अमरवाड़ा। अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. यहां के निवासी अपनी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर हैं. कुछ गांवों में न तो पीने का पानी है और न ही बिजली, सड़क भी यहां नहीं बनाई गई हैं और यहां के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि को विधानसभा वासियों की मूलभूत सुविधाओं से कोई लेना देना नहीं है.
अमरवाड़ा नगर से महज 2 किलोमीटर दूर हाईवे में बसा गांव पिपरिया राजगुरु के लोग पीने के पानी के लिए मोहताज हैं. पानी की तलाश में ग्राम महिलाओं को सुबह 5:00 बजे से निकलना पड़ता है तो पुरुषों को रात्रि 12:00 बजे से गांव में स्थित स्कूल वाले हैंडपंप में जाकर लाइन लगानी पड़ती है. चुनाव खत्म तो पानी भी आना बंद हो गया, आक्रोशित ग्रामीणों ने जनपद पंचायत के बाहर मुख्यमंत्री हाय- हाय के नारे भी लगाए.
लोकसभा चुनाव में बहिष्कार की दी थी चेतावनी
लोकसभा चुनाव के समय इन्हीं ग्रामीणों ने पानी की समस्या को लेकर चुनाव का बहिष्कार किया था, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने चुनाव के समय समझाइश देकर पानी का टैंकर तो दे दिया, लेकिन जैसे चुनाव हुआ गांव में पानी जाना बंद हो गया.
जनपद पंचायत का किया घेराव मुख्यमंत्री कमलनाथ हाय हाय के लगाए नारे
पिपरिया राजगुरु के ग्रामीण महिलाओं ने सोमवार को अमरवाड़ा जनपद पंचायत पहुंचकर अपना गुस्सा निकाला. ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि सरपंच सचिव गांव में पानी की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने जनपद पंचायत का गेट लगाकर अधिकारियों का आना जाना भी बंद किया और गेट पर खड़े होकर मुख्यमंत्री कमलनाथ हाय- हाय के नारे लगाए, इसी दौरान गांव की एक महिला धूप के कारण गस्त खाकर गिर गयी.
मुख्य कार्यपालन अधिकारी और मुख्य अभियंता बिजली विभाग ने दी समझाइश
जनपद पंचायत का घेराव कर रहे ग्रामीणों को मुख्य कार्यपालन अधिकारी डीआर उईके ने समझाइश दी, उन्होंने ग्रामीणों से जल्द पानी उपलब्ध करवाने का वादा किया.
नहीं पहुंचे जनप्रतिनिधि पुलिस ने संभाला मोर्चा
जनपद पंचायत का घेराव और और अपनी समस्याओं को लेकर जनपद पंचायत पहुंचे ग्रामीणों के बीच कोई भी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा. ग्रामीण धूप में खड़े होकर अपना हक मांग रहे थे पानी की मांग कर रहे थे लेकिन उनके बीच कोई जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया और शांति व्यवस्था बनाई रखी.
बता दें कि अमरवाड़ा विधानसभा से नकुल नाथ को मिली थी 22 हजार वोटों की लीड मिली थी.