छिन्दवाड़ा। 24 अगस्त को छिंदवाड़ा में होने वाली कई योजनाओं के भूमिपूजन कार्यक्रम पर चौरई विधायक सुजीत चौधरी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चौरई सहित पूरे जिले की जनता को फिर से धोखा दे रहे हैं. जिले की जनता को मूर्ख समझना जनता का अपमान है. इसके साथ ही उन्होंने सीएम शिवराज से जनता से माफी मांगने को कहा है.
उन्होंने सीएम शिवराज की माचागोरा समूह के जल प्रदाय योजना के भूमिपूजन कार्यक्रम को झूठी वाहवाही लूटने की कोशिश बताया। साथ ही कहा कि प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चौरई सहित बिछुआ, चांद, मोहखेड़, परासिया, अमरवाड़ा और जुन्नारदेव में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए योजना की स्वीकृति दी थी।
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और क्या बोले कांग्रेस विधायक: सुजीत चौधरी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने माचागोरा समूह जल प्रदाय योजना के लिये 998 करोड़ 20 लाख रुपयों की मंजूरी दी थी. इसके तहत 7 ब्लॉक के 711 गांवों में घर-घर में शुद्ध पेयजल पहुंचाना था. इस योजना के तहत करीबन 285 टंकियों का निर्माण होना था. साथ ही 4 हजार की पाइप लाइन स्वीकृत की गई थी. इस योजना से जिला देश का एक बेमिसाल जिला बन जाता. लेकिन सत्ता की भूखी सरकार ने भरपूर सौदेबाजी कर सरकार गिरा दी. साथ ही कमलनाथ सरकार की स्वीकृत योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया. माचागोरा समूह जल प्रदाय योजना उन्हीं में से एक हैं.
कांग्रेस विधायक सुजीत चौधरी ने कहा कि ये जिले का दुर्भाग्य है. बिकाउ लोगों के कारण जिले का विकास रुका हुआ है. फिर से अपनी चमक बनाने के लिए सीएम शिवराज भूमिपूजन करने आ रहे हैं. साथ ही कहा कि इस योजना के लिए अब सिर्फ 848 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिलेगी. जबकि कमलनाथ सरकार के समय इस योजना के लिए 998 करोड़ 20 लाख रूपए की स्वीकृति दी गई थी. कुछ ऐसा ही बदला मेडिकल कॉलेज से लिया गया.
उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार ने मेडिकल कॉलेज के लिए 1455 करोड़ की स्वीकृति दिलाई थी. इसे शिवराज सरकार ने 768 करोड़ रूपए कर दिया. इतना ही नहीं नकुल-कमलनाथ के प्रयासों से यूनिवर्सिटी बनी पर भाजपा ने फंड नहीं दिया. एग्रीकल्चर कॉलेज की स्वीकृति निरस्त कर दी. हॉर्टिकल्चर कंगाल कर दिया.
किस मुंह से छिंदवाड़ा आ रहे शिवराज: सुजीत चौधरी ने कहा कि छिंदवाड़ा से इतना छल करने के बाद अब मुख्यमंत्री किस मुंह से छिन्दवाड़ा आ रहे हैं और जनदर्शन करेंगे. अगर सीएम में थोड़ा भी मतदाताओं का लिहाज होता तो वे जनदर्शन करने नहीं बल्कि जनता से माफी मांगने आते.