छिंदवाड़ा। कलेक्टर कार्यालय परिसर में सहायक आयुक्त कार्यालय में उस समय हड़कंप मच गया जब हॉस्टल अधीक्षिका प्रमिला साहू और सहायक आयुक्त के बीच विवाद हो गया. जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त ने महिला से दफ्तर में अभद्रता का आरोप लगाते हुए वरिष्ठों से शिकायत की. जिसके बाद अधीक्षक को सस्पेंड कर दिया गया है. हंगामे के बाद महिला अधीक्षक को कलेक्टर कार्यालय से बाहर किया गया.
महिला हुई बेहोश : विवाद के बाद पुलिसकर्मियों ने महिला को परिसर में छोड़ दिया. जहां वह बेहोश होकर गिर पड़ी. महिला के साथी होश में लाने का प्रयास करते रहे. बाद में पुलिस ने महिला को अस्पताल पहुंचाया. ये महिला अमरवाड़ा स्थित महिला आदिवासी हॉस्टल की अधीक्षिका हैं. अधीक्षिका ने सहायक आयुक्त ट्राइबल और अमरवाड़ा क्षेत्र में पदस्थ मंडल संयोजक रजनी आगमे पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अमरवाड़ा आदिवासी कन्या हॉस्टल की अधीक्षिका प्रमिला साहू मंगलवार को सहायक आयुक्त कार्यालय आई थी.
कारण बताओ नोटिस का जवाब : महिला का कार्यालय में विवाद सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विकास विभाग सत्येंद्र सिंह मरकाम से हुआ. कलेक्टर कार्यालय परिसर में प्रमिला ने कहा कि उसके पास एक अन्य छात्रावास का भी प्रभार है. कुछ माह पूर्व मे पदस्थ सहायक आयुक्त द्वारा उस छात्रावास में एक अन्य शिक्षिका अधीक्षक बनाया गया है. जॉइनिंग के बाद उक्त अधीक्षिका लगातार संस्था में अनुपस्थित रहती हैं. जिस कारण से उन्हें पूर्ण रूप से प्रभार नहीं दिया जा सका है. इस आशय के साक्ष्य उन्हें मिले. कारण बताओ नोटिस के जवाब में उनके द्वारा सहायक आयुक्त कार्यालय में जमा करा दिया गया है.
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रिश्वत मांगने का आरोप : महिला का कहना है कि अधीक्षिका के संस्था में उपस्थित नहीं होने की जानकारी मंडल संयोजक रजनी आगमे को थी. मंडल संयोजक रजनी आगमे ₹25 हजार की मांग करती हैं. उक्त संस्था का कुछ प्रभार पूर्व में दिया जा चुका है. सिर्फ वित्तीय प्रभार शेष बचा है जोकि दस्तावेज पूर्ण होने पर दे दिया जाएगा. महिला ने कार्यालय में पदस्थ बाबू सहित सहायक आयुक्त पर रुपए मांगने और मारपीट करने जैसे कई गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं सहायक आयुक्त सत्येंद्र सिंह मरकाम ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है और कहा कि महिला द्वारा अभद्र व्यवहार करते हुए चप्पल उतार कर मारने की कोशिश की गई.