छिंदवाड़ा। 12 मार्च से दैत्य गुरु शुक्राचार्य स्वयं की उच्च राशि मीन को छोड़कर मंगल की राशि मेष में प्रवेश कर रहे हैं. मेष में पहले से ही राहु विद्यमान है. 12 तारीख से राहु और शुक्र की युति का प्रभाव देश विदेश एवं जातक पर पड़ेगा. शुक्र ग्रह को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां आज भी चर्चा का विषय बनी रहती है. सिद्धि योग महाअखाड़ा के महामंडलेश्वर महंत डॉ.वैभव अलोणी ज्योतिषाचार्य से जानिए किन राशियों में शुक्र की महादशा का क्या होगा फल साथ ही क्या असर पड़ेगा.
विश उत्तरी दशा फल: शुक्र की दशा में जातक को वस्त्र, आभूषण, सम्मान, नवीन कार्य प्रारंभ, वाहन सुख, आदि प्राप्त होते हैं. संबंधित ये दशा लाभ कारक होती है फिर भी कुछ स्थिति में रोग व्यसन और हानि भी देती है. हम विचार करते हैं.
राशि अनुसार शुक्र की दशा फल
मेष राशि में शुक्र हो तो विदेश भ्रमण मन में चंचलता लाता है, लेकिन कुछ व्यसन के कारण धन हानि भी हो सकता है.
वृषभ राशि में शुक्र हो तो धन लाभ कन्या की प्राप्ति होती है.
मिथुन राशि में हो तो प्रसन्नता धन लाभ, प्रदेश ग्रामीण व्यवसाय में उन्नति होती है.
कर्क राशि में धन लाभ, आभूषण लाभ, प्रेम प्रदान होता है.
सिंह राशि में आर्थिक कष्ट, स्त्री पुत्र, को हानि संभव है.
कन्या राशि में आर्थिक कष्ट, दुख स्त्री पुत्र से विरोध हो सकता है.
तुला राशि स्वयं की राशि में ख्याति लाभ भ्रमण हो सकता है.
वृश्चिक राशि में प्रताप में वृद्धि बदलाव सुख देता है.
धनु राशि में प्रतिभा का विकास राज्य से संबंध पुत्रों की उन्नति होती है.
मकर राशि वालों को चिंता संभव है.
कुंभ राशि में कष्ट मानहानि की आशंका हो सकती है.
मीन राशि में राज्य से लाभ, व्यापार से लाभ, राजनीति से लाभ, संभव है.
राशि अंतर्गत शुक्र की स्थिति के आधार पर शुक्र की दशा का फल विवेचन किया गया है.
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राहु-शुक्र युति से प्रभाव: डॉ.वैभव अलोणी ज्योतिषाचार्य ने बताया कि, 12 मार्च से दैत्य गुरु शुक्राचार्य मेष राशि में आ रहे हैं. इस राशि में पहले से ही राहु विराजमान हैं. मेष राशि में होने वाली यह युति के प्रभाव से देश-विदेश में जल की कमी, अग्नि भय, विष बाधा, युद्ध की स्थिति, राजनीतिक षड्यंत्र संभव है. राहु और शुक्र की युति होने से जातक पर पारिवारिक सुख में कमी, अनेक प्रकार की व्याधि, भोजन से संबंधित विष, फूड प्वाइजनिंग जैसी बीमारी संभव है.
राहु-शुक्र योग बनाता है मनमौजी: राहु शुक्र युति का प्रभाव व्यक्ति को मनमर्जी करने वाला और मनमौजी बना सकता है. जातक में स्वच्छंदता अधिक होती है. वह अपने अनुसार कार्य करने की इच्छा रखता है. दूसरों की बातों से अधिक खुद के अनुरुप चलना पसंद करता है. ग्रह राहु के साथ शुक्र की युति व्यक्ति को गलत आदतों की ओर प्रवृत्त कर सकती है. इससे राहु धीरे-धीरे व्यक्ति के अंदर से नैतिकता को नीचा दिखाने लगता है. ऐसे व्यक्ति अपनी मर्जी के बिना गलत रास्ता भी चुन सकते हैं. इन युति प्रभावों के कारण व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन होते हैं. राहु कुंडली में शुक्र के साथ होने पर कई तरह के अलग-अलग असर को दिखाने वाला हो सकता है.