छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं. ऐसे में राजनीतिक फायदा उठाने के लिए कथावाचकों की मांग बढ़ गई है. सीहोर के पंडित प्रदीप मिश्रा व बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा करवाने के लिए नेताओं में होड़ मची है. छिंदवाड़ा में भी पूर्व सीएम कमलनाथ 4 अगस्त से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की शिव कथा करवा रहे हैं. हालांकि कांग्रेस इसे सिर्फ धार्मिक आयोजन बता रही है लेकिन खुद नकुलनाथ ट्विटर के जरिए लोगों को आमंत्रित कर रहे हैं और आमंत्रण कार्ड में कांग्रेस का चुनाव चिह्न पंजा भी है.
कथा की तैयारियां जोरों पर : सिमरिया हनुमान मंदिर परिसर में बागेश्वर के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की दिव्य कथा की भव्य तैयारियां चल रही हैं. कथा तीन दिन 5, 6 और 7 अगस्त को होना है. इसके लिए सिमरिया मंदिर के ठीक बाजू में ढाई लाख वर्गफीट का वाटरप्रूफ पंडाल लगाया जा रहा है. चूंकि सीजन चुनावी है और कथा की पहल पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ व सांसद नकुलनाथ कर रहे हैं तो इसे राजनीति से जोड़कर भी देखा जा रहा है. हालांकि हनुमान भक्त कमलनाथ इसे राजनीतिक रंग देने के मूड में बिल्कुल नहीं हैं. कमलनाथ ने इसे सिर्फ धार्मिक कार्यक्रम के तौर पर प्रचारित करने और उसी आधार पर व्यवस्थाएं बनाने के लिए कहा है.
घर-घर जाकर पीले चावल देगी कांग्रेस : वहीं, मारुति नंदन सेवा समिति के बैनर तले हो रहे इस आयोजन में पूरी कांग्रेस तैयारियों में जुटी है. कार्यकर्ता घर-घर जाकर पीले चावल देकर लोगों को दिव्य कथा का न्यौता देने की तैयारी में हैं. तैयारियों के बारे में नागपुर रोड स्थित एक लॉन में बैठक भी हुई. जिसमें स्थानीय वरिष्ठ नेताओं ने तैयारियों के संबंध में जानकारियां दीं. मारुतिनंदन सेवा समिति के आनंद बक्षी ने बताया कि दिव्य कथा शुद्ध रूप से धार्मिक आयोजन है. वहीं, राजनीतिक गलियारों में इसे आने वाले चुनावों से जोड़कर देखा जाने लगा है. कथा से होने वाले नफा-नुकसान पर भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
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दिव्य दरबार भी लगेगा : पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा में छिंदवाड़ा जिले के अलावा अन्य जिलों से भी श्रद्धालु पहुंचेंगे. ऐसे में 15-15 एकड़ में दो वाहन पार्किंग स्थल तैयार होंगे. बागेश्वर सरकार द्वारा कथा के दौरान ही लगाए जाने वाले दिव्य दरबार के लिए भी विशेष व्यवस्था की जा रही है. कथा के दौरान छिंदवाड़ा शहर को बैनर, पोस्टर और होर्डिंग्स के जरिए पूरी तरह से धार्मिक रंग में रंगने की तैयारी है. कमलनाथ द्वारा कराई जा रही दिव्य कथा दूसरे राजनीतिक दलों के भीतर चर्चा का विषय बनी हुई है. वहीं राजनीति के जानकार यह मान रहे हैं कि कमलनाथ दूसरे दलों से हिन्दुत्व का मुद्दा और टैग छीनने के प्रयास में हैं. कमलनाथ का कहना है कि धर्म पर किसी एक पार्टी का कॉपीराइट नहीं है.