छिंदवाड़ा। लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद से प्रदेश में छिंदवाड़ा सीट सबसे ज्यादा सुर्खियों में है. इसकी वजह है कि कमलनाथ के जिस गढ़ में बीजेपी ने 40 साल से जीत का स्वाद नहीं चखा है, वहां इस बार कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में कमलनाथ मैदान में नहीं होंगे. यही वजह है कि बीजेपी इस सीट से मजबूत चेहरे को मैदान में उतारकर इसे अपने पाले में लाने की तैयारी में है. इसी कवायद के चलते बीजेपी कार्यकर्ता इस सीट पर शिवराज सिंह को पार्टी का उम्मीदवार बनाना चाहते हैं.
भाजपा की जिला इकाई इस बात पर अड़ी है कि छिंदवाड़ा से शिवराज सिंह चौहान को ही मैदान में उतारा जाए. इसके लिये भाजपाइयों ने शिवराज सिंह का नाम केंद्रीय पैनल के पास भेजा है. वहीं कांग्रेस की ओर से इस सीट पर सीएम कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है. कमलनाथ ने चुनावी बिगुल फूंककर बेटे नकुलनाथ के पक्ष में प्रचार भी शुरू कर दिया है, जबकि बीजेपी इस सीट के लिए अभी प्रत्याशी ढूंढने की जद्दोजहद में लगी है.
छिंदवाड़ा में बीजेपी के मीडिया प्रभारी संतोष राय का कहना है कि पूरे देश में उनका कैंडिडेट कमल का फूल और नेता नरेंद्र मोदी हैं. उन्हीं के दम पर पार्टी लोकसभा चुनाव लड़ रही है. छिंदवाड़ा सीट से बीजेपी प्रत्याशी के सवाल पर उन्होंने शिवराज सिंह को पहली पसंद बताया है. इसके लिये उन्होंने पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति को एक पत्र भी लिखा है.
40 सालों से छिंदवाड़ा कांग्रेस का अभेद्य किला माना जाता है. पिछले चुनावों के आंकड़ों पर नजर डालें तो छिंदवाड़ा में कमलनाथ को टक्कर देने में बाहरी प्रत्याशी ही सफल हुआ है. 1997 के चुनाव में सुंदरलाल पटवा ने कमलनाथ को हराया था. फिर 2004 के चुनाव में प्रह्लाद पटेल ने कमलनाथ को कड़ी टक्कर दी. हालांकि इस चुनाव में कमलनाथ जीत गए थे. बीजेपी का मानना है कि कमलनाथ के विजयी जुलूस को रोकना है तो शिवराज सिंह का होना बेहद जरूरी है.