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छिंदवाड़ा में फंसा यूपी का युवक, गोरखपुर जाने के लिए भटक रहा दर-दर

छिंदवाड़ा में यूपी के गोरखपुर के रहने वाला एक शख्स घर जाने के लिए दर-दर भटक रहा है. मजदूर युवक का कहना है कि वो अपने गृह जिले किसी भी हाल में जाना चाहता है.

a migrant labour is wandering collectorate and police station of chhindwara inorder to reach his home town gorakhpur
लॉकडाउन में फंसा युवक
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Published : May 5, 2020, 12:03 AM IST

छिंदवाड़ा। जिले में लॉकडाउन 3.0 की तैयारियां शुरू हो गई हैं. देशभर में अलग-अलग जिले के फंसे यात्रियों को उनके घर जिले से भेजा जा रहा है. वहीं 4 मई से 17 मई तक लॉकडाउन 3.0 चलेगा. छिंदवाड़ा में एक प्रवासी मजदूर कलेक्ट्रेट और थाने के चक्कर काटता नजर आया.

युवक ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि वो छिंदवाड़ा में एक कंपनी में काम करता था. वो 3 महीने पहले ही छिंदवाड़ा आया था. वो गोरखपुर का रहने वाला है और 3 मई को उसकी शादी भी थी. लेकिन लॉकडाउन के कारण वो घर नहीं पहुंच पाया और 3 मई को शादी नहीं हो पाई, जिसके कारण शादी की डेट बढ़ाकर अब नवंबर कर दी गई है.

साथ ही युवक ने बताया कि उसके पास इतना पैसा भी नहीं है कि वो घर जा पाए. वो प्रशासन से मदद की उम्मीद में कलेक्ट्रेट और थाने के चक्कर काट रहा है. साथी ही युवक ने बताया कि उसके घर में बुजुर्ग पिता और दादी है. पिता लगभग 80 साल के हैं, उनकी देखरेख करने वाला भी कोई नहीं है.

वहीं मजदूर ने बताया कि घर वापस जाने के लिए उसके पैसे नहीं है और वाहन की व्यवस्था भी नहीं हुई तो वो पैदल ही अपने घर के लिए रवाना हो जाएगा.

छिंदवाड़ा। जिले में लॉकडाउन 3.0 की तैयारियां शुरू हो गई हैं. देशभर में अलग-अलग जिले के फंसे यात्रियों को उनके घर जिले से भेजा जा रहा है. वहीं 4 मई से 17 मई तक लॉकडाउन 3.0 चलेगा. छिंदवाड़ा में एक प्रवासी मजदूर कलेक्ट्रेट और थाने के चक्कर काटता नजर आया.

युवक ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि वो छिंदवाड़ा में एक कंपनी में काम करता था. वो 3 महीने पहले ही छिंदवाड़ा आया था. वो गोरखपुर का रहने वाला है और 3 मई को उसकी शादी भी थी. लेकिन लॉकडाउन के कारण वो घर नहीं पहुंच पाया और 3 मई को शादी नहीं हो पाई, जिसके कारण शादी की डेट बढ़ाकर अब नवंबर कर दी गई है.

साथ ही युवक ने बताया कि उसके पास इतना पैसा भी नहीं है कि वो घर जा पाए. वो प्रशासन से मदद की उम्मीद में कलेक्ट्रेट और थाने के चक्कर काट रहा है. साथी ही युवक ने बताया कि उसके घर में बुजुर्ग पिता और दादी है. पिता लगभग 80 साल के हैं, उनकी देखरेख करने वाला भी कोई नहीं है.

वहीं मजदूर ने बताया कि घर वापस जाने के लिए उसके पैसे नहीं है और वाहन की व्यवस्था भी नहीं हुई तो वो पैदल ही अपने घर के लिए रवाना हो जाएगा.

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