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छिंदवाड़ा के संजीत ने हुनर से शिक्षा को कर दिया बौना, कबाड़ की जुगाड़ से बनाई बिजली

गरीबी में पले बड़े संजीत के गांव में बिजली कम ही रहती थी. इसके बाद संजीत कबाड़ के सामान को इकट्टठा करने लगे. उन्हें जो भी मिलता वह उससे कुछ अलग करने की जुगत में लग जाते. यही वो वजह रही कि संजीत ने कबाड़ की मदद से एक टंकी में भाप से बिजली बनाने का यंत्र बना डाला.

संजीत विश्वकर्मा
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Published : Mar 21, 2019, 4:54 AM IST

छिंदवाड़ा। हुनर के आगे शिक्षा किस तरह बौनी साबित होती है, अगर ये देखना हो तो छिंदवाड़ा के संजीत विश्वकर्मा से मिलिए. छोटे से गांव रजोला में रहने वाले पांचवीं पास संजीत ने वो कर दिखाया जो अच्छे-अच्छे इंजीनियरिंग छात्र नहीं कर पाते. संजीत ने भाप से बिजली बनाने वाला ऐसा यंत्र तैयार किया है, जो 9 वॉट के एलईडी बल्ब को एक घंटे तक जलाने की क्षमता रखता है.

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गरीबी में पले बड़े संजीत के गांव में बिजली कम ही रहती थी, जिससे उनके मन में ऐसे यंत्र को बनाने का ख्याल आया, जिससे बिजली बन सके. इसके बाद संजीत कबाड़ के सामान को इकट्टठा करने लगे. उन्हें जो भी मिलता वह उससे कुछ अलग करने की जुगत में लग जाते. यही वो वजह रही कि संजीत ने कबाड़ की मदद से एक टंकी में भाप से बिजली बनाने का यंत्र बना डाला.

बिजली बनाने के इस यंत्र के अलावा खेती के कई औजारों सहित ड्रोन जैसे यंत्र भी संजीत ने बनाए हैं. बिना उचित शिक्षा के संजीत ने जिस तरह के यंत्र बनाए हैं, वो बताते हैं कि जिसके मन में कुछ करने की चाह हो, उसकी राह कोई नहीं रोक सकता.

छिंदवाड़ा। हुनर के आगे शिक्षा किस तरह बौनी साबित होती है, अगर ये देखना हो तो छिंदवाड़ा के संजीत विश्वकर्मा से मिलिए. छोटे से गांव रजोला में रहने वाले पांचवीं पास संजीत ने वो कर दिखाया जो अच्छे-अच्छे इंजीनियरिंग छात्र नहीं कर पाते. संजीत ने भाप से बिजली बनाने वाला ऐसा यंत्र तैयार किया है, जो 9 वॉट के एलईडी बल्ब को एक घंटे तक जलाने की क्षमता रखता है.

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गरीबी में पले बड़े संजीत के गांव में बिजली कम ही रहती थी, जिससे उनके मन में ऐसे यंत्र को बनाने का ख्याल आया, जिससे बिजली बन सके. इसके बाद संजीत कबाड़ के सामान को इकट्टठा करने लगे. उन्हें जो भी मिलता वह उससे कुछ अलग करने की जुगत में लग जाते. यही वो वजह रही कि संजीत ने कबाड़ की मदद से एक टंकी में भाप से बिजली बनाने का यंत्र बना डाला.

बिजली बनाने के इस यंत्र के अलावा खेती के कई औजारों सहित ड्रोन जैसे यंत्र भी संजीत ने बनाए हैं. बिना उचित शिक्षा के संजीत ने जिस तरह के यंत्र बनाए हैं, वो बताते हैं कि जिसके मन में कुछ करने की चाह हो, उसकी राह कोई नहीं रोक सकता.

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छिंदवाड़ा के संजीत ने हुनर से शिक्षा को कर दिया बौना, कबाड़ की जुगाड़ से बनाई बिजली



छिंदवाड़ा। हुनर के आगे शिक्षा किस तरह बौनी साबित होती है, अगर ये देखना हो तो छिंदवाड़ा के संजीत विश्वकर्मा से मिलिए. छोटे से गांव रजोला में रहने वाले पांचवीं पास  संजीत ने वो कर दिखाया जो अच्छे-अच्छे इंजीनियरिंग छात्र नहीं कर पाते. संजीत ने भाप से बिजली बनाने वाला ऐसा यंत्र तैयार किया है, जो 9 वॉट के एलईडी बल्ब को एक घंटे तक जलाने की क्षमता रखता है.





गरीबी में पले बड़े संजीत के गांव में बिजली कम ही रहती थी, जिससे उनके मन में ऐसे यंत्र को बनाने का ख्याल आया, जिससे बिजली बन सके. इसके बाद संजीत कबाड़ के सामान को इकट्टठा करने लगे. उन्हें जो भी मिलता वह उससे कुछ अलग करने की जुगत में लग जाते. यही वो वजह रही कि संजीत ने कबाड़ की मदद से एक टंकी में भाप से बिजली बनाने का यंत्र बना डाला.



बिजली बनाने के इस यंत्र के अलावा खेती के कई औजारों सहित ड्रोन जैसे यंत्र भी संजीत ने बनाए हैं. बिना उचित शिक्षा के संजीत ने जिस तरह के यंत्र बनाए हैं, वो बताते हैं कि जिसके मन में कुछ करने की चाह हो, उसकी राह कोई नहीं रोक सकता.



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गरीबी में पले बड़े संजीत के गांव में बिजली कम ही रहती थी. इसके बाद संजीत कबाड़ के सामान को इकट्टठा करने लगे. उन्हें जो भी मिलता वह उससे कुछ अलग करने की जुगत में लग जाते. यही वो वजह रही कि संजीत ने कबाड़ की मदद से एक टंकी में भाप से बिजली बनाने का यंत्र बना डाला.



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