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छत्तीसगढ़ के 4 नाबालिग समेत 8 को एमपी में बनाया था बंधुआ मजदूर, जिला प्रशासन ने दिलाई मुक्ति - SHIVPURI BONDED LABOURERS CASE

मध्यप्रदेश के शिवपुरी में छत्तीसगढ़ के 8 मजदूरों को बंधक बनाकर बिना पैसा दिए जबरन काम कराया जा रहा था.

Shivpuri Bonded Labourers Case
शिवपुरी में छत्तीसगढ़ के 8 बंधुआ मजदूरों को किया गया रिहा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 26, 2024, 2:16 PM IST

Updated : Dec 26, 2024, 2:29 PM IST

शिवपुरी: जिले के सिरसौद थाना क्षेत्र में बंधुआ मजदूरी का मामला सामने आया है. आरोप है कि एक फार्म हाउस में छत्तीसगढ़ के मजदूरों को बंधक बनाकर जबरन काम कराया जा रहा था. बंधक बनाए गए मजदूरों में कई नाबालिग भी शामिल हैं. बुधवार शाम लेबर इंस्पेक्टर ने पुलिस बल के साथ पहुंचकर बंधक बनाए गए मजदूरों को रिहा कराया. सभी को फिलहाल स्थानीय रेन बसेरा में रखा गया है. कानूनी कार्रवाई के बाद सभी मजदूरों को छत्तीसगढ़ वापस भेज दिया जाएगा.

छत्तीसगढ़ से मिले थे इनपुट

एसडीएम उमेश कौरव ने कहा, "लेबर इंस्पेक्टर आशीष तिवारी को बलरामपुर छत्तीसगढ़ के लेबर इंस्पेक्टर ने फोन किया था. उन्होंने बताया है कि ग्राम मानिकपुर में धर्मेंद्र रावत के फार्म हाउस पर कुछ मजदूरों से जबरन मजदूरी करवाई जा रही है." एसडीएम ने आगे बताया, " न तो लेबर को खाने-पीने के लिए पर्याप्त खाना दिया जा रहा था और ना ही उन्हें वापस जाने की इजाजत थी. उनका वेतन भी नहीं दिया गया है.'' सूचना के बाद शिवपुरी के एसडीएम कौरव और लेबर इंस्पेक्टर आशीष तिवारी पुलिस फोर्स के साथ धर्मेन्द्र रावत के फार्म हाउस पर पहुंचे तो वहां सभी मजदूर काम करते हुए पाए गए."

जानकारी देते एसडीएम (Etv Bharat)

आर्थिक सहायता की जाएगी

मजदूरों ने पूछताछ में बताया है कि जबरन बंधक बनाकर काम करवाया जा रहा था. वे अपने घर लौटना चाहते हैं लेकिन घर जाने नहीं दिया जा रहा है. साथ ही वेतन भी नहीं दिया है. प्रशासन ने सभी मजदूरों को रिहा करवाकर रेन बसेरा में भेज दिया है. एसडीएम के अनुसार लेबर इंस्पेक्टर उचित आपराधिक प्रकरण तैयार कर सभी को न्यायालय में पेश करेंगे. उसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी. सभी मजदूरों को नियमानुसार 30-30 हजार रु की आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी.

शिवपुरी: जिले के सिरसौद थाना क्षेत्र में बंधुआ मजदूरी का मामला सामने आया है. आरोप है कि एक फार्म हाउस में छत्तीसगढ़ के मजदूरों को बंधक बनाकर जबरन काम कराया जा रहा था. बंधक बनाए गए मजदूरों में कई नाबालिग भी शामिल हैं. बुधवार शाम लेबर इंस्पेक्टर ने पुलिस बल के साथ पहुंचकर बंधक बनाए गए मजदूरों को रिहा कराया. सभी को फिलहाल स्थानीय रेन बसेरा में रखा गया है. कानूनी कार्रवाई के बाद सभी मजदूरों को छत्तीसगढ़ वापस भेज दिया जाएगा.

छत्तीसगढ़ से मिले थे इनपुट

एसडीएम उमेश कौरव ने कहा, "लेबर इंस्पेक्टर आशीष तिवारी को बलरामपुर छत्तीसगढ़ के लेबर इंस्पेक्टर ने फोन किया था. उन्होंने बताया है कि ग्राम मानिकपुर में धर्मेंद्र रावत के फार्म हाउस पर कुछ मजदूरों से जबरन मजदूरी करवाई जा रही है." एसडीएम ने आगे बताया, " न तो लेबर को खाने-पीने के लिए पर्याप्त खाना दिया जा रहा था और ना ही उन्हें वापस जाने की इजाजत थी. उनका वेतन भी नहीं दिया गया है.'' सूचना के बाद शिवपुरी के एसडीएम कौरव और लेबर इंस्पेक्टर आशीष तिवारी पुलिस फोर्स के साथ धर्मेन्द्र रावत के फार्म हाउस पर पहुंचे तो वहां सभी मजदूर काम करते हुए पाए गए."

जानकारी देते एसडीएम (Etv Bharat)

आर्थिक सहायता की जाएगी

मजदूरों ने पूछताछ में बताया है कि जबरन बंधक बनाकर काम करवाया जा रहा था. वे अपने घर लौटना चाहते हैं लेकिन घर जाने नहीं दिया जा रहा है. साथ ही वेतन भी नहीं दिया है. प्रशासन ने सभी मजदूरों को रिहा करवाकर रेन बसेरा में भेज दिया है. एसडीएम के अनुसार लेबर इंस्पेक्टर उचित आपराधिक प्रकरण तैयार कर सभी को न्यायालय में पेश करेंगे. उसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी. सभी मजदूरों को नियमानुसार 30-30 हजार रु की आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी.

Last Updated : Dec 26, 2024, 2:29 PM IST
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