छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा में सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति बदहाल है. स्वच्छता के नाम पर यहां सिर्फ चारों तरफ गंदगी और सफाई के नाम पर कचरे का ढेर नजर आता है. पब्लिक टॉयलेट की तस्वीर से छिंदवाड़ा में स्वच्छता की तस्वीर भी साफ हो रही है. ज्यादातर पब्लिक टॉयलेट में गंदगी का अंबार है.
कलेक्टर कार्यालय के पब्लिक टॉयलेट की दीवारें गंदी हो चुकी हैं, जो अधिकारियों की उदासीनता और नगर पालिका के दावों की पोल खोल रही हैं. यही हाल शहर में संचालित हो रहे ज्यादातर पब्लिक टॉयलेट के हैं, जहां न तो साफ- सफाई का ध्यान रखा जा रहा है और न ही लोगों को सभी सुविधाएं मिल रही हैं.
रखरखाव के नाम पर सिर्फ खानापूर्ती
पीएम मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत पूरे छिंदवाड़ा में पब्लिक टॉयलेट तो बनवा दिए गए, लेकिन रखरखाव के नाम पर सिर्फ खानापूर्ती हो रही है. यही वजह है कि, टॉयलेट गंदगी से सने नजर आते हैं. हालांकि नगर पालिका के अधिकारियों का दावा है कि, समय-समय पर साफ सफाई और निरीक्षण का काम किया जा रहा है.
शहर में कुल सार्वजनिक 39 शौचालय
शहर में कुल सार्वजनिक 39 शौचालय संचालित होते हैं, जिसमें से 29 सुलभ इंटरनेशनल की देखरेख में हैं, जबकि 10 सार्वजनिक शौचालय की देखरेख नगर निगम करता है. शहर में सुलभ इंटरनेशनल द्वारा संचालित किए जाने वाले पब्लिक टॉयलेट के हालात कुछ हद तक तो ठीक हैं, लेकिन नगर निगम के द्वारा संचालित किए जाने वाले सार्वजनिक शौचालय के पास खड़ा होना भी दूभर है.
कलेक्टर कार्यालय का सार्वजनिक शौचालय बदहाल
छिंदवाड़ा में कई सार्वजनिक शौचालय ऐसे हैं, जिनमें बारिश के चलते कीचड़ और कचरा इतना होता है कि, लोग वहां पहुंच ही नहीं पाते हैं. जिला मुख्यालय के सबसे प्रमुख दफ्तर कलेक्टर कार्यालय के सार्वजनिक शौचालय का हाल देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि, छिंदवाड़ा में किस तरीके से सार्वजनिक शौचालय की देखरेख की जाती है.