी तरफ मध्यप्रदेश के किसान सब्जियों के लगातार गिरते दामों से परेशान हैं. प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के मंडी में गोभी एक रूपये और टमाटर 2 रुपये किलो में बिक रहे हैं.

सब्जियों के गिरते दाम किसानों के लिए परेशानी और मुसीबत लेकर आया है। लगातार जारी बारिश का अब सीधा फसलों और खेतों में बोई हुई हरी सब्जियों और फसल पर हुआ है।

किसान का कहना है कि 80 हजार की गोभी लगाई थी, लेकिन मुश्किल से उन्हें अब तक 8-9 हजार रूपये ही मिल पा रहा है, और करीब 70 हजार का नुकसान बता रहे हैं. किसानों का मानना है कि फायदा तो बहुत दूर की बात है, उनकी लागत भी नहीं मिल पा रही है.

बेमौसम पानी और बरसात के चलते भी सब्जियों को काफी नुकसान पहुंच रहा है. किसानों का कहना है कि उन्हें सब्जियों को तोड़ने के लिए मजदूरों को 150 रूपये प्रतिदिन अपने घर से देना पड़ता है, किसानों का मानना है कि मजबूरी है, कुछ नहीं तो फेंकने से अच्छा है कुछ निकल ही जाए.

छिंदवाड़ा। देश में एक तरफ कोरोना का कहर जारी है, वहीं दूसरी तरफ मध्यप्रदेश के किसान सब्जियों के लगातार गिरते दामों से परेशान हैं. प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के मंडी में गोभी एक रूपये और टमाटर 2 रुपये किलो में बिक रहे हैं.

सब्जियों के गिरते दाम किसानों के लिए परेशानी और मुसीबत लेकर आया है। लगातार जारी बारिश का अब सीधा फसलों और खेतों में बोई हुई हरी सब्जियों और फसल पर हुआ है।

किसान का कहना है कि 80 हजार की गोभी लगाई थी, लेकिन मुश्किल से उन्हें अब तक 8-9 हजार रूपये ही मिल पा रहा है, और करीब 70 हजार का नुकसान बता रहे हैं. किसानों का मानना है कि फायदा तो बहुत दूर की बात है, उनकी लागत भी नहीं मिल पा रही है.

बेमौसम पानी और बरसात के चलते भी सब्जियों को काफी नुकसान पहुंच रहा है. किसानों का कहना है कि उन्हें सब्जियों को तोड़ने के लिए मजदूरों को 150 रूपये प्रतिदिन अपने घर से देना पड़ता है, किसानों का मानना है कि मजबूरी है, कुछ नहीं तो फेंकने से अच्छा है कुछ निकल ही जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.