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व्यापारियों की कपास पहले खरीदने पर किसानों ने किया हंगामा, एसडीएम ने मंडी सचिव को लगाई फटकार - Farmers ruckus in Pandhurna market

छिंदवाड़ा जिले की पांढुर्णा कृषि उपज मंडी में किसानों ने जमकर हंगामा किया. किसानों का कहना था कि, सीसीआई केवल व्यापारियों के कपास की खरीदी कर रही है. मामले की सूचना मिलते ही पांढुर्णा एसडीएम मेघा शर्मा मंडी पहुंची. जहां उन्होंने मंडी सचिव को जमकर फटकार लगाई और किसानों की कपास पहले खरीदने के निर्देश दिए.

Uproar over CCI bought traders' cotton before farmers
व्यापारियों की कपास पहले खरीदने पर किसानों ने किया हंगामा
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Published : Jun 9, 2020, 7:02 PM IST

छिंदवाड़ा। जिले की पांढुर्णा कृषि उपज मंडी में किसानों ने जमकर हंगामा किया. किसानों का कहना था कि, सीसीआई केवल व्यापारियों के कपास की खरीदी कर रही है. वहीं किसानों का नंबर ही नहीं लग रहा है. मामले की सूचना मिलते ही पांढुर्णा एसडीएम मेघा शर्मा मंडी पहुंचीं. जहां उन्होंने किसानों से बातचीत की. जिसमें मंडी सचिव की घोर लापरवाही सामने आई. एसडीएम ने मंडी सचिव मनोज चौकीकर को फटकार लगाकर सबसे पहले किसानों के कपास की खरीदी करने के निर्देश दिए. एसडीएम के आश्वासन के बाद किसानों का गुस्सा शांत हुआ, लेकिन किसान अब भी खरीदी को लेकर चिंतित हैं.

कपास की उपज बेचने के लिए पांढुर्णा क्षेत्र के कुल 5 हजार 661 किसानों ने कृषि मंडी में पंजीयन कराया है. 7 मई से शुरू हुई कपास खरीदी में अब तक कुल 2661 किसानों का कपास खरीदा गया है. आज भी ऐसे 3 हजार किसान हैं, जिनका नम्बर नहीं आया हैं. जिसको लेकर किसानों की चिंता बढ़ गई है. अगला सीजन भी आ गया है, ऐसे में किसान को बुवाई- जुताई के लिए भी समय चाहिए. किसानों को डर सता रहा है कि, कही कपास खरीदी बंद हो जाएंगी, तो वे अपनी उपज कहां रखेंगे.

सीसीआई की कपास खरीदी में सबसे ज्यादा गोलमाल दिखाई दे रहा है. मंडी में किसान तो बहुत कम नजर आते है, लेकिन व्यापारियों का कपास लेकर आ रहे दलालों के चेहरे प्रतिदिन नजर आ रहे हैं. जिससे किसानों के कपास की खरीदी नहीं की जा रही है, बल्कि मंडी में पकड़ होने के कारण दलालों का नम्बर पहले लग जाता है.

छिंदवाड़ा। जिले की पांढुर्णा कृषि उपज मंडी में किसानों ने जमकर हंगामा किया. किसानों का कहना था कि, सीसीआई केवल व्यापारियों के कपास की खरीदी कर रही है. वहीं किसानों का नंबर ही नहीं लग रहा है. मामले की सूचना मिलते ही पांढुर्णा एसडीएम मेघा शर्मा मंडी पहुंचीं. जहां उन्होंने किसानों से बातचीत की. जिसमें मंडी सचिव की घोर लापरवाही सामने आई. एसडीएम ने मंडी सचिव मनोज चौकीकर को फटकार लगाकर सबसे पहले किसानों के कपास की खरीदी करने के निर्देश दिए. एसडीएम के आश्वासन के बाद किसानों का गुस्सा शांत हुआ, लेकिन किसान अब भी खरीदी को लेकर चिंतित हैं.

कपास की उपज बेचने के लिए पांढुर्णा क्षेत्र के कुल 5 हजार 661 किसानों ने कृषि मंडी में पंजीयन कराया है. 7 मई से शुरू हुई कपास खरीदी में अब तक कुल 2661 किसानों का कपास खरीदा गया है. आज भी ऐसे 3 हजार किसान हैं, जिनका नम्बर नहीं आया हैं. जिसको लेकर किसानों की चिंता बढ़ गई है. अगला सीजन भी आ गया है, ऐसे में किसान को बुवाई- जुताई के लिए भी समय चाहिए. किसानों को डर सता रहा है कि, कही कपास खरीदी बंद हो जाएंगी, तो वे अपनी उपज कहां रखेंगे.

सीसीआई की कपास खरीदी में सबसे ज्यादा गोलमाल दिखाई दे रहा है. मंडी में किसान तो बहुत कम नजर आते है, लेकिन व्यापारियों का कपास लेकर आ रहे दलालों के चेहरे प्रतिदिन नजर आ रहे हैं. जिससे किसानों के कपास की खरीदी नहीं की जा रही है, बल्कि मंडी में पकड़ होने के कारण दलालों का नम्बर पहले लग जाता है.

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