छिंदवाड़ा। पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते भाजपा जिला अध्यक्ष के द्वारा सौसर के पूर्व विधायक रामराव महाले को जारी किए गए नोटिस पर पूर्व विधायक ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, मेरे किन कामों के बारे में स्पष्टीकरण चाहा गया है नोटिस में स्पष्ट नहीं है
किस चीज का मांगा गया स्पष्टीकरण
पूर्व विधायक और संतराचल के वरिष्ठ भाजपा नेता रामराव महाले को नोटिस का मामला अब तूल पकड़ रहा है. पूर्व विधायक रामराव महाले ने पार्टी से जारी कारण बताओ नोटिस के जवाब में भाजपा जिला अध्यक्ष को पत्र लिखा है, जिसमें मांगे गए स्पष्टीकरण पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, उन्हें प्राप्त नोटिस में कहा गया है कि आपने पार्टी के जिला एवं प्रदेश संगठन को जानकारी दिए बिना आपके द्वारा किए गए काम पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों की अवहेलना की श्रेणी में आते हैं, लेकिन नोटिस में स्पष्ट नहीं है कि उनके किन कामों के बारे में स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है.
पत्र में पूर्व विधायक रामराव महाले ने लिखा है कि उन्हें पार्टी के संविधान की पूरी जानकारी है, जिसके मुताबिक भाजपा के कार्यकर्ताओं के लिए जनता का हित सबसे पहले है. उसके बाद पार्टी का और अंत में व्यक्ति का हित का चिंतन होना चाहिए. उनके द्वारा कपास और मक्का उत्पादक किसानों के साथ हो रहे अन्याय को लेकर ही प्रशासन से संबंधित मुद्दों पर समय-समय पर मांगे रखी गई है, जिन पर ध्यान नहीं दिए जाने की स्थिति में 18 दिसंबर को कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को मक्का उत्पादक किसानों को भाव ना मिल पाने को लेकर ज्ञापन दिया गया था, और 26 दिसंबर को 1 सप्ताह बाद ध्यानाकर्षण के लिए भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों के साथ अनशन शुरू किया था. भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष के प्रयासों से प्रदेश के कृषि मंत्री और मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष से चर्चा कराई उनके आश्वासन पर अनशन तत्काल स्थगित कर दिया गया था.
अवैध कामों पर लगाम नहीं लगा पा रही भाजपा
पूर्व विधायक ने भाजपा जिला अध्यक्ष पर सवाल उठाते हुए लिखा है कि सौसर क्षेत्र में रेत, शराब माफियाओं के हौसले बुलंद हैं. माफिया द्वारा करोड़ों का गैरकानूनी खेल खेला जा रहा है. नदियों को छलनी किया जा रहा है, जिसकी जानकारी मीडिया के जरिए उजागर होने पर भी कोई कदम नहीं उठाया गया. उन्होंने लिखा है कि जिले में शराब माफिया कोयला माफिया और भूमाफिया भी सक्रिय हैं. पार्टी की रीति नीति के मुताबिक तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन अभी तक जिला स्तर से कोई भी कार्रवाई के लिए प्रयास नहीं किए गए हैं.