छिंदवाड़ा। कमलनाथ के गृह जिले में भाजपा ने नया प्रयोग करते हुए चार नए चेहरों को मौका दिया है. जिसमें से दो महिलाओं को भी इस बार मैदान में उतारा है, तो वहीं कमलनाथ ने सातों विधानसभा में पुराने विधायकों को ही टिकट देकर फिर से विश्वास जताया है.
बीजेपी के चार नए चेहरे कांग्रेस ने पुराने पर जताया भरोसा: 2018 के विधानसभा चुनाव में सातों सीट पर हार का मुंह देख चुकी भारतीय जनता पार्टी ने इस बार नया प्रयोग करते हुए चार नए चेहरों को मैदान में उतारा है. भारतीय जनता पार्टी ने चौरई, पांढुर्णा, परासिया और अमरवाड़ा में नए प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है. वहीं छिंदवाड़ा, सौसर और अमरवाड़ा में पुराने चेहरों पर ही दांव लगाया है. इसके अलावा कांग्रेस ने सभी सातों में से वर्तमान विधायकों को ही एक बार फिर से मौका दिया है.
जहां से हुई नारी सम्मान योजना की शुरुआत भाजपा ने मैदान में उतारी महिला उम्मीदवार: पूर्व सीएम व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने छिंदवाड़ा जिले के परासिया विधानसभा से नारी सम्मान योजना की शुरुआत की थी. भाजपा ने नया कार्ड खेलते हुए परासिया विधानसभा में महिला उम्मीदवार को मैदान में उतार दिया. तो वहीं अमरवाड़ा में भी इस बार 24 साल की युवती को मैदान में उतारा है, लेकिन कांग्रेस ने छिंदवाड़ा जिले में एक भी महिला को टिकट नहीं दिया है. इसको लेकर भाजपा लगातार कांग्रेस पर हमले भी कर रही है कि नारी सम्मान योजना की बात करने वाले कमलनाथ जिले में एक भी महिलाओं को टिकट नहीं दिया.
टिकट बंटवारे के बाद भाजपा में बगावत: भारतीय जनता पार्टी की छिंदवाड़ा जिले में सभी सात विधानसभा में टिकट बंटवारे के बाद पुराने दिग्गजों ने बगावत शुरू कर दी है. चौरई में पूर्व विधायक पंडित रमेश दुबे को टिकट नहीं मिलने से उनके करीब 2 हजार समर्थकों ने एक साथ पार्टी को इस्तीफा सौंपा हैं. जबकि पार्टी ने चौरई विधानसभा में लोधी जाति के समीकरण को साधने के लिए पहली बार प्रहलाद पटेल के समर्थक लोधी उम्मीदवार मैदान में उतारा है, तो वहीं कांग्रेस के सभी उम्मीदवार कमलनाथ को सीएम बनाने के लिए वोट मांग रहे हैं.