छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश में क्लास पहली से आठवीं तक के स्कूलों के शैक्षिणक स्तर सहित अलग-अलग 7 प्रमुख घटकों में छिंदवाड़ा जिला प्रदेश में अव्वल आया है. राज्य शिक्षा केंद्र की और से जारी हुई रैकिंग में इंदौर, भोपाल जैसे बड़े शहरों को पछाड़कर छिंदवाड़ा टॉप पर रहा. संचालक राज्य शिक्षा केंद्र के धनराजू एस ने राज्य शिक्षा केंद्र के एजुकेशन पोर्टल पर कक्षा पहली से आठवीं तक की शासकीय शालाओं के लिए जिलों की रैकिंग जारी की. शैक्षणिक सत्र 2021-22 में प्रदर्शन के आधार पर प्रदेश के सभी 52 जिलों की प्रावधिक रैंकिंग जारी की गई. छिंदवाड़ा ने 77.76 अंक प्राप्त कर A++ ग्रेड हासिल किया है तो वहीं दूसरे स्थान पर बालाघाट और तीसरे स्थान पर नीमच जिला हैं.
इन आधार पर तय की गई थी रैंकिंग: जारी रैंकिंग में सात प्रमुख घटकों के लिए शिक्षा विभाग की अपेक्षाओं के अनुरूप अंक निर्धारित किए गए थे. नामांकन और ठहराव के लिए 21 अंक, सीखने के परिणाम और गुणवत्ता के लिए 21 अंक, शिक्षक व्यावसायिक विकास के लिए 10 अंक निर्धारित थे. 10 अंक बुनियादी ढांचा और सुविधा के लिए, 13 अंक शासन प्रक्रिया और वित्तीय प्रबंधन के लिए तो 20 अंक पढ़ना लिखना अभियान के लिएनिर्धारित थे. इस तरह समग्र शिक्षा योजना में संचालित कार्यक्रम और गतिविधियों के साथ ही छात्रों के सीखने के प्रतिफल, शिक्षकों की क्षमता, संवर्धन शाला में उपलब्ध संसाधन के आधारित रैंकिंग तैयार की गई.
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बेस्ट सरकारी स्कूल: MP के सबसे अच्छे सरकारी स्कूलों की रैंकिंग में छिंदवाड़ा के नंबर एक होने का राज यहां लेटेस्ट तकनीक को पढ़ाई का हिस्सा बनाना है. साथ ही मैनेजमेंट के लिहाज से भी यहां संसाधनों की कमी सरकारी और प्राथमिक स्कूलों में देखने को नहीं मिली. शिक्षकों के साथ ही स्टूडेंट्स की उपस्थिति और रिजल्ट के लिहाज से भी जिले का प्रदर्शन राज्य में सर्वश्रेष्ठ रहा. जिला शिक्षा केंद्र के डीपीसी जेके इरपाची ने बताया कि कलेक्टर और वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में जिला टॉप रहा. लेकिन साथ ही शिक्षकों ने जो कमाल किया है वो काबिले तारीफ है.
CM डैशबोर्ड पर रिजल्ट होगा डिस्प्ले: इसके अलावा अगले साल के लिए भी एज्यूकेशन सेशन में सभी जिलों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है. इसमें एमपी के 52 जिलों की रैंकिंग हो रही है. कलेक्टर्स के जरिए स्कूलों को एक्सिलेंस स्कूल में कैसे तब्दील किया जा सकता है इस पर सुझाव मांगे गए हैं. ताकि इसी को आधार बनाकर आगे भी काम को आगे बढ़ाया जा सके. फिलहाल जो जिलों की प्रावधिक रैकिंग तैयार की गई है उसे संशोधन के बाद सीएम डैशबोर्ड पर डिस्प्ले किया जाएगा.
क्या कहते हैं अधिकारी: "स्कूल विभाग सभी जिलों के स्कूलों में चल रहे एज्यूकेशन रिलेटेड एक्टिविटी के आधार पर जिलों की रैंकिंग तय कर रहा है. इसमें सभी किस्म की उपलब्धियों और कार्यों को दिखाया जाएगा. इसी के आधार पर जिलों को मार्क्स और ++रैंकिंग दी जाएगी. ये रिपोर्ट सभी जिलों के परियोजना अधिकारियों से शेयर की जाएगी और इन्हे कलेक्टर्स, कमिश्नर्स को भी भेजा जाएगा. इसी को बेस मानकर सरकारी स्कूलों की रैंकिंग में सुधार के लिए सरकार तैयारी करेगी और संसाधन मुहैया कराएगी". - एस धनराजू, राज्य शिक्षा केंद्र संचालक
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