छिंदवाड़ा। पांढुर्णा में 2008 से 2013 के दौरान विधायक रहे रामराव कवरेती पिछले 15 दिनों से कोविड संक्रमण थे. सबसे पहले उन्हें पांढुर्ना के कोविड अस्पताल में ठीक से इलाज नहीं मिला, तो उन्हें छिंदवाड़ा रेफर किया गया, लेकिन छिंदवाड़ा में बिस्तर नहीं मिला और कुछ दिन भी जमीन पर ही लेट कर इलाज कराते रहे. जिसके बाद उन्हें वापस पांढुर्णा कोविड अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन पांढुर्णा में उन्हें भर्ती नहीं किया गया. जिसके बाद उन्हें मवेशियों के तबेले में कोरेंटिन हो गए. लेकिन उनकी मौत हो गई.
मवेशियों के तबेले में खेत में थे आइसोलेटेड
सिस्टम से हारकर पूर्व विधायक ने घरवालों को कोई परेशानी ना हो इसलिए खेत में बने मवेशियों के तबेले में खुद को आइसोलेटेड कर इलाज शुरू कर दिया था लेकिन धीरे-धीरे उनकी हालत बिगड़ती गई आखिरकार मंगलवार को सोशल मीडिया में उनकी हालत बिगड़ने की खबर चली जिसके बाद प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग की गाड़ी पहुंचाकर उन्हें नजदीकी जिला बैतूल में एडमिट कराया था, जहां पर उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई.
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2008 से 2013 तक रहे बीजेपी के विधायक
रामराव कवरेती साल 2008 से 2013 के बीच पांढुर्ना विधानसभा से विधायक थे. 2013 में उनका टिकट काट दिया गया था. रामराव कवरेती के ड्राइवर ने बताया कि उन्होंने भाजपा के कई बड़े नेताओं को फोन किया लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी आखिरकार परेशान होकर उन्होंने खेत में बनेगी मवेशियों के तबेले में इलाज शुरू कर दिया. लेकिन उन्हें सटीक इलाज नहीं मिल पाने के कारण उनकी मौत हो गई.