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मध्य प्रदेश में AI करेगा बाघों की निगरानी, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से होगी शुरुआत - AI MONITOR TIGERS IN FOREST

जंगल में एआई करेगा बाघों की निगरानी, बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व से होगी शुरुआत

AI MONITOR TIGERS IN FOREST
मध्य प्रदेश में AI करेगा बाघों की निगरानी (Getty Image)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 14, 2025, 3:22 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश टाइगर स्टेट है, इसका कारण यहां बाघों के लिए अनुकूल माहौल और व्यवस्था है. इसी कारण बाघों को मध्य प्रदेश के जंगल काफी भा रहे हैं. इन जंगलों में बाघों का कुनबा भी बढ़ रहा है. दूसरी ओर जंगल में निरंतर शिकार या दुर्घटना के कारण बाघों की मौत हो रही है. जिससे वन विभाग के आला अधिकारी चिंतित हैं. बाघों की मृत्यु पर लगाम लगाने की योजना पर काम कर रहे हैं. हाल में ही वन विभाग के अधिकारियों ने अब जंगल में टाइगर की निगरानी के लिए एआई का उपयोग करने का निर्णय लिया है.

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से होगी शुरुआत

बता दें कि साल 2024 में करीब 46 बाघों की दुर्घटना, शिकार या संघर्ष के दौरान मृत्यु हुई है. यह आंकड़े पिछले सालों की तुलना में बहुत अधिक है. हालांकि इस समस्या ने निपटने के लिए वन विभाग जंगल के चारों तरफ फेंसिंग भी करवा रहा है, कुछ स्थानों पर दीवारें भी बनाई गई हैं. लेकिन अब वन विभाग बाघों की निगरानी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कर सहारा लेने जा रहा है. इसकी अनुमति भी केंद्र सरकार से मिल गई है. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एआई तकनीकी के जरिए बाघों की मॉनीटरिंग का काम सबसे पहले बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से शुरु होगा. इसके बाद इसे प्रदेश के अन्य राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व में लागू करेंगे.

ARTIFICIAL INTELLIGENCE MP FOREST
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बाघों की निगरानी होगी (ETV Bharat)

मध्य प्रदेश में 700 से अधिक टाइगर का बसेरा

अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एम कृष्णमूर्ति ने बताया कि "प्रदेश में देश के सबसे ज्यादा बाघ हैं. बाघों के रहवास के लिए प्रदेश का जंगल सबसे बेहतर है. इस वजह से यहां बाघों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. नई गणना में मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या 1 हजार से ज्यादा होने का अनुमान लगाया जा रहा है. हालांकि वर्तमान में इनकी संख्या 700 के करीब है. प्रदेश में बाघों के संरक्षण के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इस वजह से टाइगर रिजर्व की संख्या भी बढ़ाई जा रही है. अभी प्रदेश में 8 टाइगर रिजर्व हो गए हैं. माधव नेशनल पार्क को 9वां टाइगर रिजर्व बनाने की तैयारी है.

BANDHAVGARH TIGER RESERVE
रीवा के व्हाइट टाइगर (ETV Bharat)

नए साल में दो बाघों की मृत्यु

साल 2025 में शुरुआत के 13 दिन में ही प्रदेश में 2 बाघों की मौत हो चुकी है. इसमें एक बाधिन की मौत पेंच टाइगर रिजर्व में हुई थी. यहां शिकारियों ने बाघिन का करंट लगाकर शिकार किया था. हालांकि बाद में शिकारियों को पकड़ लिया गया है. वहीं दूसरे बाघ की मौत बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हुई. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यहां आपसी संघर्ष से बाघ की मौत हुई है. बता दें कि पिछले साल प्रदेश में 46 बाघों की मौत हुई थी. इनमें ज्यादातर बाघ आपसी संघर्ष से मरे. इसी के चलते अब बाघों की निगरानी और पर्यटन को बढ़ाने एआई का सहारा लिया जा रहा है.

भोपाल: मध्य प्रदेश टाइगर स्टेट है, इसका कारण यहां बाघों के लिए अनुकूल माहौल और व्यवस्था है. इसी कारण बाघों को मध्य प्रदेश के जंगल काफी भा रहे हैं. इन जंगलों में बाघों का कुनबा भी बढ़ रहा है. दूसरी ओर जंगल में निरंतर शिकार या दुर्घटना के कारण बाघों की मौत हो रही है. जिससे वन विभाग के आला अधिकारी चिंतित हैं. बाघों की मृत्यु पर लगाम लगाने की योजना पर काम कर रहे हैं. हाल में ही वन विभाग के अधिकारियों ने अब जंगल में टाइगर की निगरानी के लिए एआई का उपयोग करने का निर्णय लिया है.

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से होगी शुरुआत

बता दें कि साल 2024 में करीब 46 बाघों की दुर्घटना, शिकार या संघर्ष के दौरान मृत्यु हुई है. यह आंकड़े पिछले सालों की तुलना में बहुत अधिक है. हालांकि इस समस्या ने निपटने के लिए वन विभाग जंगल के चारों तरफ फेंसिंग भी करवा रहा है, कुछ स्थानों पर दीवारें भी बनाई गई हैं. लेकिन अब वन विभाग बाघों की निगरानी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कर सहारा लेने जा रहा है. इसकी अनुमति भी केंद्र सरकार से मिल गई है. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एआई तकनीकी के जरिए बाघों की मॉनीटरिंग का काम सबसे पहले बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से शुरु होगा. इसके बाद इसे प्रदेश के अन्य राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व में लागू करेंगे.

ARTIFICIAL INTELLIGENCE MP FOREST
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बाघों की निगरानी होगी (ETV Bharat)

मध्य प्रदेश में 700 से अधिक टाइगर का बसेरा

अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एम कृष्णमूर्ति ने बताया कि "प्रदेश में देश के सबसे ज्यादा बाघ हैं. बाघों के रहवास के लिए प्रदेश का जंगल सबसे बेहतर है. इस वजह से यहां बाघों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. नई गणना में मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या 1 हजार से ज्यादा होने का अनुमान लगाया जा रहा है. हालांकि वर्तमान में इनकी संख्या 700 के करीब है. प्रदेश में बाघों के संरक्षण के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इस वजह से टाइगर रिजर्व की संख्या भी बढ़ाई जा रही है. अभी प्रदेश में 8 टाइगर रिजर्व हो गए हैं. माधव नेशनल पार्क को 9वां टाइगर रिजर्व बनाने की तैयारी है.

BANDHAVGARH TIGER RESERVE
रीवा के व्हाइट टाइगर (ETV Bharat)

नए साल में दो बाघों की मृत्यु

साल 2025 में शुरुआत के 13 दिन में ही प्रदेश में 2 बाघों की मौत हो चुकी है. इसमें एक बाधिन की मौत पेंच टाइगर रिजर्व में हुई थी. यहां शिकारियों ने बाघिन का करंट लगाकर शिकार किया था. हालांकि बाद में शिकारियों को पकड़ लिया गया है. वहीं दूसरे बाघ की मौत बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हुई. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यहां आपसी संघर्ष से बाघ की मौत हुई है. बता दें कि पिछले साल प्रदेश में 46 बाघों की मौत हुई थी. इनमें ज्यादातर बाघ आपसी संघर्ष से मरे. इसी के चलते अब बाघों की निगरानी और पर्यटन को बढ़ाने एआई का सहारा लिया जा रहा है.

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