छिंदवाड़ा । जिले में लंपी वायरस की दस्तक के साथ ही पांढुर्ना पारडी गांव में एक बैल की मौत हो गई है, लेकिन प्रशासन अभी भी इसे संदिग्ध मान रहा है. पशु विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं रिपोर्ट आने के बाद पुष्टि हो पाएगी.
पारडी में एक बैल की हुई मौत, प्रशासन ने लगाया कैम्प: जिले के छिंदवाड़ा, परासिया, जुन्नारदेव, हर्रई और पांढुर्ना तहसील में लंपी वायरस ने दस्तक दे दी है. इन तहसीलों में लंपी वायरस के लक्षण देखने को मिल रहे हैं. पांढुर्ना के पारडी ग्राम के किसान माधवराव कोरडे की माने तो उसके बैल की लंपी बीमारी से मौत हो गई है. किसान ने बैल को बचाने 8 हजार रुपये खर्च किये, इसके बाद भी वह बैल को नहीं बचा पाया. इधर, पशु चिकित्सा विभाग अभी आराम फरमा रहा.
जांच रिपोर्ट के बाद ही खुलासा हो पायेगा: कथित रूप में बीमारी से मौत के बाद भी जिम्मेदार पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक एचजीएस पक्षवार का कहना है कि "6 सैम्पल जांच के लिए भेजे हैं, जांच रिपोर्ट के बाद ही खुलासा हो पायेगा". वे बीमारी का ठीकरा जिला बैतूल पर फोड़ रहे हैं, जबकि बीमारी से बचाव के लिए कोई टीकाकरण नहीं करवाया जा रहा है और न कोई अभियान चलाकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है. इस बीमारी से देश प्रदेश में हजारों गाय बैलों की मौत हो चुकी है. इसके बाद भी प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है. जानवरों को लंपी बीमारी से बचाने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं. जिम्मेदार अधिकारी अभी भी यह मान रहे है की छिंदवाड़ा में लंपी बीमारी नहीं है. (Lumpy virus knock in Chhindwara)(Chhindwara lumpy virus)