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Cloth Bank Chhindwara MP छिंदवाड़ा का ये पुलिसकर्मी बना गरीबों का मसीहा, गरीबों के लिए चला रहा कपड़ा बैंक

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Published : Sep 1, 2022, 11:32 AM IST

Updated : Sep 1, 2022, 1:00 PM IST

खुद के लिए सब जीते हैं लेकिन दूसरों के लिए जीना है सच्ची समाजसेवा होती है. ऐसा ही कुछ किया है छिंदवाड़ा पुलिस में पदस्थ आरक्षक महेश भमरकर ने. जो जरूरतमंदों के लिए कपड़ा बैंक खोलकर गांवों में जाकर गरीबों का तन ढंक रहे हैं. संदीप की लगन देखकर समाजसेवी इस नेक में जुड़ गए हैं. अब पूरी टीम इस काम को शिद्दत के साथ कर रही है. Police constable Chhindwara, Motivational work of Constable, Constable messiah of poor, Constable running cloth bank

Cloth Bank Chhindwara MP
गरीबों के लिए चला रहा कपड़ा बैंक

छिंदवाड़ा। पुलिस आरक्षक महेश भमरकर खुद छोटे से आदिवासी गांव में जन्मे. मध्यप्रदेश पुलिस में आरक्षक बनने के बाद जब वे गांव जाते तो देखते थे कि अधिकतर बच्चे गरीबी के चलते बिना कपड़ों के हैं. इसलिए उन्होंने अपने घर के पुराने और लोगों से कपड़े इकट्टे करके बांटना शुरू किया और फिर उनके साथ समाजसेवियों का कारवां जुड़ता गया. उन्होंने सेवा सहयोग संगठन समिति बनाई और साथियों की मदद से उन्हें जेल कांम्पलेक्स में एक दुकान बिना किराए की मिल गई.

गरीबों के लिए चला रहा कपड़ा बैंक

प्रेस करके बांटते हैं कपड़े : यहां कोई भी कपड़े लाकर दे सकता है और फिर कपड़ा बैंक गांवों में जाकर जरूरतमंदो को बांटती है. सबसे खास बात ये है कि कपड़े जरूरतमंदो को साफ और प्रेस करके दिए जाते हैं. नौकरी के बाद जो भी समय बचता है महेश भमरकर समाजसेवा में लगाते हैं. महेश भमरकर की समाजसेवा देखकर लोग उनके साथ जुड़ते गए. समिति में में कई युवा और व्यवसायी जुड़े हैं. जो कपड़ा बैंक के माध्यम से जरूरतमंदो को गांव-गांव जाकर कपड़े और सामान बांटते हैं.

कोई भी कर सकता है कपड़ा दान : पुलिस आरक्षक महेश भमरकर का कहना है कि जरूरतमंदों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है तो सच्ची समाजसेवा हो जाती है. इस बैंक में कोई भी कपड़ा लाकर दे सकता है और जरूरतमंद ले जा सकता है. जिलेभर में कपड़ा बैंक लगातार काम कर रहा है. कपड़ा बैंक संगठन ने अब कलेक्शन पॉइंट भी शुरू किए हैं, जो घर -घर जाकर कपड़े कलेक्शन करते हैं. महेश भमरकर और उनकी टीम बताती है कि कोई भी काम बिना सहयोग के नहीं होता. इस काम में शहरवासियों की मदद मिल रही है.

संजीवनी सामाजिक जनकल्याण संस्था ने शुरु किया कपड़ा बैंक, 300 गरीबों को बांटे गए कपड़े

समिति से कई लोग जुड़े : समिति को लगातार लोगों का सहयोग मिल रहा है. कई लोग उनकी टीम में जुड़ गए हैं. अब एक प्रकार से यह पूरा टीम वर्क बन गया है. सारे लोग मिलकर लोगों के चेहरे में मुस्कान लाने की कोशिश करते हैं. इस भागमभाग भरे समय में जहां लोगों को अपने लिए समय निकालना मुश्किल होता है. ऐसे में पुलिस में नौकरी करते हुए समाजसेवा करना और जिनके तन पर कपड़े ना हों, उनका बदन ढंकना असली समाजसेवा है. इस प्रकार की चर्चा पुलिस महकमे में होती है. Policeman constable Chhindwara, Motivational work of Constable, Constable messiah of poor, Constable running cloth bank

छिंदवाड़ा। पुलिस आरक्षक महेश भमरकर खुद छोटे से आदिवासी गांव में जन्मे. मध्यप्रदेश पुलिस में आरक्षक बनने के बाद जब वे गांव जाते तो देखते थे कि अधिकतर बच्चे गरीबी के चलते बिना कपड़ों के हैं. इसलिए उन्होंने अपने घर के पुराने और लोगों से कपड़े इकट्टे करके बांटना शुरू किया और फिर उनके साथ समाजसेवियों का कारवां जुड़ता गया. उन्होंने सेवा सहयोग संगठन समिति बनाई और साथियों की मदद से उन्हें जेल कांम्पलेक्स में एक दुकान बिना किराए की मिल गई.

गरीबों के लिए चला रहा कपड़ा बैंक

प्रेस करके बांटते हैं कपड़े : यहां कोई भी कपड़े लाकर दे सकता है और फिर कपड़ा बैंक गांवों में जाकर जरूरतमंदो को बांटती है. सबसे खास बात ये है कि कपड़े जरूरतमंदो को साफ और प्रेस करके दिए जाते हैं. नौकरी के बाद जो भी समय बचता है महेश भमरकर समाजसेवा में लगाते हैं. महेश भमरकर की समाजसेवा देखकर लोग उनके साथ जुड़ते गए. समिति में में कई युवा और व्यवसायी जुड़े हैं. जो कपड़ा बैंक के माध्यम से जरूरतमंदो को गांव-गांव जाकर कपड़े और सामान बांटते हैं.

कोई भी कर सकता है कपड़ा दान : पुलिस आरक्षक महेश भमरकर का कहना है कि जरूरतमंदों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है तो सच्ची समाजसेवा हो जाती है. इस बैंक में कोई भी कपड़ा लाकर दे सकता है और जरूरतमंद ले जा सकता है. जिलेभर में कपड़ा बैंक लगातार काम कर रहा है. कपड़ा बैंक संगठन ने अब कलेक्शन पॉइंट भी शुरू किए हैं, जो घर -घर जाकर कपड़े कलेक्शन करते हैं. महेश भमरकर और उनकी टीम बताती है कि कोई भी काम बिना सहयोग के नहीं होता. इस काम में शहरवासियों की मदद मिल रही है.

संजीवनी सामाजिक जनकल्याण संस्था ने शुरु किया कपड़ा बैंक, 300 गरीबों को बांटे गए कपड़े

समिति से कई लोग जुड़े : समिति को लगातार लोगों का सहयोग मिल रहा है. कई लोग उनकी टीम में जुड़ गए हैं. अब एक प्रकार से यह पूरा टीम वर्क बन गया है. सारे लोग मिलकर लोगों के चेहरे में मुस्कान लाने की कोशिश करते हैं. इस भागमभाग भरे समय में जहां लोगों को अपने लिए समय निकालना मुश्किल होता है. ऐसे में पुलिस में नौकरी करते हुए समाजसेवा करना और जिनके तन पर कपड़े ना हों, उनका बदन ढंकना असली समाजसेवा है. इस प्रकार की चर्चा पुलिस महकमे में होती है. Policeman constable Chhindwara, Motivational work of Constable, Constable messiah of poor, Constable running cloth bank

Last Updated : Sep 1, 2022, 1:00 PM IST
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