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नशे की हालत में स्कूल आता है शिक्षक, विरोध करने पर करता है बदतमीजी

सरकारे भले ही शिक्षा के नाम पर कितनी भी योजनाएं चला ले पर छिंदवाड़ा के परासिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ठेसगोरा माध्यमिक शाला जहां तीन शिक्षक होने के बावजूद भी ताला लगा रहता है, एक अतिथि शिक्षक कभी कभार स्कूल आता है वो भी नशे में.

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Published : Dec 5, 2019, 7:35 PM IST

teacher comes under the circumstances of intoxication at the Thesegora Secondary School in Chhindwara
नशे की हालत में स्कूल आता है शिक्षक

छिंदवाड़ा। शिक्षक को भगवान का दर्जा दिया गया है लेकिन कई बार ये शिक्षक अपनी करतूतों से बदमान होते हैं. छिंदवाड़ा के परासिया विधानसभा क्षेत्र के ठेसगोरा माध्यमिक शाला, जहां तीन शिक्षक अपॉइंट है, जिसमें एक अतिथि और दो शासकीय शिक्षक हैं. दोनों ही शासकीय शिक्षक बीते एक महीने से स्कूल नहीं आते, वहीं एक शिक्षक नशे की हालत में स्कूल आता है और विरोध करने पर बदतमीजी करता है.

नशे की हालत में स्कूल आता है शिक्षक

कभी-कभी लगा रहता है ताला
कभी-कभी इस स्कूल में कोई नहीं आता, जिस कारण स्कूल में ताला लगा रहता है. स्कूल के इन हालातों के कारण यहां आने वाले बच्चे भी अब धीरे-धीरे स्कूल से दूरी बनाने लगे हैं. बच्चों ने बताया कि पढ़ाई नहीं होती इसलिए वो स्कूल नहीं आते. शिक्षकों को पढ़ाने के लिए कहने पर भी वो नहीं पढ़ाते, पूरा दिन ऑफिस में ही बैठे रहते हैं और चले जाते है.

वहीं पूरे मामले में वीआरसीसी संतोष डेहरिया का कहना है कि शित्रक का मेडिकल चेकअप करा कराया जाएगा, अगर वो नशे में स्कूल आते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही स्कूल नहीं आने वाले शिक्षकों के विषय में अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा.

छिंदवाड़ा। शिक्षक को भगवान का दर्जा दिया गया है लेकिन कई बार ये शिक्षक अपनी करतूतों से बदमान होते हैं. छिंदवाड़ा के परासिया विधानसभा क्षेत्र के ठेसगोरा माध्यमिक शाला, जहां तीन शिक्षक अपॉइंट है, जिसमें एक अतिथि और दो शासकीय शिक्षक हैं. दोनों ही शासकीय शिक्षक बीते एक महीने से स्कूल नहीं आते, वहीं एक शिक्षक नशे की हालत में स्कूल आता है और विरोध करने पर बदतमीजी करता है.

नशे की हालत में स्कूल आता है शिक्षक

कभी-कभी लगा रहता है ताला
कभी-कभी इस स्कूल में कोई नहीं आता, जिस कारण स्कूल में ताला लगा रहता है. स्कूल के इन हालातों के कारण यहां आने वाले बच्चे भी अब धीरे-धीरे स्कूल से दूरी बनाने लगे हैं. बच्चों ने बताया कि पढ़ाई नहीं होती इसलिए वो स्कूल नहीं आते. शिक्षकों को पढ़ाने के लिए कहने पर भी वो नहीं पढ़ाते, पूरा दिन ऑफिस में ही बैठे रहते हैं और चले जाते है.

वहीं पूरे मामले में वीआरसीसी संतोष डेहरिया का कहना है कि शित्रक का मेडिकल चेकअप करा कराया जाएगा, अगर वो नशे में स्कूल आते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही स्कूल नहीं आने वाले शिक्षकों के विषय में अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा.

Intro:परासिया विधानसभा के ग्राम पंचायत तेंदूखेड़ा के ग्राम ठेसगोरा  मैं माध्यमिक शाला  ठेसगोरा मैं स्कूल भवन आए दिन बंद रहता है स्कूल परिसर में टोटल33 बच्चे पढ़ते हैं पर जहां 3शासकीय शिक्षक 1 अतिथि शिक्षक है पर 2 शासकीय शिक्षक 2 माह से नही आ रहे एक शासकीय शिक्षक नशे का धूर्त में जाता है स्कूल जो  स्कूल का ये आलम हो गया है कि ना ही बच्चे आते है और न ही शिक्षक और शिक्षक आते भी है तो नशे की हालत में जब बच्चो से पूछा गया तो बच्चों ने बताया कि पढ़ाई नही होती इसलिए नही आते शिक्षकों को पढ़ाने के लिए कहते हैं तो भी नही पढ़ाते है आते है खाना खाते है और आफिस में ही बैठे रहते है और चले जाते है जहाँ सरकार गाँव के बच्चो को पढ़ाई का महत्व बताती है लाखो रु खर्च करती है वही शासकीय शिक्षक पढ़ाई तो दूर स्कूल के भवन को ही बंद रखे रहते है और कभी कभी पढ़ाने जाते है तो वो भी नशे की धूर्त में क्या होगा छात्राओ का भविष्य।Body:ठिसगोरा गाँव मे शिक्षक पढ़ाता है नशे की धूर्त में कभी स्कूल बंद ही रहने देते है छात्र छात्राओं का भविष्य खतरे में शिक्षक को नही है डर किसी का दारू का सेवन करके जाता है स्कूल जब पालक संघ विरोध करता है तो नशे की हालत में अपशब्द का प्रयोग करता है।Conclusion:ठिसगोरा गाँव के शिक्षक स्कूल जाते तो है पर पढ़ाई नही खाना खाते है और आफिस में ही बैठे रहते है और चले जाते है जहाँ सरकार गाँव के बच्चो को पढ़ाई का महत्व बताती है लाखो रु खर्च करती है वही शासकीय शिक्षक पढ़ाई तो दूर स्कूल के भवन को ही बंद रखे रहते है और कभी कभी पढ़ाने जाते है तो वो भी नशे की धूर्त में क्या होगा छात्राओ का भविष्य।
बाइट-छात्रा
बाइट-छात्र
बाइट-छात्रा के पालक
बाइट-संतोष डेहरिया(वी.आर.सी.सी.)

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