छिंदवाड़ा। बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का दावा करत हुए उमरिया के इसरा गांव में सरकार ने चमचमाती अस्पताल की बिल्डिंग तो खड़ी कर दी, लेकिन अस्पताल तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं है. यहां अगर थोड़ी भी बारिश हो जाए, तो एंबुलेंस तो दूर, पैदल तक जाना भी दूरभर हो जाता है.
दलदल में तब्दील हो जाता है अस्पताल का रास्ता
छिंदवाड़ा से करीब 17 किलोमीटर दूर उमरिया इसरा गांव मे नेशनल हाईवे- 347 से करीब 500 मीटर दूर पहाड़ी पर बने सरकारी अस्पताल तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं है. थोड़ी सी बारिश हो जाए, तो कच्चा रास्ता दलदल में तब्दील हो जाता है. जिसके चलते अस्पताल तक पहुंचना दूभर हो जाता है.
ग्रामीणों का कहना है कि, अस्पताल सरकार ने बना कर खड़ा तो कर दिया है, लेकिन वहां तक जाने के लिए सड़क नहीं है. लिहाजा मरीज को अस्तपाल ले कर आने में दिक्कतों का समना करना पड़ता है, ऐसे में सरकार को अस्पताल के साथ सड़क निर्माण पर भी विचार करना चाहिए.
कभी-कभी खुलता है अस्पताल
ग्रामीणों का ये भी कहना है कि, जो अस्पताल गांव से बाहर बनाया गया है, वहां तक जाने के लिए सड़क नहीं है और दूसरा अस्पताल गांव से करीब 2 किलोमीटर दूर पहाड़ियों में बना है, जो कभी कभार ही खुलता है. इस मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि 'आपके द्वारा मेरे संज्ञान में मामला आया है, जिसके बाद जल्द प्रस्ताव बनाकर अस्पताल तक सड़क बनवाने की व्यवस्था करेंगे'.