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हर चुनाव में कमलनाथ की जीत सुनिश्चित करता है ये 'टोटका', भूलने पर एक बार मिल चुकी है हार

नकुनलाथ ने कहा कि उनका बचपन से सपना था कि जब वह चुनाव लड़ें, तब जुन्नारदेव में प्रचार की आखिरी सभा करें.

सीएम कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ
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Published : Apr 28, 2019, 3:03 PM IST

Updated : Apr 28, 2019, 5:15 PM IST

छिंदवाड़ा। हर चुनाव में मुख्यमंत्री कमलनाथ जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में आखिरी जनसभा करते हैं और ऐसा नहीं करने पर उनकी जीत की रफ्तार पर ब्रेक लग जाता है. इस गलती का खामियाजा एक बार कमलनाथ को भुगतना भी पड़ा है, जब 1997 में हुए लोकसभा उपचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने कमलनाथ को हरा दिया था.

हर चुनाव में कमलनाथ की जीत सुनिश्चित करता है ये 'टोटका'


उस चुनाव में कमलनाथ चुनाव प्रचार का समापन जुन्नारदेव से करना भूल गये थे, लोग बताते हैं कि जुन्नारदेव में चुनाव प्रचार की आखिरी सभा नहीं करने का खामियाजा उन्हें हार के रुप में चुकाना पड़ा था. लिहाजा, सीएम कमलनाथ जुन्नारदेव में आखिरी सभा करने को एक परंपरा मानते हैं. इस बार छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस ने नकुलनाथ को चुनावी अखाड़े में उतारा है. इसलिये कमलनाथ के साथ नकुलनाथ ने भी जुन्नारदेव में सभा की है.


नकुनलाथ ने कहा कि उनका बचपन से सपना था कि जब वह चुनाव लड़ें, तब जुन्नारदेव में प्रचार की आखिरी सभा करें. 1997 में मिली हार के बाद 1980 से कमलनाथ यहां हर बार आखिरी सभा करते आ रहे हैं. जहां एक ओर कांग्रेसी इस चुनावी सभा को जीत का मूल मंत्र मानते हैं, वहीं, बीजेपी से जुड़े लोग कहते हैं कि कमलनाथ तंत्र-मंत्र के सहारे चुनाव जीतना चाहते हैं.

छिंदवाड़ा। हर चुनाव में मुख्यमंत्री कमलनाथ जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में आखिरी जनसभा करते हैं और ऐसा नहीं करने पर उनकी जीत की रफ्तार पर ब्रेक लग जाता है. इस गलती का खामियाजा एक बार कमलनाथ को भुगतना भी पड़ा है, जब 1997 में हुए लोकसभा उपचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने कमलनाथ को हरा दिया था.

हर चुनाव में कमलनाथ की जीत सुनिश्चित करता है ये 'टोटका'


उस चुनाव में कमलनाथ चुनाव प्रचार का समापन जुन्नारदेव से करना भूल गये थे, लोग बताते हैं कि जुन्नारदेव में चुनाव प्रचार की आखिरी सभा नहीं करने का खामियाजा उन्हें हार के रुप में चुकाना पड़ा था. लिहाजा, सीएम कमलनाथ जुन्नारदेव में आखिरी सभा करने को एक परंपरा मानते हैं. इस बार छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस ने नकुलनाथ को चुनावी अखाड़े में उतारा है. इसलिये कमलनाथ के साथ नकुलनाथ ने भी जुन्नारदेव में सभा की है.


नकुनलाथ ने कहा कि उनका बचपन से सपना था कि जब वह चुनाव लड़ें, तब जुन्नारदेव में प्रचार की आखिरी सभा करें. 1997 में मिली हार के बाद 1980 से कमलनाथ यहां हर बार आखिरी सभा करते आ रहे हैं. जहां एक ओर कांग्रेसी इस चुनावी सभा को जीत का मूल मंत्र मानते हैं, वहीं, बीजेपी से जुड़े लोग कहते हैं कि कमलनाथ तंत्र-मंत्र के सहारे चुनाव जीतना चाहते हैं.

Intro:चुनावी टोटका पूरा करने कमलनाथ ने जुन्नारदेव में ली आखरी सभा

1980 से लगातार हर चुनाव में आखिरी सभा लेने की है परंपरा

1997 में परंपरा अनुसार सभा नहीं लेने के बाद कमलनाथ को सुंदरलाल पटवा से हार का करना पड़ा था सामना,
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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं छिंदवाड़ा जिले के सांसद कमलनाथ द्वारा छिंदवाड़ा जिले की जुन्नारदेव विधानसभा में चुनाव की आखिरी सभा ली गई परंपरा अनुसार यह कमलनाथ का चुनावी टोटका माना जाता है, मान्यता हैं ऐसा करनेसे कांग्रेस की जीत सुनिश्चित हो जाती है,कमलनाथ द्वारा 1997 में यह चुनावी टोटका नही किया गया तो उन्हें चुनाव में हार का मुँह देखना पड़ा था,।
कमल नाथ द्वारा 40 वर्ष पहले 1980 में अपने पहले लोकसभा चुनाव के दौरानजुन्नारदेव में आखिरी चुनावी सभा लेने की परंपरा चालू की गई थी , 80 के बाद हर चुनाव में वह प्रचार का समापन जुन्नारदेव में ही करते हैं किंतु वर्ष 1997 में लोकसभा के उपचुनाव में कमलनाथ ने यह परंपरा निभाना भूल गये तो, नतीजा यह निकला कि उन्हें सुंदरलाल पटवा के हाथों 38 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद से यह परंपरा आज तक के पूरी ईमानदारी से निभाई जा रही है

छिंदवाड़ा संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे कमलनाथ के पुत्र नकुल नाथ ने भी सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि मेरा बचपन से ही सपना था की जब भी मैं चुनाव लडा तो चुनावी सभा का समापन जुन्नारदेव की आखिरी सभा से ही करूँगा,।
उन्होंने जुन्नारदेव में आखरी सभा करने की परंपरा का आगे निर्वाहन करते रहने की बात भी कही ।
जहां एक और कांग्रेसी इस चुनावी टोटका को कांग्रेस की जीत का मूल मंत्र मानते हैं वहीं भाजपा से जुड़े लोग इसे कमलनाथ के विकास मॉडल को की सच्चाई को जलाते हुए तंत्र मंत्र के सहारे चुनाव में जीतने जैसी बात कही जाती है किंतु मामला जो भी हो लेकिन कमलनाथ द्वारा प्रत्येक चुनाव में जुन्नारदेव से प्रचार का समापन कर चुनावी टोटका निभाया जाता है, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय हैConclusion:Chhindwara
Last Updated : Apr 28, 2019, 5:15 PM IST
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