छिंदवाड़ा। बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा कराने के बाद अपनों के विवादों से घिरे पूर्व सीएम कमलनाथ ने प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा को भी छिंदवाड़ा में कथा करने के लिए बुलाया है. पंडित प्रदीप मिश्रा 5 सितंबर से 9 सितंबर तक छिंदवाड़ा के उसी पंडाल पर कथा करेंगे. जिस पंडाल में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा हुई है.
कांग्रेस ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी जानकारी: सांसद कार्यालय से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया गया है कि आगामी 5 सितंबर से 9 सितंबर 2023 तक पंडित प्रदीप मिश्रा छिंदवाड़ा में पांच दिनों तक प्रदीप मिश्रा कथा प्रस्तुत करेंगे. कमलनाथ एवं नकुलनाथ द्वारा कथाचार्य प्रदीप मिश्रा से सतत चर्चा एवं जिलेवासियों की ओर से विनम्र अनुरोध के बाद प्रदीप मिश्रा ने पांच दिवसीय कथा के लिए 5 से 9 सितंबर का समय निर्धारित किया है.
कमलनाथ ने कथा सुनने के लिए लोगों से की अपील: प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ व सांसद नकुलनाथ ने छिंदवाड़ा जिला सहित अन्य जिलों के सभी धर्म प्रेमी बंधुओं, माताओं, बहनों से विनम्र अनुरोध किया है कि पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा प्रस्तुत प्रभु कथा का श्रवण कर पुण्य लाभ अर्जित करें. उन्होंने कहा कि हमारा देश, हमारा प्रदेश और हमारा छिंदवाड़ा जिला आध्यात्मिक परम्पराओं से जुड़ा हुआ है. प्रदीप मिश्रा के शुभागमन और पांच दिनों तक सतत उनके कथा वाचन से हमारी आध्यात्मिक शक्ति को और बल मिलेगा.
कांग्रेस और सहयोगी दलों के नेताओं ने उठाया सवाल: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन ने तो खुलकर विरोध जताया है. "उन्होंने कहा है कि बीजेपी के स्टार प्रचारक की आरती उतारना कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को शोभा नहीं देता. उन्होंने यहां तक कहा कि इस स्थिति में गांधी की आत्मा तड़प रही होगी. प्रमोद कृष्णन ने इस इवेंट को लेकर दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की खामोशी पर भी सवाल उठाया है."
कथा पर उठे सवाल: पंडित धीरेन्द्र शास्त्री की कथा और आरती उतारते कांग्रेस नेता कमलनाथ की तस्वीर अब महागठबंधन I.N.D.I.A. की आंख की किरकिरी बन गई है. पटना में बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री की कथा का बायकॉट कर चुके RJD के नेताओं के गले ये तस्वीर नहीं उतरी. पार्टी के वरिष्ठ नेता "शिवानंद तिवारी ने तो सवाल उठाया और कहा कि इस पर कांग्रेस के बड़े नेता अपना स्टैंड बताएं." हालांकि पूर्व सीएम कमलनाथ का चुके हैं कि "वह हिंदू हैं और धर्म के काम करते रहेंगे. कोई क्या बोल रहा है, उन्हें फर्क नहीं पड़ रहा. अगर वह कथा करवा रहे हैं, तो लोगों के पेट में दर्द क्यों हो रहा है.