छिंदवाड़ा। शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में शिक्षक दिवस के मौके पर बच्चों ने 1 दिन के लिए प्राचार्य के साथ- साथ टीचर, चपरासी और लाइब्रेरियन आदि के पदों पर कार्य किया. कुछ बच्चे शिक्षक बने तो कोई बच्चा प्राचार्य, तो किसी ने लाइब्रेरियन की जिम्मेदारी संभाली.
इस दौरान बच्चों को काफी खुश हुई, उन्होंने कहा कि शिक्षक की कितनी जिम्मेदारी और कितना महत्व होता है, वो शिक्षक के रूप में एक दिन कार्य करने के बाद उन्हें समझ आ रहा है, कि किस प्रकार शिक्षक अपने ज्ञान को बच्चों में बांटते हैं.
शिक्षक दिवस के अवसर पर बच्चें बनें अध्यापक, कुशलता पूर्वक किया विद्यालय का संचालन - शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस पर बच्चों ने प्राचार्य के साथ- साथ टीचर, चपरासी और लाइब्रेरियन आदि के पदों पर कार्य किया और विद्यालय का सफलता पूर्वक संचालन किया.
छिंदवाड़ा। शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में शिक्षक दिवस के मौके पर बच्चों ने 1 दिन के लिए प्राचार्य के साथ- साथ टीचर, चपरासी और लाइब्रेरियन आदि के पदों पर कार्य किया. कुछ बच्चे शिक्षक बने तो कोई बच्चा प्राचार्य, तो किसी ने लाइब्रेरियन की जिम्मेदारी संभाली.
इस दौरान बच्चों को काफी खुश हुई, उन्होंने कहा कि शिक्षक की कितनी जिम्मेदारी और कितना महत्व होता है, वो शिक्षक के रूप में एक दिन कार्य करने के बाद उन्हें समझ आ रहा है, कि किस प्रकार शिक्षक अपने ज्ञान को बच्चों में बांटते हैं.
यूं तो शिक्षक दिवस पर शिक्षक का सम्मान सभी करते हैं परंतु बच्चों ने शिक्षकों का सम्मान कुछ नए अंदाज से किया जिसमें बच्चों ने 1 दिन के लिए प्राचार्य का पद टीचर का पद और चपरासी साथ ही लाइब्रेरियन आदि पदों पर कार्य किया और शिक्षक के कार्य की महत्वता को समझा
बच्चे प्राचार्य और शिक्षक बंद कर काफी उत्साहित थे
Body: छिंदवाड़ा के शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय आज शिक्षक दिवस के दिन बच्चों ने शिक्षकों की महत्वता को समझने के लिए उनके कार्यों पर काम किया कुछ बच्चे शिक्षक बने तो कोई बच्चा प्राचार्य ,तो कोई बच्चा लाइब्रेरियन, तो कोई बच्चा पियून,
बच्चे काफी खुश थे उन्होंने कहा कि शिक्षक की कितनी जिम्मेदारी और कितनी महत्वता होती है वहां उन्हें शिक्षक के रूप में बच्चों को पढ़ाने के बाद समझ आ रही है कि किस प्रकार शिक्षक अपने ज्ञान को बच्चों में बैठता है और उनका जीवन को एक अच्छी दिशा प्रदान करने के लिए मार्गदर्शन करता है
प्रभारी प्राचार्य डॉ. शब्बीर फारुकी ने बताया कि बच्चों ने रिक्वेस्ट की थी कि उन्हें शिक्षक दिवस के दिन 1 दिन स्कूल संचालित करने का मौका दिया जाए आज उन्हें प्राचार्य का पद शिक्षक का पद और जो पद होते हैं उन पर बच्चों ने कुशलता पूर्वक कार्य किया जिससे उन्हें अपने जीवन में शिक्षक की अहमियत क्या होती है उसका सही मायनों में जान सके
बाईट 01- प्रभारी प्राचार्य -डॉ. शब्बीर फारूकी
बाईट02- डोली सूर्यवंशी ,शिक्षिका बनी छात्रा
बाईट03- किरतेश हेड़ाउ ,शिक्षक बना छात्र
बाईट04- प्रियांश विश्वकर्मा, प्राचार्य बना छात्र
Conclusion: