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लोकसभा चुनाव से पहले हो रही थी टैंकर से पानी की सप्लाई, अब बूंद- बूंद के लिए तरस रहे हैं ग्रामीण

अमरवाड़ा विधानसभा से नकुल नाथ को मिली थी 22000 वोटों की लीड. और अब वहां के निवासी बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. पानी को लेकर ग्रामीणों ने किया जनपद पंचायत का घेराव कर मुख्यमंत्री हाय हाय के नारे लगाए .

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Published : Jun 3, 2019, 6:48 PM IST

Updated : Jun 3, 2019, 10:51 PM IST

कमलनाथ

अमरवाड़ा। अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. यहां के निवासी अपनी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर हैं. कुछ गांवों में न तो पीने का पानी है और न ही बिजली, सड़क भी यहां नहीं बनाई गई हैं और यहां के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि को विधानसभा वासियों की मूलभूत सुविधाओं से कोई लेना देना नहीं है.

हंगामा करते लोग

अमरवाड़ा नगर से महज 2 किलोमीटर दूर हाईवे में बसा गांव पिपरिया राजगुरु के लोग पीने के पानी के लिए मोहताज हैं. पानी की तलाश में ग्राम महिलाओं को सुबह 5:00 बजे से निकलना पड़ता है तो पुरुषों को रात्रि 12:00 बजे से गांव में स्थित स्कूल वाले हैंडपंप में जाकर लाइन लगानी पड़ती है. चुनाव खत्म तो पानी भी आना बंद हो गया, आक्रोशित ग्रामीणों ने जनपद पंचायत के बाहर मुख्यमंत्री हाय- हाय के नारे भी लगाए.


लोकसभा चुनाव में बहिष्कार की दी थी चेतावनी
लोकसभा चुनाव के समय इन्हीं ग्रामीणों ने पानी की समस्या को लेकर चुनाव का बहिष्कार किया था, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने चुनाव के समय समझाइश देकर पानी का टैंकर तो दे दिया, लेकिन जैसे चुनाव हुआ गांव में पानी जाना बंद हो गया.


जनपद पंचायत का किया घेराव मुख्यमंत्री कमलनाथ हाय हाय के लगाए नारे
पिपरिया राजगुरु के ग्रामीण महिलाओं ने सोमवार को अमरवाड़ा जनपद पंचायत पहुंचकर अपना गुस्सा निकाला. ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि सरपंच सचिव गांव में पानी की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने जनपद पंचायत का गेट लगाकर अधिकारियों का आना जाना भी बंद किया और गेट पर खड़े होकर मुख्यमंत्री कमलनाथ हाय- हाय के नारे लगाए, इसी दौरान गांव की एक महिला धूप के कारण गस्त खाकर गिर गयी.


मुख्य कार्यपालन अधिकारी और मुख्य अभियंता बिजली विभाग ने दी समझाइश
जनपद पंचायत का घेराव कर रहे ग्रामीणों को मुख्य कार्यपालन अधिकारी डीआर उईके ने समझाइश दी, उन्होंने ग्रामीणों से जल्द पानी उपलब्ध करवाने का वादा किया.


नहीं पहुंचे जनप्रतिनिधि पुलिस ने संभाला मोर्चा
जनपद पंचायत का घेराव और और अपनी समस्याओं को लेकर जनपद पंचायत पहुंचे ग्रामीणों के बीच कोई भी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा. ग्रामीण धूप में खड़े होकर अपना हक मांग रहे थे पानी की मांग कर रहे थे लेकिन उनके बीच कोई जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया और शांति व्यवस्था बनाई रखी.
बता दें कि अमरवाड़ा विधानसभा से नकुल नाथ को मिली थी 22 हजार वोटों की लीड मिली थी.

अमरवाड़ा। अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. यहां के निवासी अपनी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर हैं. कुछ गांवों में न तो पीने का पानी है और न ही बिजली, सड़क भी यहां नहीं बनाई गई हैं और यहां के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि को विधानसभा वासियों की मूलभूत सुविधाओं से कोई लेना देना नहीं है.

हंगामा करते लोग

अमरवाड़ा नगर से महज 2 किलोमीटर दूर हाईवे में बसा गांव पिपरिया राजगुरु के लोग पीने के पानी के लिए मोहताज हैं. पानी की तलाश में ग्राम महिलाओं को सुबह 5:00 बजे से निकलना पड़ता है तो पुरुषों को रात्रि 12:00 बजे से गांव में स्थित स्कूल वाले हैंडपंप में जाकर लाइन लगानी पड़ती है. चुनाव खत्म तो पानी भी आना बंद हो गया, आक्रोशित ग्रामीणों ने जनपद पंचायत के बाहर मुख्यमंत्री हाय- हाय के नारे भी लगाए.


लोकसभा चुनाव में बहिष्कार की दी थी चेतावनी
लोकसभा चुनाव के समय इन्हीं ग्रामीणों ने पानी की समस्या को लेकर चुनाव का बहिष्कार किया था, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने चुनाव के समय समझाइश देकर पानी का टैंकर तो दे दिया, लेकिन जैसे चुनाव हुआ गांव में पानी जाना बंद हो गया.


जनपद पंचायत का किया घेराव मुख्यमंत्री कमलनाथ हाय हाय के लगाए नारे
पिपरिया राजगुरु के ग्रामीण महिलाओं ने सोमवार को अमरवाड़ा जनपद पंचायत पहुंचकर अपना गुस्सा निकाला. ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि सरपंच सचिव गांव में पानी की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने जनपद पंचायत का गेट लगाकर अधिकारियों का आना जाना भी बंद किया और गेट पर खड़े होकर मुख्यमंत्री कमलनाथ हाय- हाय के नारे लगाए, इसी दौरान गांव की एक महिला धूप के कारण गस्त खाकर गिर गयी.


मुख्य कार्यपालन अधिकारी और मुख्य अभियंता बिजली विभाग ने दी समझाइश
जनपद पंचायत का घेराव कर रहे ग्रामीणों को मुख्य कार्यपालन अधिकारी डीआर उईके ने समझाइश दी, उन्होंने ग्रामीणों से जल्द पानी उपलब्ध करवाने का वादा किया.


नहीं पहुंचे जनप्रतिनिधि पुलिस ने संभाला मोर्चा
जनपद पंचायत का घेराव और और अपनी समस्याओं को लेकर जनपद पंचायत पहुंचे ग्रामीणों के बीच कोई भी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा. ग्रामीण धूप में खड़े होकर अपना हक मांग रहे थे पानी की मांग कर रहे थे लेकिन उनके बीच कोई जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया और शांति व्यवस्था बनाई रखी.
बता दें कि अमरवाड़ा विधानसभा से नकुल नाथ को मिली थी 22 हजार वोटों की लीड मिली थी.

Intro:Body:हैडिंग- बेटे को जिताने के लिए सीएम ने टैंकर से सफ्लाई कराया पानी ,जीतने के बाद बून्द बून्द के लिए तरस रहे ग्रामीण
अमरवाड़ा विधानसभा से नकुल नाथ को मिली थी 22000 वोटों की लीड
विधायक कमलेश शाह को अमरवाड़ा से नहीं है कोई मतलब
बिजली-पानी को लेकर ग्रामीणों ने किया जनपद पंचायत का घेराव
मुख्यमंत्री हाय हाय के लगाए नारे
लोकसभा चुनाव में चुनाव बहिष्कार की ग्रामीणों ने दी थी चेतावनी लेकिन प्रशासनिक समझाइस इसके बाद टैंकरों से ग्रामीणों को मिलता था पानी
जैसे चुनाव पूरे हुए ग्रामीणों को पानी मिलना हुआ बंद
अमरवाड़ा- अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है यहां के निवासी अपनी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर हैं अमरवाड़ा विधानसभा के कुछ ग्रामों में पीने का पानी नहीं है बिजली नहीं है सड़क रही हैं और यहां के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि को विधानसभा वासियों की मूलभूत सुविधाओं से कोई लेना देना नहीं है
अमरवाड़ा नगर से महज 2 किलोमीटर दूर हाईवे में बसा ग्राम पिपरिया राजगुरु के बंदिशे से पीने के पानी के लिए मोहताज हैं पानी की तलाश में ग्राम महिलाओं को सुबह 5:00 बजे से निकलना पड़ता है तो पुरुषों को रात्रि 12:00 बजे से गांव में स्थित स्कूल वाले हैंडपंप में जाकर लाइन लगानी पड़ती है चुनाव खत्म तो पानी भी आना बंद हो गया आक्रोशित ग्रामीणों ने जनपद पंचायत के बाहर मुख्यमंत्री हाय हाय के नारे भी लगाए वहीं विधायक को ग्रामीणों से कोई लेना देना नहीं है ऐसा ग्राम वासियों ने बताया है
लोकसभा चुनाव में बहिष्कार की दी थी चेतावनी
अभी लोकसभा चुनाव के समय इन्हीं ग्रामीणों ने पानी की समस्या को लेकर चुनाव का बहिष्कार किया था लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने चुनाव के समय समझाइश देकर पानी का टैंकर तो दे दिया लेकिन जैसे चुनाव हुआ गांव में पानी जाना बंद हो गया गांव के जो बोर हैं वह भी बिजली के कारण नहीं चल पा रहे हैं चुकी गांव में बिजली भी नहीं है हाईवे में गांव के मुख्य मार्गों में हाई स्ट्रीट लाइन नहीं गांव अपनी मूलभूत सुख-सुविधाओं से वंचित है और जनप्रतिनिधि विधायक वोट लेने के बाद कभी लौट कर नहीं आते
जनपद पंचायत का किया घेराव मुख्यमंत्री कमलनाथ हाय हाय के लगाए नारे
पिपरिया राजगुरु के ग्रामीण महिलाओं ने सोमवार को अमरवाड़ा जनपद पंचायत पहुंचकर अपना गुस्सा निकाला ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि सरपंच सचिव गांव में पानी की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं उन्होंने जनपद पंचायत का गेट लगाकर अधिकारियों का आना जाना भी बंद किया और गेट पर खड़े होकर मुख्यमंत्री कमलनाथ हाय हाय के नारे लगाए इसी दौरान गांव की एक महिला धूप के कारण गस्त खाकर गिर गयी
मुख्य कार्यपालन अधिकारी और मुख्य अभियंता बिजली विभाग ने दी समझाइश
जनपद पंचायत का घेराव कर रहे ग्रामीणों को मुख्य कार्यपालन अधिकारी डीआर उईके ने समझाइश दी कि आप लोगों को जल्दी गांव के बोर के माध्यम से पानी दे दिया जाएगा हम व्यवस्था बना रहे हैं वहीं बिजली विभाग के मुख्य अभियंता ने भी तत्काल गांव में बिजली चालू करने की बात कही बिजली आने लगेगी तो गांव के बोर चालू हो जाएंगे और आप लोगों की समस्याएं भी हल हो जाएगी
नहीं पहुंचे जनप्रतिनिधि पुलिस ने संभाला मोर्चा
जनपद पंचायत का घेराव और और अपनी समस्याओं को लेकर जनपद पंचायत पहुंचे ग्रामीणों के बीच कोई भी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा ग्रामीण धूप में खड़े होकर अपना हक मांग रहे थे पानी की मांग कर रहे थे लेकिन उनके बीच कोई जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया और शांति व्यवस्था बनाए

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1 - राजू वर्मा ग्रामीण
2 ओमवती ग्रामीण महिलाएं
3 डी 0आर 0उईके मुख्य कार्यपालन अधिकारीConclusion:
Last Updated : Jun 3, 2019, 10:51 PM IST
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